Shrimp Export: ऐसे तो टैरिफ के चलते तालाब में डूब जाएंगे झींगा किसानों के 30 हजार करोड़ रुपये 

Shrimp Export: ऐसे तो टैरिफ के चलते तालाब में डूब जाएंगे झींगा किसानों के 30 हजार करोड़ रुपये 

Shrimp Export and Production झींगा से जुड़े किसान, एक्सपोर्टर, प्रोसेसर और कोल्ड चेन से जुडे कारोबारियों का कहना है कि हजारों करोड़ रुपये डूबने के कगार पर हैं. अगर जल्द ही कोई राहत नहीं दी गई तो फिर इस इंडस्ट्री को बर्बाद होने से बचाना मुश्कि‍ल हो जाएगा. अगर कारोबार से जुड़े सभी लोगों को राहत देनी है तो इसका स्थायी हल निकालना होगा. और हल ये है कि झींगा का घरेलू बाजार बढ़ाया जाए. 

वाइब्रियोसिस बीमारी से सावधान रहें झींगा पालक.वाइब्रियोसिस बीमारी से सावधान रहें झींगा पालक.
नासि‍र हुसैन
  • New Delhi,
  • Aug 11, 2025,
  • Updated Aug 11, 2025, 1:52 PM IST

Shrimp Export and Production पूरी तरह से एक्सपोर्ट पर निर्भर झींगा (Shrimp) पर मंडराता खतरा बड़ा होता जा रहा है. झींगा का बड़ा खरीदार अमेरिका है. लेकिन पहले 25 फीसद और फिर 50 फीसद अमेरिकी टैरिफ की घोषणा के बाद से झींगा का एक्सपोर्ट थम सा गया है. अमेरिका कुल झींगा एक्सपोर्ट का 60 से 65 फीसद का बड़ा खरीदार है. दूसरे और तीसरे नंबर पर चीन-यूरोप हैं. टैरिफ की घोषणा के बाद से झींगा तालाब में ही अटक कर रह गया है. झींगा किसानों के हजारों करोड़ रुपये तालाब में डूबने की कगार पर आ गए हैं. ये वो वक्त है जब झींगा बाजार में बेचने के लिए तालाब से निकाला जाता है. लेकिन आज उसे निकालने के बजाए तालाब में रखकर फीड खि‍लाना पड़ रहा है. 

अभी देश में झींगा सेक्टर किस हाल में है

  • झींगा किसान और एक्सपर्ट मनोज शर्मा ने मौजूदा झींगा के बारे में कुछ बताया है. 
  • देश में अभी करीब 9 लाख टन झींगा का उत्पादन होता है. 
  • देश में सबसे ज्यादा 70 फीसद झींगा उत्पादन आंध्र प्रदेश में होता है. 
  • झींगा उत्पादन में दूसरे पर पश्चिाम बंगाल और तीसरे पर गुजरात है. 
  • देश से करीब 7 लाख टन झींगा दूसरे देशों को एक्सपोर्ट होता है. 
  • झींगा खरीदारों में अमेरिका, चीन और यूरोप पहले, दूसरे और तीसरे नंबर पर हैं. 
  • भारत से 68 हजार करोड़ रुपये का सीफूड एक्सपोर्ट होता है. 
  • कुल सीफूड एक्सपोर्ट में 40 हजार करोड़ का झींगा होता है. 
  • झींगा उत्पादन में भारत दूसरे और इक्वाडोर पहले नंबर पर है.
  • इक्वाडोर हर साल 15 लाख टन झींगा का उत्पादन करता है. 
  • भारत अमेरिका को औसत 6 से 8 डॉलर में एक किलो झींगा बेचता है. 
  • इक्वाडोर सभी साइज का एक किलो झींगा भारत से एक डॉलर कम में बेचता है.  

टैरिफ की घोषणा के बाद कैसा है झींगा बाजार 

  • किसानों के तालाब में इस वक्त करीब 7 लाख टन झींगा है. 
  • तालाब में मौजूद झींगा की कीमत 30 से 35 हजार रुपय है. 
  • जो झींगा रवाना हो चुका है, शि‍प समुद्र में है वहीं अमेरिका जाएगा. 
  • झींगा का कोई नया ऑर्डर एक्सपोर्टर के हाथ में नहीं है. 
  • झींगा का घरेलू बाजार भी बहुत छोटा है. 
  • देश के कुछ ही राज्यों में झींगा की थोड़ी-बहुत खपत है.  
  • झींगा हैचरी एसोसिएशन के पूर्व प्रेसिडेंट रवि येलांकी ने भी चिंता जताई है. 
  • रवि का कहना है आंध्र प्रदेश में झींगा बीज की करीब 300 हैचरी हैं. 
  • हैचरी में हर रोज करीब 30 करोड़ बीज का उत्पादन होता है. 
  • टैरिफ की घोषणा के बाद से बीज का स्टॉक हो रहा है. 
  • बीज की डिमांड 20 से 30 फीसद कम हो गई है. 
  • जो बीज खरीद रहे हैं उन्हें उम्मीद है जल्द रास्ता निकल आएगा. 

क्या होगा झींगा सेक्टर का भविष्य 

  • एक्सपर्ट डॉ. मनोज ने झींगा भविष्य के लिए कुछ सुझाव दिए हैं. 
  • कुल एक्सपोर्ट का चीन 20 और यूरोपीय देश 10 फीसद खरीदते हैं. 
  • कुछ लोगों का कहना है चीन और यूरोपीय देशों को ज्यादा झींगा बेचा जाए. 
  • एक्सपर्ट बोले चीन-यूरोप भी अमेरिका के बर्ताव को देखते हुए सस्ता माल खरीदेंगे.
  • नए देशों में बाजार तलाशने में वक्त और पैसा बहुत लगेगा. 
  • इसके बाद भी ग्राहक बनने वाले नए देश विश्वसनीय नहीं रहेंगे. 
  • जबकि कम वक्त और पैसे में हम भारत में ही नए बाजार तैयार कर सकते हैं. 
  • देश में हर साल करीब 150 लाख टन मछली खाई जाती है. 
  • देश में हर साल 50 लाख टन से ज्यादा चिकन खाया जा रहा है. 
  • देश में हर साल 14 हजार करोड़ अंडों की खपत हो जाती है. 
  • देश में खाए जाने वाले बीफ और मटन का आंकड़ा यहां शामिल नहीं है. 
  • देश में 140 करोड़ लोगों में से 70 फीसद लोग नॉन वेजिटेरियन हैं. 
  • इसलिए देश में तीन से चार टन झींगा खाया जाना कोई मुश्कि‍ल नहीं है.    

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