सर्दी में दुधारू पशुओं में बढ़ जाता है इस बीमारी का खतरा, डॉक्टर से जानिए क्या है वजह

सर्दी में दुधारू पशुओं में बढ़ जाता है इस बीमारी का खतरा, डॉक्टर से जानिए क्या है वजह

पशु चिकित्सकों का मानना है कि सर्दियों के मौसम में मवेशी कम पानी पीते हैं. इस कारण उनको पथरी की समस्या होने की ज्यादा आशंका रहती है. ऐसे में उन मवेशियों को पशु चिकित्सक से परामर्श लेकर रोजाना 20 ग्राम नौसादर खिलाकर उनको इस समस्या से बचाया जा सकता है.

सर्दियों में दुधारू पशुओं में बढ़ जाता है इस बीमारी को खतरासर्दियों में दुधारू पशुओं में बढ़ जाता है इस बीमारी को खतरा
संदीप कुमार
  • Noida,
  • Jan 11, 2024,
  • Updated Jan 11, 2024, 6:48 PM IST

देश के कई राज्यों में ठंड और शीतलहर का प्रकोप बढ़ते जा रहा है. शीतलहर के सीतम से आमजन तो परेशान हैं ही, साथ में किसान और पशुपालक भी परेशान हैं. पशुओं के लिए ये शीतलहर कई बीमारियों का घर हो जाती है. दरअसल ठंड में पशुपालकों को अपने पशुओं को लेकर विशेष सावधानी बरतनी पड़ती है. ऐसे में पशुओं को बदलते मौसम में कुछ आवश्यक चीजों को लेकर पशुपालकों को ध्यान रखना होता है. नहीं तो पशुओं में इन समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है, जिससे पशुपालकों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. साथ ही इन बीमारियों से पशुओं को भी कई दिक्कतें होती हैं. आइए जानते हैं ठंड में पशुओं पर कौन सी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है.

पथरी का बढ़ जाता है खतरा

पशु चिकित्सकों का मानना है कि सर्दियों के मौसम में मवेशी कम पानी पीते हैं. इस कारण उनको पथरी की समस्या होने की ज्यादा आशंका रहती है. ऐसे में उन मवेशियों को पशु चिकित्सक से परामर्श लेकर रोजाना 20 ग्राम नौसादर खिलाकर उनको इस समस्या से बचाया जा सकता है. अगर समय रहते इस समस्या का समाधान नहीं किया गया तो यह पथरी पशुओं के पेशाब नली में आकर फंस जाती है.

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इस कारण उनका पेट फूलने लगता है और पेशाब न होने के कारण उनकी मौत तक हो जाती है. आपको बता दें कि कई पशु चिकित्सालयों में मवेशियों का फ्री में पथरी का ऑपरेशन किया जा रहा है. आज के समय में पशुओं में पथरी की समस्या अब आम बात हो चुकी है, जिसका समय रहते अगर इलाज नहीं किया गया तो यह जानलेवा भी साबित हो सकती है.

मवेशियों को खुले में न बांधें

चिकित्सकों का मानना है कि सर्दी में पशुओं की अच्छी तरह देखभाल करनी चाहिए, जिससे सर्दी में मवेशियों के स्वास्थ्य पर कोई दुष्प्रभाव न पड़े. सर्दी में दुधारू गाय, भैंस में दूध की कमी हो जाती है. ठंड की वजह से मवेशी कई तरह की बीमारियों के शिकार हो जाते हैं. ऐसे में पशुपालकों को चाहिए कि मवेशी के रहने के स्थान पर साफ-सफाई रखें. सर्दी में मवेशियों को खुले में न बांधे. साथ ही उन्हें कंबल या जूट के बोरे से बने ओढ़नी ओढ़ाएं. इसके अलावा संतुलित मात्रा में पशुओं को पौष्टिक प्रोटीन युक्त चारा खिलाएं.

पानी की कमी है कारण

सर्दी के मौसम में मवेशियों को पानी की कमी के कारण पेशाब नली में पथरी हो जाती है. समय से इलाज न मिलने और पेशाब बंद होने से मवेशियों की मौत भी हो जाती है. ऐसा होने पर पशुओं का इलाज और ऑपरेशन करवाना चाहिए. साथ ही ठंड में पशुपालकों को पशु चिकित्सक से राय लेना भी बहुत जरूरी रहता है.

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