Fish Disease: तालाब में मछलियों को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाती है लाल धब्बा बीमारी, ये करें उपाय 

Fish Disease: तालाब में मछलियों को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाती है लाल धब्बा बीमारी, ये करें उपाय 

Pond Fish Disease लाल धब्बा बीमारी मछलियों में फैल जाए और वो ही मछली बाजार में बिकने आ जाए तो ये इंसानों के लिए खतरनाक साबित हो सकती है. क्यों‍कि जो इंसान इस मछली को खाएगा तो वो भी बीमार हो सकता है. इसलिए दवाईयों के इस्तेमाल के साथ-साथ तालाब की समय-समय पर सफाई भी बहुत जरूरी है. 

मछलियों को बीमारी से बचाने के उपायमछलियों को बीमारी से बचाने के उपाय
नासि‍र हुसैन
  • New Delhi,
  • Aug 10, 2025,
  • Updated Aug 10, 2025, 7:34 AM IST

Pond Fish Disease फिशरीज एक्सपर्ट के मुताबिक 15 ऐसी छोटी-बड़ी बीमारियां हैं जो तालाब में सबसे ज्यादा होती हैं. इसी में से एक बीमारी है लाल धब्बा. ये वो बीमारी है जो किसी एक मछली में हो जाए तो फिर पूरे तालाब की मछलियों में फैल जाती है. यही वजह है कि मछलियों की लाल धब्बा बीमारी से मछली पालक बहुत घबराते हैं. लाल धब्बा को अल्सर के नाम से भी जाना जाता है. मछलियों में ज्यादातर बीमारियां बैक्टीरिया और पैरासाइट के चलते होती हैं. अगर वक्तस रहते इनकी पहचान, इलाज और रोकथाम कर ली जाए तो तालाब की मछलियों में फैलने से रोका जा सकता है. 

मछलियों में अल्सर की पहचान कैसे करें?

  • फंगस यानि फफूंद के चलते मछलियों के बीच अल्सर रोग जल्दी होता है. 
  • तालाब, टैंक की मछलियों के साथ ही नदी की मछलियों में भी ये बीमारी होती है. 
  • खेत के पास बने तालाब में पलने वाली मछलियों में ये बीमारी जल्दी होती है. 
  • इस बीमारी की पहचान मछलियों के शरीर पर खून जैसे लाल धब्बे हो जाते हैं. 
  • कुछ दिन बाद यही धब्बे घाव बन जाते हैं और मछलियों की मौत हो जाती है. 

मछलियों में अल्सर रोकने के लिए क्या करें? 

  • तालाब को किनारे से ऊंचा उठा दे या बांध बना दें.
  • किनारे ऊंचे रहेंगे तो आसपास का गंदा पानी तालाब में नहीं जाएगा. 
  • बारिश के मौसम में तालाब के पानी का पीएच लेवल जरूर चेक करते हैं. 
  • बारिश के दौरान तालाब के पानी में 200 किलो चूना भी मिलाया जा सकता है. 
  • मछलियों में अल्सर बीमारी का कैसे करें इलाज 
  • तालाब की कुछ मछलियों को अल्सर हो जाए तो उन्हें अलग कर दें. 
  • तालाब की ज्यामदातर मछलियों में  बीमारी फैल जो तो कली का चूना (क्विगक लाइम) डाल दें. 
  • एक्सपर्ट के मुताबिक प्रति एक हेक्टे यर के तालाब में कम से कम 600 किलो चूना डालें. 
  • चूने के साथ ही 10 किलो ब्ली्चिंग पाउडर भी प्रति एक हेक्टेायर के हिसाब से डालें. 
  • लीपोटेशियम परमेगनेट का घोल प्रति एक हेक्टेयर के तालाब में एक लीटर तक ही डालें.  

निष्कर्ष- 

सिर्फ लाल धब्बा ही नहीं दूसरी ओर भी बीमारियों को रोकने के लिए जरूरी है कि तालाब और उसके पानी को साफ रखें. दूसरी मछलियां न पनपने दें. तालाब छोटा और मछलियों की संख्या ज्यादा न होने दें. मछलियों का दाना गुणवत्ताद वाला और संतुलित रखें. 

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