उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में दो दिवसीय नेशनल क्लाइमेट कांक्लेव की शुरुआत सोमवार से हो गई है. इस कार्यक्रम में पर्यावरण से जुड़े हुए देश भर के विशेषज्ञ हिस्सा ले रहे हैं. पहले दिन कॉक्लेव में मुख्य अतिथि के तौर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने हिस्सा लिया. इस दौरान योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में कहा कि कुछ वर्षों से पर्यावरण में अधिक बदलाव दिख रहे हैं, जिसके चलते बेमौसम वर्षा हो रही है.अक्टूबर के महीने में वर्षा ना के बराबर होती थी, लेकिन उस समय बाढ़ की स्थिति बन रही है. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश पर्यावरण के प्रति पूरी तरह सचेत हैं. उन्होंने कहा कि अब तक 130000 हेक्टेयर भूमि में जैविक और प्राकृतिक खेती का काम शुरू भी हो चुका है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा सरकार के सफल प्रयासों से उत्तर प्रदेश में 135 करोड़ पेड़ लगाए जा चुके हैं. वहीं इस वर्ष जुलाई के प्रथम सप्ताह में 35 करोड़ पेड़ लगाने का लक्ष्य तय किया गया है.
केंद्रीय पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने दो दिवसीय जलवायु परिवर्तन कांक्लेव का उद्घाटन करते हुए कहा जलवायु एवं प्रकृति के मुद्दे को गंभीरता से लेने की आवश्यकता है. पर्यावरण संरक्षण के लिए बिजली संचालित इलेक्ट्रिक व्हीकल लांच हुई है, जिससे प्रदूषण मुक्त पर्यावरण बन सके.सामान्य पर्यावरण संतुलन अपनाने की आवश्यकता है. समाज के सभी लोगों के सफल प्रयास से पर्यावरण संरक्षण एवं सुरक्षा के उद्देश्य को पूरा किया जा सकता है. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जलवायु परिवर्तन की समस्या को गंभीरता से लेने की आवश्यकता पर बल दिया है. वातावरण को प्रभावित कर रहे मानवीय गतिविधियां जो वातावरण को खराब करने में योगदान दे रहे हैं उन को नियंत्रित करना महत्वपूर्ण है. सरकार के साथ-साथ ही हमें भी जलवायु परिवर्तन पर रोकथाम के लिए प्रयास करना चाहिए.
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दो दिवसीय जलवायु परिवर्तन (Climate change) कांक्लेव में 20 तकनीकी सेशन निर्धारित है. मुख्य कार्यक्रम में जलवायु को स्थानीयकृत एवं उसके संरक्षण के लिए ग्रीन क्लाइमेट फंड और पर्यावरण संरक्षण के लिए फंड पर चर्चा की गई. कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य समाज के सभी सदस्यों के साथ मिलकर पर्यावरण संरक्षण सुरक्षा, वृक्षारोपण को पूर्ण करके समाज को सुरक्षित बनाना है.
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