Milk Production: दूध उत्पादन में नंबर वन बनने के लिए मध्य प्रदेश कर रहा इन योजनाओं पर काम 

Milk Production: दूध उत्पादन में नंबर वन बनने के लिए मध्य प्रदेश कर रहा इन योजनाओं पर काम 

Milk Production in MP इंडियन डेयरी एसोसिएिशन (आईडीए) के प्रेसिडेंट डॉ. आरएस सोढ़ी का कहना है कि दूध को बड़े लेवल पर पूर्ण भोजन के रूप में मान्यता हासिल है. ये भोजन स्वास्थ्य के लिए जरूरी पोषक तत्वों की आपूर्ति करता है. पीढ़ियों से डेयरी प्रोडक्ट मानव पोषण का एक मूलभूत हिस्सा रहे हैं, जो स्वास्थ्य लाभ देने के साथ ही बीमारी की रोकथाम में भी मदद करते हैं. 

Milk production Madhya PradeshMilk production Madhya Pradesh
नासि‍र हुसैन
  • Delhi,
  • Oct 24, 2025,
  • Updated Oct 24, 2025, 1:45 PM IST

Milk Production in MP भारत को दूध उत्पादन की कैपिटल यानि राजधानी भी कहा जाता है. उसकी वजह है कि विश्व के कुल दूध उत्पादन में भारत की हिस्सेदारी 24 फीसद है. बीते करीब 27 साल से भारत दूध उत्पादन में नंबर वन बना हुआ है. बीते साल भारत में 24 करोड़ टन दूध का उतपादन हुआ था. बावजूद इसके देश में संगठित क्षेत्र द्वारा सिर्फ 25-30 फीसद दूध की प्रोसेसिंग की जा रही है. ये इस बात का भी संकेत है कि डेयरी सेक्टर में हाई क्वालिटी वाले डेयरी प्रोडक्ट की उपलब्धता बढ़ाने के लिए बहुत मौके हैं. 

डेयरी सेक्टर में रोजगार और तरक्की के मौकों को देखते हुए मध्य प्रदेश सरकार लगातार अपने राज्य में पशुपालन और डेयरी को बढ़ावा दे रही है. इसके लिए कई बड़ी योजनाएं चलाई जा रही हैं. डेयरी में निवेश के लिए लोगों को आमंत्रित किया जा रहा है. इसी के चलते हाल ही में इंडियन डेयरी एसोसिएिशन के सहयोग से मध्य प्रदेश में एक बड़े कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. 

दूध उत्पादन बढ़ाने को सरकार कर रही ये काम 

डॉ. आरएस सोढ़ी का कहना है कि मध्य प्रदेश में डेयरी क्षेत्र बहुत ही महत्वपूर्ण मोड़ पर है. राज्य सरकार देश के कई हिस्सों में डेयरी में मिली सफलताओं को अपने यहां दोहराने के लिए डेयरी में विकास को गति देने के लिए तैयार है. राज्य डेयरी फेडरेशन (सांची) को संभालने के लिए मध्य प्रदेश सरकार और एनडीडीबी के बीच नवीनतम समझौता इस लक्ष्य की दिशा में एक बड़ा कदम है. विक्रम विश्वविद्यालय में डेयरी प्रौद्योगिकी डिग्री कार्यक्रम शुरू करने की दूसरी पहल डेयरी उद्योग के लिए प्रशिक्षित जनशक्ति विकसित करने में मदद करेगी. भारतीय डेयरी संघ (पश्चिम क्षेत्र) एक शीर्ष निकाय है जो डेयरी क्षेत्र के विभिन्न हितधारकों का प्रतिनिधित्व करता है और इसलिए इस कार्यक्रम में डेयरी पेशेवरों, शिक्षाविदों, उद्योग, किसानों और नीति-निर्माताओं को एक साथ लाने की कोशि‍श की गई है.

कार्यक्रम का मकसद ज्ञान के आदान-प्रदान को बढ़ावा देना, डेयरी क्षेत्र में नवाचारों को उजागर करना और राज्य में वास्तविक डेयरी उत्पादों के लिए उपभोक्ता जागरूकता बढ़ाना है. प्रतिष्ठित विशेषज्ञ और पैनलिस्ट दूध उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाने, चारा और चारा संसाधनों का अनुकूलन करने, स्मार्ट डेयरी फार्मिंग प्रथाओं को लागू करने और अत्याधुनिक उत्पादन तकनीकों को अपनाने सहित विभिन्न महत्वपूर्ण विषयों का पता लगाया गया. चर्चा में एआई, डिजिटलीकरण, विपणन रणनीतियों, सुरक्षा और गुणवत्ता मानकों और उद्योग के कार्बन पदचिह्न को कम करने पर भी बातचीत हुई. 

डेयरी में मध्य प्रदेश एक नजर में 

मध्य प्रदेश में डेयरी राज्य की कृषि अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण घटक है, जो ग्रामीण आजीविका और व्यापक खाद्य उद्योग दोनों में महत्वपूर्ण योगदान देता है. मध्य प्रदेश में डेयरी क्षेत्र की वर्तमान स्थिति और भविष्य की संभावनाओं का अवलोकन दिया गया है. मध्य प्रदेश दूध उत्पादन के मामले में भारत में तीसरे स्थान पर है. राष्ट्रीय उत्पादन में लगभग नौ फीसद का योगदान देता है. 2019 पशुधन गणना के अनुसार मध्य प्रदेश में पशुधन की पर्याप्त आबादी है. मवेशियों की बात करें तो देश में (187.5 लाख) में तीसरे स्थान पर और भैंसों (103.5 लाख) में चौथे स्थान पर है.

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