Animal Care in Flood: पशुओं को बाढ़ से बचाना है तो जरूर करें ये तैयारी, बचे रहेंगे जोखि‍म और बीमारी से 

Animal Care in Flood: पशुओं को बाढ़ से बचाना है तो जरूर करें ये तैयारी, बचे रहेंगे जोखि‍म और बीमारी से 

Cow-Buffalo Care in Flood जैसे-जैसे बाढ़ से हालात खराब होने लगते हैं तो आम जनजीवन के साथ ही पशुपालन भी प्रभावित होने लगता है. पशुओं की तो जान पर बन आती है. बीमारियों के अलावा कई बार तो पशु पानी संग बह भी जाते हैं. लेकिन बाढ़ या जलभराव से पशुओं को बचाना कोई मुश्कि‍ल काम नहीं है. जरूरत बस इतनी है कि बाढ़ और पशुपालन के संबंध में जानी होने वाली एडवाइजरी का पालन किया जाए. 

नासि‍र हुसैन
  • New Delhi,
  • Sep 01, 2025,
  • Updated Sep 01, 2025, 2:13 PM IST

Cow-Buffalo Care in Flood पहाड़ों पर लगातार हो रही बारिश के चलते नदियों में सैलाब आया हुआ है. लगातार नदियों में पानी बढ़ रहा है. यही वजह है कि मैदानी इलाके बाढ़ की चपेट में आ रहे हैं. पंजाब के हालात किसी से छिपे नहीं हैं. बिहार और राजस्थान में भी बाढ़ का खतरा बना हुआ है. उस पर लगातार रुक-रुककर बारिश भी हो रही है. ऐसे में इंसानों पर तो खतरा मंडराता ही है, साथ में पशुओं की भी जान पर बन आई है. जान जोखि‍म में होने के साथ ही संक्रमण वाली बीमारियों का खतरा भी बना हुआ है. यही वजह है कि तमाम वेटरनरी और एनिमल साइंस यूनिवर्सिटी बाढ़ और पशुओं को लेकर एडवाजरी जारी कर रही हैं. लाला लाजपत राय वेटरनरी और एनिमल साइंस यूनिवर्सिटी (लुवास), हिसार के एक्सपर्ट पशुओं से जुड़ी जानकारी शेयर कर रहे हैं. 

गाय-भैंस को बाढ़ से बचाने के लिए क्या करें  

  • मौसम और बाढ़ के संबंध में जारी होने वाले अलर्ट को लेकर जागरूक रहें.
  • एनिमल शेड में पानी की निकासी की योजना पर काम करना शुरु कर दें. 
  • एनिमल शेड में पानी भरने की आशंका हो तो पशुओं के के लिए ऊंची जगह का इंतजाम कर लें. 
  • बाढ़ आने की स्थि ति में पशुओं के लिए हरे चारे, भूसा और दाने का इंतजाम कर लें. 
  • बाढ़ के दौरान पशुओं के लिए पीने के पानी का इंतजाम भी पहले से ही कर लें. 
  • पशुओं को संक्रमण से बचाने, बीमारियों का पता लगाने के लिए रोजाना जांच कराएं. 
  • बरसात के दौरान होने वाली गलघोटू, खुरपका-मुंहपका आदि की वैक्सीन लगवा दें. 
  • बाढ़ के हालात में पशुओं के कान में टैग होना जरूरी है. इससे राहत कार्य आसान हो जाता है. 
  • बाढ़ के दौरान पशु मैनेजमेंट के लिए इमरजेंसी किट पहले से तैयार करके रख लें. 
  • किट में हॉल्टर, रस्सी, दवाएं, सफाई उपकरण, सेल फोन, टार्च लाइट, पोर्टेबल रेडियो और बैट्रियां रख लें. 
  • बाढ़ का अलर्ट आने पर पशुओं को बाढ़े में खुला रखें बांधे नहीं. जिससे पानी आने पर वो भग सकें. 
  • पशु बाड़े के आसपास बिजली के तार हों तो उन्हें सही करा लें.
  • जो चीजें जल्द आग पकड़ सकती हैं उन्हें पशुओं के बाड़े से दूर ही रखें. 
  • जलभराव-बाढ़ के दौरान पशुओं की निगरानी रखें. 
  • नदी में बढ़ रहे पानी के स्तर की जानकारी लेते रहें. 
  • बाढ़ के दौरान मरे पशुओं को दफनाने के लिए छह फीट गहरा गड्डा खोदें.
  • मृत पशुओं को नदी-कुएं से कम से कम 100 फुट दूरी पर दफनाएं.  

बाढ़ आने से पहले जरूर करें ये काम 

  • बाहरी परजीवी कंट्रोल करने को एक्सपर्ट की सलाह पर  कीटनाशक का इस्तेमाल का इस्तेमाल करें. 
  • डेयेरी फार्म पर प्राकृतिक विधि से परजीवी नियंत्रण जैसे की देसी मुर्गीपालन करें.
  • पशुओं को गीला चारा, काली-फफूंद लगी तूड़ी (भूसा) न दें.
  • चारे की 24 घंटे उपलब्धता के लिए फीड ब्लॉक का इस्तेमाल करें.
  • शेड और छतो पर जलभराव या पानी ना टपकने दें. निकासी बनाएं. 
  • बारिश के दौरान पशुओं के बाड़े में बाहरी परजीवी (चिचड़, मख्खी) न फैलने दें. 
  • बारिश के बाद होने वाले रोग बबेसिया, सर्रा, थेलेरिया से बचाने के उपाय कर लें. 
  • पशुओं के बाड़े में साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखें और हवा का आवागमन (वेंटिलेशन) सही रखें.

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