
गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने शुक्रवार को एक आधुनिक सीमन (वीर्य) उत्पादन इकाई का वर्चुअल उद्घाटन किया. ये इकाई उत्तरी गुजरात के बनासकांठा जिले के दामा गांव में बनास डेयरी द्वारा बनाया गया है. यहां जारी एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया कि इस मेक इन इंडिया सीमन सेक्स सॉर्टिंग मशीन का उद्देश्य पशुपालक किसानों के लिए उन्नत नस्ल, बेहतर दूध देने वाले पशुओं का उत्पादन करना है. साथ ही बनासकांठा जिले में आवारा पशुओं की समस्या का समाधान करना भी है.
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गुजरात विधानसभा के अध्यक्ष और बनास डेयरी के चेयरमैन शंकरभाई चौधरी ने घोषणा की कि देश का पहला स्वदेशी सीमन सेक्स सॉर्टिंग केंद्र अब चालू हो गया है, जो किसानों के लिए एक मील का पत्थर है. उन्होंने इस मेक-इन-इंडिया तकनीक को विकसित करने के लिए राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NDDB) के वैज्ञानिकों के प्रति आभार व्यक्त किया. साथ ही उन्होंने बताया कि इस सुविधा के साथ, किसान अब सिर्फ 100 में सीमन की खुराक प्राप्त कर सकते हैं और अच्छी नस्ल के दुधारू पशुओं को पाल सकते हैं.
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बनासकांठा की 28 लाख से ज्यादा मवेशियों की विशाल आबादी को देखते हुए, आनुवंशिक वृद्धि बहुत ज़रूरी है. उच्च क्वालिटी वाले मवेशियों के सीमन के विकास से बेहतर बछड़े और ज्यादा दूध उत्पादन हो रहा है. बनास डेयरी ने कृत्रिम गर्भाधान तकनीक में भी महत्वपूर्ण प्रगति की है, जो प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण को आगे बढ़ा रही है.
बनासकांठा डेयरी द्वारा संचालित की ओर से सीमन उत्पादन इकाई 20 एकड़ में फैली हुई है और यह एक ए-ग्रेड सीमन स्टेशन है. यह जीनोमिक्स ब्रीडिंग वैल्यू, प्रति पशु दूध उत्पादन प्रतिस्पर्धा, संतान परीक्षण और नस्ल चयन जैसे उन्नत वैज्ञानिक तरीकों का उपयोग करता है, ताकि सर्वोत्तम रोग-मुक्त बैल और बछड़ों की पहचान और प्रजनन किया जा सके. नतीजतन, सालाना लगभग 25 लाख उच्च क्वालिटी वाले सीमन की खुराक का उत्पादन किया जाएगा. मेक-इन-इंडिया और आत्मनिर्भर भारत पहल के तहत, एनडीडीबी ने स्वदेशी गौ सॉर्ट तकनीक आधारित सीमन सेक्स-सॉर्टिंग मशीन विकसित की है, जो अब दामा सीमन स्टेशन पर पूरी तरह से चालू है.
विज्ञप्ति में कहा गया है कि इस तकनीक से, नवजात मवेशियों में से 90 फीसदी मादा होंगी, जिससे डेयरी किसान भविष्य में अपने दूध उत्पादन को दोगुना कर सकेंगे, साथ ही उनकी आय दोगुनी हो जाएगी. दूसरा, सीमन खुराक उत्पादन की वर्तमान लागत 730 प्रति खुराक से घटकर 280 रुपये हो जाएगी. वर्तमान में, डेयरी किसानों को सीमन की खुराक 100 रुपये प्रति खुराक मिलती है, जिसे और घटाकर सिर्फ 50 कर दिया जाएगा.