खेती-किसानी के बाद भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में पशुपालन बड़े स्तर पर एक व्यवसाय के तौर पर तेजी से उभर रहा है. कई किसान वर्षों से गाय, भैंस, बकरी या भेड़ पाल रहे हैं. लेकिन कई किसानों और पशुपालकों को यह नहीं पता है कि वे सूअर पालन करके भी अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. वहीं अब सूअर पालन में होने वाले मुनाफे को देखते हुए कुछ सालों में किसानों की दिलचस्पी सूअर पालन में बेहद तेजी से बढ़ी है. विशेषज्ञों के अनुसार सूअर पालन के लिए ज्यादा पूंजी लगाने की आवश्यकता नहीं पड़ती है.
साथ ही इसके इनके पोषण के लिए पशुपालकों को ज्यादा ध्यान देने की भी आवश्यकता नहीं पड़ती है. लेकिन क्या आप यह जानते हैं कि सूअर के मांस के साथ-साथ इसके बाल भी काम की चीज हैं. इससे कई प्रोडक्ट बनते हैं जो महंगे दाम पर बिकते हैं.
बात करें सूअर के बाल की तो इसके बाल काफी उपयोगी होते हैं. दरअसल एक सूअर से 200 से 300 ग्राम बाल मिलता है, जिससे शेविंग करने वाले ब्रश, धुलाई करने वाले ब्रश, चित्रकारी के ब्रश, चटाइयां और पैराशूट के सीट बनाए जाते हैं. इसके अलावा सूअर कई चीजों के लिए उपयोगी है. सूअर की चर्बी से मोमबत्ती, उर्वरक, शेविंग क्रीम, मलहम और रसायन बनाने के काम आता है.
ये भी पढ़ें:- गेहूं में अधिक से अधिक फुटाव लेने के लिए क्या करें? कौन सी दवा डालें?
पशुपालक अगर सूअर पालन करते हैं तो उससे 80 फीसदी मांस प्राप्त होता है जिसे बेचकर किसान बेहतर लाभ कमा सकते हैं. वहीं सूअर के मांस और चमड़े से भी कई अलग-अलग सामान बनाए जाते हैं. इसमें सूअर के चमड़े की मांग चमड़े उद्योग में भी अधिक है. इसके साथ ही सूअर के रक्त का इस्तेमाल भी कई प्रोडक्ट को बनाने में किया जाता है. इसमें जूते की पॉलिश, दवाइयां, पशु आहार, खाद, वस्त्रों की रंगाई–छपाई शामिल है. साथ ही सूअर के हड्डियों का प्रयोग कई तरह के औधोगिक उत्पाद बनाने में किया जाता है. इसकी इतनी उपयोगिता को देखते हुए पशुपालक सूअर का पालन करके बेहतर मुनाफा कमा सकते हैं.