Sheep Qurbani: बकरीद पर कुर्बानी के लिए बिक रही हैं 100-100 किलो की भेड़, ये है खास नस्ल

Sheep Qurbani: बकरीद पर कुर्बानी के लिए बिक रही हैं 100-100 किलो की भेड़, ये है खास नस्ल

Muzaffarnagri Sheep भारत की एक देसी नस्ल की भेड़ है जो 100 किलो तक की हो जाती है. अगर आप बकरीद के लिए भेड़ खरीदना चाहते हैं तो मुजफ्फरनगरी भेड़ के बारे में भी सोचा जा सकता है. ये मूल रूप से यूपी के मुजफ्फरनगर जिले की है. केन्द्रीय बकरी अनुसंधान संस्थारन (सीआईआरजी), मथुरा भी लगातार भेड़ की इस नस्ल पर रिसर्च कर रहा है. 

नासि‍र हुसैन
  • Jun 05, 2025,
  • Updated Jun 05, 2025, 11:43 AM IST

Muzaffarnagri Sheep बकरीद पर सबसे ज्यादा बकरों की कुर्बानी दी जाती है. उसके बाद दूसरे और तीसरे नंबर पर भैंस और भेड़ है. अगर भेड़ की बात करें तो जम्मू-कश्मीर से लेकर दक्षि‍ण भारत के ज्यादातर राज्यों में बकरों से ज्यादा भेड़ की कुर्बानी दी जाती है. ऐसा नहीं है कि यूपी-हरियाणा, एमपी-राजस्थान में भेड़ की कुर्बानी नहीं होती है, होती है लेकिन उसकी संख्या कम है. लेकिन कुर्बानी के मामले में यूपी की ही एक खास नस्ल की भेड़ बहुत पसंद की जाती है. खासतौर पर इस भेड़ के वजन के चलते इसे पसंद किया जाता है. कुर्बानी के लिए पशु वजनदार मिल जाए तो कुर्बानी देने वाला भी खुश हो जाता है. 

इसकी ऊन बहुत मोटी होती है तो इसलिए ऊन का कोई इस्तेमाल नहीं है. देश में भेड़ों की 40 से भी ज्यादा नस्ल हैं. लेकिन खास नस्ल की मुजफ्फरनगरी भेड़ ऐसी है जिसकी अभी भी बहुत डिमांड है. इसका मीट देशभर में पसंद किया जाता है. ये 100 किलो के वजन तक पहुंच जाती हैं. इसे मुजफ्फरनगरी भेड़ के नाम से जाना जाता है. 

बहुत पसंद किया जाता है मुजफ्फरनगरी का मीट

मुजफ्फरनगरी भेड़ के एक्सपर्ट और साइंटिस्ट डॉ. गोपाल दास की मानें तो मुजफ्फरनगरी भेड़ को पसंद किए जाने की बड़ी वजह मीट में चिकनाई (वसा) का बड़ी मात्रा में होना है. जिसके चलते हमारे देश के ठंडे इलाके हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और उत्तराखंड में मुजफ्फरनगरी भेड़ के मीट को बहुत पसंद किया जाता है. आंध्रा प्रदेश में क्योंकि बिरयानी का चलन काफी है तो चिकने मीट के लिए भी इसी भेड़ के मीट की डिमांड रहती है. एक्संपर्ट की मानें तो चिकने मीट की बिरयानी अच्छी बनती है. 

मुजफ्फरनगरी भेड़ की ऐसे करें पहचान 

डॉ. गोपाल दास ने बताया कि मुजफ्फरनगरी भेड़ खरीदने से पहले उसकी पहचान करना जरूरी है. कुछ खास तरीकों से पहचान करना आसान हो जाता है. जैसे देखने में इसका रंग एकदम सफेद होता है. पूंछ लम्बी होती है. घुटने से लम्बीं पूछ है तो मान लिजिए कि ये मुजफ्फरनगरी भेड़ है. 10 फीसद मामलों में तो इसकी पूंछ जमीन को छूती है. कान लम्बे होते हैं. नाक देखने में रोमन होती है. मुजफ्फरनगर के अलावा बिजनौर, मेरठ और उससे लगे इलाकों में भी पाई जाती है. 

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