
आईसीएआर-केन्द्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान (CSWRI) में जनजाति गौरव पखवाड़ा के तहत शुक्रवार को दौसा जिले के चार पंचायतों के जनजाति किसानों के लिए विशेष कार्यक्रम हुआ. कार्यक्रम में 130 महिलाएं और 13 पुरुष किसान शामिल हुए. संस्थान के निदेशक डॉ अरुण कुमार तोमर ने भगवान बिरसा मुंडा के जीवन और विचारों पर विस्तार से चर्चा की. उन्होंने कहा कि बिरसा मुंडा की सोच आज भी समाज को आत्मनिर्भरता और विकास की दिशा देती है.
उन्होंने जनजातीय समुदाय से आह्वान किया कि वे बिरसा मुंडा की शिक्षाओं को अपनाकर आगे बढ़ें. डॉ तोमर ने भारत सरकार द्वारा जनजातीय इलाकों में किए जा रहे विकास कार्यों और योजनाओं की जानकारी दी. उन्होंने किसानों से कहा कि कौशल विकास और वैज्ञानिक तरीके से कृषि और पशुपालन अपनाकर वे अपने परिवार की आर्थिक स्थिति मजबूत कर सकते हैं.
कार्यक्रम में 143 जनजाति लाभार्थियों को स्टील बाल्टी, रबी सीजन की सब्जियों के बीज किट और मिनरल मिक्सचर ईंटें दी गईं. डॉ तोमर ने किसानों को इन सामग्रियों के इस्तेमाल और फायदे के बारे में भी बताया. संस्थान की वैज्ञानिक टीम ने किसानों को भेड़ और बकरी पालन के आधुनिक तरीकों की जानकारी दी. टीम ने समझाया कि किस तरह वैज्ञानिक पद्धति से पालन करने पर उत्पादकता और आय दोनों बढ़ाई जा सकती हैं.
टीएसपी नोडल अधिकारी डॉ अमर सिंह मीना, डॉ रंग लाल मीना, महराम मीना, राजेश चंदेल, तन सिंह मीना और विष्णु भटनागर ने कार्यक्रम में सामग्री वितरण और किसानों से संवाद में सहयोग किया. गांवों में आयोजित इस कार्यक्रम में मलवास, हापावस, पालूदा और पापाडदा पंचायतों के किसानों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया. किसानों ने संस्थान की पहल की सराहना की और कहा कि ऐसे कार्यक्रमों से उन्हें नई जानकारी और प्रोत्साहन मिलता है.