झारखंड में राज्य सरकार अब गोबर से जैविक खाद के अलावा ऊर्जा पैदा करने की तैयारी कर रही है. इसके तहत रांची जिले के बेड़ो प्रखंड अंतर्गत 14 गांवों के 100 बिरसा किसानों के घर में बॉयो गैस प्लांट लगाए गए हैं. इस योजना के जरिए राज्य सरकार ग्रामीणों की आय को बढ़ाने का उपाय कर रही है. कृषि मंत्री बादल ने रांची के नेपाल हाउस में आयोजित ऑनलाइन माध्यम से मेधा स्लरी प्रसंस्करण इकाई के उद्घाटन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि राज्य के किसानों के घरों में बायो प्लांट लगाने का काम किया जा रहा है, जिससे वे पूरी तरह से आत्मनिर्भर हो सकें.
उन्होंने कहा कि सरकार की सोच है कि यहां की 80 प्रतिशत आबादी, जो खेती-बाड़ी पर निर्भर करती है, उनका सर्वांगींण विकास हो. वह गुरुवार को नेपाल हाउस में आयोजित स अवसर पर बादल ने ऑनलाईन माध्यम से बेड़ो प्रखंड के बिरसा किसानों से भी बात की, जिनके घरों में बायो प्लांट लगाए गए हैं. उन किसानों ने बताया कि इसके लगने से उनके जीवन स्तर में क्या बदलाव आए हैं. उन्होंने अपना अनुभव भी साझा किया.
मंत्री बादल ने कहा कि राज्य में 80 हजार लीटर दूध प्रतिदिन मेधा डेयरी द्वारा खरीदी जाती थी, आज वह बढ़कर 2 लाख लीटर हो गया है. मेधा डेयरी का लक्ष्य है कि किसानों को इससे जोड़कर उनसे 5 लाख लीटर प्रतिदिन तक दूध क्रय किया जाए जिससे किसानों के आय में वृद्धि हो सके. उन्होंने कहा कि किसानों को पशुधन की योजनाओं से जोड़़कर उनकी आय में वृद्धि की जा सके और उन्हें आत्मनिर्भर बनाया जा सके, इसके लिए राष्ट्रिय डेयरी विकास बोर्ड और टाटा ट्रस्ट के साथ मिलकर बायो प्लांट लगाने का काम किया जा रहा है. इस बायो प्लांट के सफलतापूर्वक संचालन होने से लोगों को गैस सिलेंडर पर निर्भरता घटेगी साथ ही इससे जो स्लरी निकलेगा उसे जैविक खाद के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकेगा. उन्होंने बताया कि मेधा स्लरी प्रसंस्करण इकाई द्वारा किसानों से स्लरी भी खरीदे जाएंगे, जिससे किसानों को एक अन्य आय का साधन भी प्राप्त होगा.
इस अवसर पर राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के चेयरमैन मीनेश शाह ने बताया कि 100 घरों में हमने गोबर गैस का प्लांट लगाया है. दो पशुओं से जो गोबर निकलेगा, उससे किसान 5 से 6 लोगों के परिवार के लिए भोजन पकाने के लिए इंधन के रूप में इस्तेमाल कर सकेंगें. इसके बहुत सारे फायदे है. इंधर की कमी पूरी होगी और कैमिकल फर्टिलाईजर से भी राहत मिलेगी. उन्होंने बताया कि ऐसे प्लांट देश के विभिन्न राज्यों में टाटा ट्रस्ट के साथ मिलकर लगाने का काम चल रहा है. आने वाले दिनों में झारखण्ड में भी 5 हजार गैस के प्लान्ट लगाए जाने का उनका लक्ष्य है.