Animal Diseases: गाय-भैंस को बहुत परेशान करती हैं ये तीन बीमारियां, घर पर ऐसे कर सकते हैं इलाज

Animal Diseases: गाय-भैंस को बहुत परेशान करती हैं ये तीन बीमारियां, घर पर ऐसे कर सकते हैं इलाज

Animal Diseases Treatment कुछ बीमारियों के उपाय ऐसे हैं जिन्हें अगर रोजमर्रा की दिनचर्या में शामिल कर लिए तो कई बीमारी गाय के पास फटकेंगी भी नहीं. और ये सब वो चीजें हैं जो एक आम पशुपालक के बाड़े में या घर पर आसानी से मिल जाती हैं और सस्ती भी होती हैं. 

Advanced breeds of cow and buffaloAdvanced breeds of cow and buffalo
नासि‍र हुसैन
  • Jun 16, 2025,
  • Updated Jun 16, 2025, 6:50 PM IST

Animal Diseases Treatment जूं-किलनी, दस्त-मरोड़ और चोट या घाव में कीड़े पड़ने की परेशानी पशुओं में बहुत देखी जाती है. कब ये बीमारी पशुओं को अपनी चपेट में ले लें इसका कोई पता नहीं चलता. जरा सी लापरवाही होने पर पशु बीमार हो जाता है. और नतीजा ये निकलता है कि पशुपालक की लागत बढ़ जाती है. क्योंकि एक तरफ तो गाय-भैंस हो या भेड़-बकरी उनके इलाज का खर्च बढ़ जाता है, दूसरा ये कि पशुओं के जरा सा भी बीमार होने पर उसका उत्पादन घट जाता है. एनिमल एक्सपर्ट के मुताबिक हर बीमारी का इलाज पशुपालक से सलाह लेकर ही कराना चाहिए. 

लेकिन कुछ बीमारी ऐसी भी हैं जिन्हें घर पर ही डॉक्टर की सलाह से ठीक किया जा सकता है. आमतौर पर इलाज में काम आने वाली सभी चीजें घर पर ही मिल जाती हैं. और अच्छी बात ये है कि इनके इलाज पर होने वाला खर्च भी न के बराबर ही आता है. लेकिन इन आम बीमारियों की अनदेखी गंभीर बीमारी का रूप ले लेती है. इतना ही नहीं पशु की ग्रोथ और दूध उत्पादन पर भी बड़ा असर पड़ता है. 

जूं और किलनी का होना

गाय के जूं और किलनी होने के दौरान नीम के पत्तों को पानी में उबालकर गाय के शरीर पर स्प्रे करें. या फिर एक कपड़े को नीम के पानी में डालकर कपड़े से पशु को धोना चाहिए. इस उपाय को कई दिन लगातार करने से गाय की जूं और किलनी की परेशानी दूर हो जाती है. 

चोट या घाव में कीड़े 

चोट या घाव में कीड़े पड़ने से कोई भी पशु बहुत ज्याहदा परेशानी महसूस करता है. जब भी पशु के शरीर पर कोई भी चोट या घाव देखें तो फौरन ही उसकी गर्म पानी में फिनाइल या पोटाश डालकर सफाई करनी चाहिए. घाव में अगर कीड़े हों तो एक पट्टी को तारपीन के तेल में भिगोकर पशु के उस हिस्सेट पर बांध देनी चाहिए. मुंह के घावों को हमेशा फिटकरी के पानी से धोना चाहिए. लेकिन साथ ही साथ घाव से जुड़े उपाय जानने के लिए डॉक्टार से से संपर्क जरूर करना चाहिए.

दस्त और मरोड़

गाय को दस्तफ और मरोड़ होने पर वो पतला गोबर करने लगती है. डॉक्टिरों का कहना है कि किसी भी पशु को इस तरह की परेशानी तब होती है जब पशु के पेट में ठंड लग जाए. अगर ऐसा होता है तो इस दौरान गाय को हल्का आहार देना चाहिए जैसे चावल का माड़, उबला हुआ दूध, बेल का गुदा आदि. वहीं साथ ही बछड़े या बछड़ी को दूध कम पिलाना चाहिए.

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