देशभर में गौपालन को बढ़ावा देने के लिए नई पॉलिसी और तकनीकों और नवाचार को बढ़ावा दिया जा रहा है. मध्य प्रदेश में भी इस क्षेत्र में बहुत काम हो रहा है. इस बीच, मंगलवार को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंत्रालय में कैबिनेट बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें प्रदेश में बेसहारा गौवंश की समस्या से निपटने के लिए पशुपालन और डेयरी विभाग के तहत "मध्यप्रदेश राज्य में स्वावलंबी गौशालाओं की स्थापना की नीति : 2025" को मंजूरी दी गई है. अब प्रदेश की गौ-शालाओं को प्रति गोवंश के रख-रखाव (चारे) के लिए हर दिन 40 रुपये दिए जाएंगे. वहीं, दूध पर बोनस मिलना भी जल्द शुरू हो सकता है. साथ ही पशुपालन योजना का नाम भी बदल दिया गया है.
मालूम हो कि अभी तक गौशालाओं को 20 रुपये प्रति गाय के हिसाब से यह राशि मिलती थी, जिसे दोगुना कर दिया गया है. वहीं, "मुख्यमंत्री पशुपालन विकास योजना" का नाम "डॉ. अम्बेडकर विकास योजना" किए जाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई है. योजना के माध्यम से पशुपालन और डेयरी से जुड़ी गतिविधियों में रोजगार के नए मौके बढ़ाए जाएंगे, उत्पादकता को बढ़ावा दिया जाएगा और किसानों की आय बढ़ाने के लिए काम किया जाएगा.
मंजूर हुए प्रस्ताव के मुताबिक, सहकारिता के जरएि पशुपालन गतिविधियों के लिए जीरो प्रतिशत ब्याज दर पर किसान को क्रेडिट कार्ड उपलब्ध कराए जाएंगे. नस्ल सुधार के लिए भ्रूण प्रत्यारोपण कार्यक्रम और बांझ निवारण शिविर लगाए जाएंगे. मुख्यमंत्री डेयरी प्लस कार्यक्रम, चारा उत्पादन कार्यक्रम, प्रदेश की मूल गौवंशीय नस्ल और भारतीय उन्नत नस्ल की दूधारू गायों के लिए पुरस्कार कार्यक्रम, मुख्यमंत्री दुधारू पशु प्रदाय कार्यक्रम और पशुपालकों को योजनाओं की जानकारी देन के लिए और उन्मुखीकरण के लिए प्रचार-प्रसार कार्यक्रम जारी रखने की भी मंजूरी दी गई है.
इससे पहले एमपी सरकार चालू वित्त वर्ष में दूध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए पशुपालन करने वाले किसानों को बोनस देने का ऐलान कर चुकी है, ताकि उनकी आय भी बढ़े और पशुपालन और दूध उत्पादन के लिए और किसान प्रेरित हों. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कहा जा रहा है कि सरकार ऐसे किसानों को 13 अप्रैल से प्रति लीटर 5 रुपये बोनस दे सकती है. इससे सरकारी खजाने से सालाना करीब 189 करोड़ रुपये और खर्च होंगे. मालूम हो कि सीएम कई बार खुले मंच से शराब को छोड़कर दूध के सेवन को बढ़ावा देने की बात कह चुके हैं. हाल ही में कई धार्मिक नगरों में शराबबंदी भी की गई है.
वहीं एक अन्य फैसले में कैबिनेट ने पार्वती-कालीसिंध-चम्बल लिंक परियोजना के तहत मंदसौर जिले की मल्हारगढ़ (शिवना) दाबयुक्त सूक्ष्म सिंचाई परियोजना को भी प्रसाशकीय मंजूरी दी है. इस परियोजना की लागत राशि 2932 करोड़ 30 लाख रुपये है, जिससे 60 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई होंगी. इससे मंदसौर जिले की मल्हारगढ़ तहसील के 32 गांवों और मंदसौर तहसील के 115 गांवों को फायदा होगा.