Animal Fodder: सिर्फ दलहनी चारे से नहीं होगी मिनरल मिक्चर की भरपाई, पशु को ज्यादा खि‍लाने पर होती है परेशानी 

Animal Fodder: सिर्फ दलहनी चारे से नहीं होगी मिनरल मिक्चर की भरपाई, पशु को ज्यादा खि‍लाने पर होती है परेशानी 

Fodder and Mineral Mixture पशुओं को ज्यादा हरा दलहनी चारा खिलाने से बचें. हरा चारा खिलाने पर सूखे चारे की मात्रा को बराबर हिसाब से रखें. इस दौरान हरा चारा खिलाते वक्त पशुओं पर पूरी निगरानी बनाए रखें. क्योंकि ऐसा होने पर पशु को तो तकलीफ होती ही है साथ में दूध का उत्पादन भी घटने लगता है. 

पशुओं के लिए वरदान है ये चारापशुओं के लिए वरदान है ये चारा
नासि‍र हुसैन
  • Delhi,
  • Oct 24, 2025,
  • Updated Oct 24, 2025, 12:04 PM IST

Fodder and Mineral Mixture गाय-भैंस और भेड़-बकरियों के लिए रोजाना एक ऐसी खुराक की जरूरत होती है जो उनकी सेहत भी अच्छी रखे और उत्पादन भी बढ़े. इसके लिए एनिमल न्यूट्रीशन एक्सपर्ट बैलेंस डाइट खि‍लाने की सलाह देते हैं. और बैलेंस डाइट तैयार होती है हरे-सूखे चारे और मिनरल मिक्चर (दाना) से. पशुओं की जरूरत वाले सभी पोषक तत्वों की पूर्ति करने वाली खुराक को बैलेंस डाइट कहा जाता है. लेकिन कुछ पशुपालक पोषक तत्वों की पूर्ति करने के लिए पूरी तरह से मौसमी चारे पर निर्भर हो जाते हैं. खासतौर पर सर्दियों के मौसम में पशुओं को जमकर दलहनी चारा खि‍लाते हैं. जबकि हरे-सूखे चारे के साथ पशुओं के लिए मिनरल मिक्चर पशुओं के लिए बहुत जरूरी होता है. 

इससे पशु क्वालिटी का दूध तो देते ही हैं, साथ में उनकी हैल्थ भी बनती है. लेकिन सूखे और हरे चारे के मुकाबले दाना बहुत महंगा पड़ता है. लेकिन खासतौर पर सर्दियों में एनिमल एक्सपर्ट महंगे दाने के मुकाबले दलहनी रसदार हरा चारा खिलाने की भी सलाह देते हैं. लेकिन कुछ ख्याल इस बात का रखना होता है कि पशुओं को दलहनी चारा ज्यादा न खि‍लाया जाए. क्योंकि ऐसा होने से पशुओं को पेट संबंधी कई तरह की बीमारी हो जाती है. 

हरे चारे के साथ सूखा चारा खि‍लाना का ये है फायदा

डेयरी एक्सपर्ट का कहना है कि हरे चारे में नमी की मात्रा काफी होती है. पशु जब इस दौरान हरा चारा ज्यादा खाता है तो उसे डायरिया समेत और भी दूसरी बीमारी होने का खतरा बना रहता है. इतना ही नहीं उस चारे में मौजूद नमी के चलते ही दूध की क्वालिटी पर भी असर आ जाता है. इसलिए ये बेहद जरूरी है कि जब हमारा पशु हरा चारा खा रहा हो या बाहर चरने के लिए जा रहा हो तो हम पहले उसे सूखा चारा और थोड़ा बहुत मिनरल्स जरूर दें. सूखा चारा खूब खिलाने से हरे चारे में मौजूद नमी का स्तर सामान्य हो जाता है. वहीं मिनरल्स देने से दूध में फैट और दूसरी चीजों का स्तर भी बढ़ जाता है और दूध की क्वा‍लिटी खराब नहीं होती है. 

पशु की अफरा परेशानी को ऐसे कर सकते हैं दूर 

पशु कौनसा है और उसकी उम्र कितनी है, ये सब बातें देखने के बाद ही उसे हरा, सूखा चारा और दाना खाने को दिया जाता है. इसलिए दाने की जगह दलहनी हरा चारा खिलाते वक्तब इस बात का खास ख्या ल रखें की उसकी मात्रा ज्याददा ना हो जाए. अगर जयारा हरा चारा खाने से पशु को दस्त हो जाएं तो फौरन ही डाक्टखर की सलाह लें. पेट में अफरा हो तो बड़े पशु को 500 ग्राम सरसों के तेल में 50 ग्राम तारपीन का तेल मिलाकर पिलाया जा सकता है. साथ ही दलहनी हरे चारे को थोड़ा सा सुखाकर खिलाएं तो वो नुकसान नहीं करेगा. 

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