UP Weather: यूपी में दिख रहा मॉनसून का जलवा, लगातार हो रही बारिश से किसान खुश, जानें क्या है मौसम का पूर्वानुमान
पिछले 24 घंटों के दौरान सक्रिय मॉनसून को देखते हुए सुबह 08:30 बजे तक पूर्वी उत्तर प्रदेश में लगभग सभी थिानों पर, जबदक पश्चिम उत्तर प्रदेश में अनेक स्थानों तेज बिजली और गरज के साथ हल्की से माध्यम बारिश भी हुई. किसानों के चेहरे पर खुशी की लहर देखने को मिल रही है. इस दौरान पश्चिम उत्तर प्रदेश के झाँसी में सबसे अधिक 109.4 मी.मी. और पूर्वी उत्तर प्रदेश के कैसरगंज में सबसे अधिक 70.4 मी.मी. बारिश दर्ज की गई.
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यूपी में मॉनसून की धमाकेदार एंट्री, किसान के चेहरे पर छाई खुशी
उत्तर प्रदेश में एक बार फिर मॉनसून की वापसी हो चुकी है. पूरे प्रदेश में मॉनसून सक्रिय होने के बाद बारिश का दौर लगातार जारी है। मौसम विभाग ने अगले 3 दिनों के लिए राज्य के कई जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया है. मौसम विभाग के मुताबिक 14 सितंबर तक प्रदेश में बारिश होती रहेगी. इस दौरान पश्चिमी यूपी के मुकाबले पूर्वी हिस्से में ज्यादा जगहों पर बारिश की संभावना है. मौसम विभाग के मुताबिक शनिवार को गोरखपुर, संतकबीर नगर, बस्ती, महराजगंज, सिद्धार्थनगर और गोंडा जिले में भारी बारिश का अलर्ट है. बलरामपुर, सुल्तानपुर, अयोध्या, अंबेडकर नगर और इसके आसपास के इलाकों में भारी बारिश की संभावना है.
पिछले 24 घंटों के दौरान सक्रिय मॉनसून को देखते हुए सुबह 08:30 बजे तक पूर्वी उत्तर प्रदेश में लगभग सभी थिानों पर, जबदक पश्चिम उत्तर प्रदेश में अनेक स्थानों तेज बिजली और गरज के साथ हल्की से माध्यम बारिश भी हुई. जिसके बाद पूरे प्रदेश का मौसम सुहावना हो गया है और किसानों के चेहरे पर खुशी की लहर देखने को मिल रही है. इस दौरान पश्चिम उत्तर प्रदेश के झाँसी में सबसे अधिक 109.4 मी.मी. और पूर्वी उत्तर प्रदेश के कैसरगंज में सबसे अधिक 70.4 मी.मी. बारिश दर्ज की गई.
उत्तर प्रदेश में मौसम का पूर्वानुमान
वर्तमान दवाब परिस्थितियों के प्रभाव से 09-10 सितम्बर के दौरान प्रदेश में सक्रिय मानसून परिथितियाँ जारी रहने तथा इस दौरान प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में बिजली एवं वज़्पात के साथ हल्की से मध्यम बारिश होने की सम्भावना है. इस दौरान प्रदेश में बुंदेलखंड और मध्यवर्ती हिस्सों में कही-कहीं भारी वर्षा होने की भी सम्भावना है. उसके बाद 14 सितम्बर से प्रदेश में मानसून की सक्रियता में कमी आने से प्रदेश में वर्षा के क्षेत्रीय वितरण एवं तीव्रता में कमी आने की प्रबल सम्भावना है.