देश के कई राज्यों के किसान नीलगाय और जंगली पशुओं के आतंक से परेशान हैं. आए दिन किसान अपनी फसलों के नुकसान को लेकर काफी चिंतित रहते हैं कि वे इसे जंगली जानवरों से कैसे बचाएं. ये जानवर खेतों में लगी फसलों को चरने से ज्यादा फसलों को रौंद देते हैं. इससे किसानों की लागत और कड़ी मेहनत बर्बाद हो जाती है. ऐसे में किसान अपनी फसलों को बचाने के लिए अपने खेतों में कई प्रकार के उपाय करते हैं.
वहीं कई किसान रात-रात भर जागकर खेतों की रखवाली करते हैं. ऐसे में आपके लिए एक अच्छी खबर है. अब आपको अपनी फसलों की निगरानी करने के लिए रात भर जागने की जरूरत नहीं पड़ेगी. एक ऐसी मशीन आई है जिससे नीलगाय के आतंक से परेशान किसान अपनी फसलों को बर्बाद होने से बचा सकते हैं. आइए जानते हैं क्या है ये मशीन और कौन से राज्य के किसान सबसे अधिक कर रहे हैं इसका इस्तेमाल.
खेतों में खड़ी फसलों को नीलगाय और जंगली पशुओं को बचाने के लिए बाजारों में अब नई-नई तकनीक की मशीनें आने लगी हैं जिसके इस्तेमाल से आप अपनी फसलों को नुकसान होने से बचा सकते हैं. इसी में एक मशीन है जिसका नाम झटका मशीन है. एक रिपोर्ट के अनुसार इस मशीन का इस्तेमाल सबसे अधिक बिहार और यूपी के किसान कर रहे हैं. आंकड़ों के अनुसार बड़े जोत वाले यानी अनुमानित 10 बीघा में खेती करने वाले किसान इन मशीनों का उपयोग सबसे अधिक कर रहे हैं. दोनों राज्यों के कई जिलों के किसान इसका इस्तेमाल कर अपनी फसलों को नुकसान से बचा रहे हैं.
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झटका मशीन का इस्तेमाल करने के लिए आपको अपने खेतों को इसके तारों से वायरिंग करनी होती है. खेतों का अच्छी तरह घेराव करने के बाद झटका मशीन से इन तारों में करेंट दे दिया जाता है, जिससे यदि कोई जानवर खेतों में आता है तो उसे तेज करंट लगता है. इसलिए काफी लोग इसे करंट वाली मशीन भी कहते हैं. ध्यान रखें कि इस मशीन को पूरी जांच पड़ताल के बाद सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त होने के बाद ही खेतों में लगाया जाता है. ऐसा इसलिए क्योंकि यह इंसानी जिंदगी के लिए भी खतरा पैदा कर सकती है.
इस झटका मशीन की खासियत ये है कि ये पशुओं को कुछ सेकंड झटका देने के बाद छोड़ देती है, जिससे कोई भी जानवर घायल नहीं होता है या इसके करंट से किसी भी जानवर या प्राणी को मरने का खतरा नहीं होता है. अगर झटका मशीन की कीमत की बात करें तो यह 3000 रुपये से लेकर 5000 रुपये तक में मिल जाती है. इसमें बैटरी को अलग से लेना पड़ता है. एक झटका मशीन 10 एकड़ खेत को कवर करती है. वहीं ये मशीन 12 वोल्ट की बैटरी और सोलर पावर से चलती है.
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