Fisheries: नॉर्थ-ईस्ट के 6 राज्यों को मछली पालन के लिए मिले 50 करोड़, जानें कहां-किस पर होंगे खर्च 

Fisheries: नॉर्थ-ईस्ट के 6 राज्यों को मछली पालन के लिए मिले 50 करोड़, जानें कहां-किस पर होंगे खर्च 

नॉर्थ-ईस्ट में मछली उत्पादन 2014-15 के 4.03 लाख टन से बढ़कर 2023-24 में 6.41 लाख टन हो गया है. पांच फीसद की बढ़ोतरी को देखते हुए केन्द्र सरकार ने मछली पालन और एक्वाकल्चर इंफ्स्ट्रक्चर विकास कोष (FAIDF) और प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) जैसी प्रमुख योजनाओं की मदद से इसे और बढ़ाने के लिए 50 करोड़ का बजट जारी किया है. 

नासि‍र हुसैन
  • NEW DELHI,
  • Jan 07, 2025,
  • Updated Jan 07, 2025, 3:26 PM IST

नॉर्थ-ईस्ट के छह राज्यों में मछली पालन की बहुत संभावनाएं हैं. बीते कई साल में यहां मछली उत्पादन में बढ़ोतरी भी हो रही है. इतना ही नहीं सिक्किमम ने तो क्लस्टर आधारित ऑर्गेनिक मछली पालन भी शुरू कर दिया है. इसी को देखते हुए केन्द्र सरकार सभी छह राज्यों में 50 करोड़ रुपये खर्च कर रही है. ये रकम मछली पालन को बढ़ावा देने पर खर्च की जाएगी. इस रकम से कई ऐसे काम किए जाएंगे जिससे फीड जैसी जरूरत की चीज के लिए दूर नहीं जाना पड़े. इसके साथ ही कोल्ड स्टोरेज, हैचरी, बायो फ्लोस्क, सजावटी मछली आदि के कारोबार को भी बढ़ावा दिया जाएगा. 

गौरतलब रहे केन्द्र सरकार ने नीली क्रांति योजना, मछली पालन और एक्वाकल्चर इंफ्स्ट्रक्चर विकास कोष (FAIDF) और प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) जैसी प्रमुख योजनाओं के माध्यम से मत्स्य पालन के लिए 2114 करोड़ के निवेश को मंजूरी दी है. जिसके चलते बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने और  उत्पादकता में सुधार करने का मौका मिला है. 

ये भी पढ़ें- Poultry Egg: पोल्ट्री फार्म में अब बच्चों के लिए मुर्गी देगी खास अंडा, सेहत को होगा ये फायदा

जानें किस राज्य में किस योजना पर खर्च होगा बजट 

असम- 

असम में परियोजना के तहत दरांग जिले में एक इंटीग्रेटेड एक्वा पार्क की स्थापना की जाएगी. इससे हर साल 150 टन मछली का उत्पादन होगा. जिससे 10 से 15 करोड़ का राजस्व उत्पन्न होने और दो हजार लोगों को रोजगार के अवसर मिलने की उम्मीद है. कामरूप जिले में एक बड़ा मछली फीड प्लांट लगाया जाएगा. यहां हर साल 20 हजार टन फीड का उत्पादन होगा. इसके साथ ही कई जिलों में हैचरी बनाई जाएंगी जहां हर साल पांच करोड़ स्पॉन (बीज) का उत्पादन किया जाएगा. 

मणि‍पुर- 

मणिपुर में मछली उत्पादन को संरक्षित करने और फसल लेने के बाद होने वाले नुकसान को कम करने के लिए थौबल और इंफाल जिलों में बर्फ संयंत्रों और कोल्ड स्टोरेज यूनिट की स्थापना की जाएगी. इसके साथ ही स्थानीय रूप से महत्वपूर्ण मछली प्रजातियों के लिए हैचरी पर भी काम किया जाएगा. 

मेघालय- 

मेघालय की परियोजनाएं पूर्वी खासी हिल्स जिले में मनोरंजक मत्स्य पालन को बढ़ावा देने पर केंद्रित होंगी. ये एक लोकप्रिय पर्यटक क्षेत्र है, इसलिए रणनीतिक रूप से स्थित होने के कारण यहां आगंतुकों को आकर्षित करने, स्थानीय रोजगार पैदा करने और क्षेत्र के पर्यटन आकर्षण को बढ़ाने में मदद मिलेगी. 

नागालैंड- 

नागालैंड की तीन परियोजनाओं में मोकोकचुंग और किफिर जिलों में ताजे पानी की फिनफिश हैचरी का निर्माण किया जाएगा. ये हैचरियां सामूहिक रूप से हर साल दो करोड़ से ज्यादा फ्राई (बीज) का उत्पादन करेंगी. 

त्रिपुरा- 

त्रिपुरा में परियोजना के तहत सजावटी मछली पालन यूनिट और फिनफिश हैचरी की स्थापना की जाएगी. इसका मकसद सजावटी मछली पालन को लोकप्रिय बनाना, स्वदेशी मछली संसाधनों का उपयोग करना और स्थानीय रोजगार के अवसर पैदा करना है.

ये भी पढ़ें- Poultry Egg: केन्द्रीय मंत्री बोले, ‘आलू जैसा है मुर्गी का अंडा’, वजह सुनकर आप भी रह जाएंगे हैरान

सिक्किाम- 

सिक्किम में 24 परियोजनाओं को लागू किया जाएगा. इसके तहत टिकाऊ मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए रिसर्कुलेटरी एक्वाकल्चर सिस्टम (RAS) की स्थापना, गंगटोक और अन्य शहरों में मछली कियोस्क का निर्माण और सजावटी मछली पालन यूनिट की स्थापना शामिल है. 
 

 

MORE NEWS

Read more!