Milk Growth: दूध का फ्रॉड रोकने को गाय-भैंस के खरीदार करा रहे डोप टेस्ट, पढ़ें डिटेल 

Milk Growth: दूध का फ्रॉड रोकने को गाय-भैंस के खरीदार करा रहे डोप टेस्ट, पढ़ें डिटेल 

Synthetic Milk Growth कुछ लोग गाय-भैंस बेचने के दौरान फ्रॉड कर रहे हैं. गाय-भैंस का दूध बढ़ाने के लिए गैरकानूनी दवाईयों का इस्तेमाल किया जा रहा है. खरीदार को लगता है कि गाय या भैंस इतना ही दूध देती है. और इस तरह से दूध की मात्रा पर रेट तय हो जाते हैं. इसी फ्रॉड को रोकने के लिए अब खरीदार डोप टेस्ट कराते हैं. इतना ही नहीं ज्यादा दूध देने वाली प्रतियोगिता में जाने से पहले भी गाय-भैंस का डोपिंग टेस्ट कराया जा रहा है.  

नासि‍र हुसैन
  • New Delhi,
  • Aug 11, 2025,
  • Updated Aug 11, 2025, 11:21 AM IST

Synthetic Milk Growth पंजाब और हरियाणा गाय-भैंस की बड़ी मंडी है. देशभर से पशुपालक यहां गाय-भैंस खरीदने आते हैं. दूध के लिए मुर्रा और नीली रावी भैंस बहुत पसंद की जाती है. वहीं गाय की बात करें तो जर्सी और हॉल्स्टीन फ्रिसियन (एचएफ) नस्ल देशभर में पसंद की जाती हैं. बिहार एनिमल साइंस यूनिवर्सिटी, पटना के वाइस चांसलर और एनिमल एक्सपर्ट डॉ. इन्द्रजीत सिंह ने किसान तक को बताया कि कई बार गाय-भैंस बेचते वक्त खरीदारों के साथ फ्रॉड किया जाता है. गैरकानूनी तरीकों का इस्तेमाल कर गाय-भैंस की दूध देने की मात्रा बढ़ा दी जाती है. गुरु अंगद देव वेटरनरी और एनीमल साइंस यूनिवर्सिटी (Gadvasu), लुधियाना में इसकी जांच की सुविधा है.  

पंजाब-हरियाणा में ही फ्रॉड क्यों हो रहे हैं?

  • पंजाब-हरियाणा में नीली रावी और मुर्रा भैंस बहुत बिकती हैं. 
  • जर्सी और हॉल्स्टीन फ्रिसियन (एचएफ) नस्ल की गाय भी बिकती हैं. 
  • मुर्रा नस्ल की भैंस सामान्य तौर पर 22 से 28 लीटर दूध देती है. 
  • नीली रावी नस्ल की भैंस सामान्य तौर पर 20 से 22 लीटर दूध देती है. 
  • जर्सी नस्ल की गाय 38 से 40 लीटर तक दूध देती है. 
  • एचएफ नस्ल की गाय रोजाना 75 से 77 लीटर तक दूध देती है. 
  • देशभर के दूसरे राज्यों से गाय-भैंस के खरीदार पंजाब-हरियाणा आते हैं. 
  • ज्यादा दूध देने वाली प्रतियोगिताएं भी पंजाब-हरियाणा में ज्यादा होती हैं. 

गाय-भैंस बेचने में कैसे किया जा रहा है फ्रॉड? 

  • गाय-भैंस बेचने के लिए सोशल मीडिया पर प्रचार किया जाता है. 
  • सोशल मीडिया पर गाय-भैंस की फोटो समेत दूध की मात्रा बताई जाती है. 
  • खरीदार जब फोन पर खरीदने की इच्छा जताता है तो उसे तीन-चार दिन बाद बुलाया जाता है. 
  • खरीदार के आने से पहले गाय-भैंस को सिंथेटिक ग्रोथ हॉर्मोन दिया जाता है. 
  • इस दवाई से होता ये है कि 20 लीटर दूध देने वाली गाय-भैंस का दूध बढ़ जाता है. 
  • दवाई का टीका देते ही 20 लीटर दूध का 30 से 35 लीटर दूध हो जाता है. 
  • एक टीके के असर से गाय-भैंस 6 से 8 दिन तक ज्यादा दूध देती है. 
  • और 8 दिन बाद पहले की तरह 20 लीटर की मात्रा पर ही आ जाती है. 

गडवासु में हो रहा है गाय-भैंस का डोप टेस्ट? 

  • गडवासु का बायो टेक्नोलॉजी विभाग गाय-भैंस का डोप टेस्ट करता है. 
  • गाय-भैंस जिसका भी डोप टेस्ट कराना है उसका ब्लड या मिल्क ले जाना होता है.
  • ज्यादा दूध देने वाली प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के लिए भी टेस्ट कराना होता है. 
  • पीडीएफए ने प्रतियोगिता में आने वाली गाय-भैंस के लिए टेस्ट अनिवार्य कर दिया है. 
  • अगर डोप टेस्ट में गाय-भैंस पॉजिटिव पाई जाती है तो उसे प्रतियोगिता में एंट्री नहीं दी जाती है. 
  • इस टेस्ट का एक और फायदा ये है कि बीमार गाय-भैंस का भी पहले से पता चल जाता है. 

अमेरिका-पाकिस्तान में इस्तेमाल हो रही दवा?

  • अमेरिका में इस दवाई को कानूनी मान्यता दी गई है. 
  • पाकिस्तान में भी ये दवाई इस्तेमाल की जा रही है. 
  • भारत में भी कुछ साल पहले इस दवाई का ट्रॉयल किया गया था. 
  • लेकिन भारत सरकार ने देश में इस दवाई को मान्यता नहीं दी थी. 
  • सूत्रों की मानें तो देश में अब ये दवाई चोरी-छिपे आ रही है. 

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