Lucknow News: राजधानी लखनऊ में अवैध कब्जे को लेकर जिला प्रशासन ने अभियान चलाकर कार्रवाई करने की रणनीति तैयार की है. इसी कड़ी में लखनऊ की मंडलायुक्त डॉ रोशन जैकब ने शुक्रवार को ग्राम समाज की भूमि, तालाबों पर अतिक्रमण व अवैध प्लाटिंग के सम्बन्ध में एक समीक्षा बैठक बुलाई थी. मंडलायुक्त डॉ रोशन जैकब ने निर्देश दिये कि प्रत्येक तहसील में 5 हेक्टेयर से बड़े क्षेत्र वाले तालाबों को प्राथमिकता के आधार पर चिन्हित करें, अगर उन किसी प्रकार का कब्जा,अतिक्रमण है तो उसे हटाकर तालाब के रूप में ले आयें जो बड़े-बड़े तालाब है उसमें पानी की सफाई, किनारों को सही करवा के वाकिंग ट्रैक बनवाना, लाइट लगाकर सौन्दर्यीकरण के रूप में विकसित करें. उन्होंने कहा कि ग्राम समाज की जमीने जब नगर निगम की सीमा में आती है तो वह नगर निगम की होती है। उस पर किये गये अतिक्रमण,प्लाटिंग को नगर निगम अपने संसाधनों से हटाया जाए.
इस दौरान मंडलायुक्त ने उप जिलाधिकारियों (SDM) को निर्देश देते हुये कहा कि रिर्मोट सेसिंग द्वारा उपलब्ध करायी गई तालाबों सूची के अनुसार राजस्व अभिलेखों से मिलान कराते हुए सर्वे करवा लें कि कहां-कहां पर तालाब है. वर्तमान में तालाबों की स्थिति क्या है,कितन रकबा है क्या गाटा संख्या है व किस क्षेत्र में है यदि उस पर अतिक्रमण हुआ है. वहीं अतिक्रमण स्थायी,अस्थायी, प्लाटिंग हुई है उसे हटाकर जीएस भूमि को सत्यापित करना है. उन्होंने कहा कि जहां पर रिर्मोट सेसिंग ईमेज द्वारा इंगित किये गये तालाबों की फोटो समस्त उप जिलाधिकारियों को उपलब्ध करा दी गई है, जिसके आधार पर राजस्व विभाग द्वारा स्थलीय सर्वे करा लिया जायें.
बता दें कि लखनऊ नगर निगम सीमा के अर्न्तगत प्राथमिकता पर कुल 206 ग्रामों में विभागीय,सरकारी परिसम्पत्तियों के चिन्हीकरण तथा सम्पत्तियों पर अतिक्रमण के सर्वेक्षण का कार्य रिमोट सेन्सिंग एप्लीकेशन्स सेंटर, उ०प्र०, लखनऊ नगर निगम तथा जिला प्रशासन के राजस्व विभाग द्वारा संयुक्त रूप से किया जा रहा है.
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लखनऊ नगर निगम के अधीन 206 ग्रामों में से अबतक कुल 33 ग्रामों के सर्वेक्षण कार्य पूर्ण कर लिया गया है. वर्तमान में सर्वेक्षण कार्य तहसील सदर, मोहनलालगंज, बख्शी का तालाब व सरोजनीनगर के गांव में कार्य जारी है.
इसके अतिरिक्त लखनऊ जनपद के समस्त तहसीलों में जलाशयों,तालाबों के सौन्दर्यीकरण एवं जीर्णोद्वार,पुनरोद्वार किये जाने हेतु सर्वेक्षण कार्य भी रिमोट सेन्सिंग एप्लीकेशन्स सेंटर तथा जिला प्रशासन के राजस्व विभाग द्वारा संयुक्त रूप से किया जा रहा है. सेटेलाइट डाटा आधारित मानचित्रों को सजरा मानचित्रों से मिलान कर भूसर्वेक्षण का प्रारम्भ किया गया है. जिससे सौर्दयीकरण हेतु प्रथम चरण में जलाशयो, तालाबों का चयन किया जा सके.
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बैठक के दौरान मंडलायुक्त को संबधित अधिकारियों द्वारा बताया गया कि जनपद के तालाबों का 80 प्रतिशत सर्वे करवा लिया गया है. मंडलायुक्त ने कहा कि जो भी विलुप्त तालाब है उनका सर्वे कराकर अस्तित्व में लाया जाये.