बारिश, कड़ाके की ठंड और कोहरे से फिलहाल राहत है. अभी न तो बारिश है और न ही कड़ाके की ठंड. लोगों को घने और जानलेवा कोहरे से भी राहत मिल रही है. लेकिन यह राहत बहुत अधिक नहीं चलने वाली क्योंकि दो-तीन बाद फिर से बारिश और ठिठुरन का दौर शुरू हो सकता है. इसके बारे में भारत मौसम विज्ञान विभाग यानी कि IMD ने जानकारी दी है. आईएमडी ने कहा है कि अभी मौसम में कोई बड़ा बदलाव देखने को नहीं मिलेगा. लेकिन 9 से 11 फरवरी के दौरान उत्तर भारत के कई हिस्सों में हल्की बारिश हो सकती है.
IMD ने कहा है, 07 तारीख को उत्तरी मध्य प्रदेश, बिहार, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम और ओडिशा के अलग-अलग इलाकों में और 08 और 09 फरवरी, 2024 को असम और मेघालय और मिजोरम और त्रिपुरा में सुबह के समय घना कोहरा छाए रहने की संभावना है. अगले 2 दिनों के दौरान उत्तर-पश्चिम, पूर्व और मध्य भारत के कई हिस्सों में न्यूनतम तापमान में 2-3 डिग्री सेल्सियस की गिरावट होने की संभावना है और उसके बाद कोई महत्वपूर्ण बदलाव नहीं होगा. 07 फरवरी को हिमाचल प्रदेश, पंजाब और हरियाणा-चंडीगढ़-दिल्ली के अलग-अलग हिस्सों में शीतलहर की स्थिति होने की संभावना है. मौसम को देखते हुए किसानों के लिए एडवाइजरी जारी की गई है.
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कटाई के लिए तैयार फलों की तुड़ाई करने की सलाह दी गई है. पपीते और केले के गुच्छों को स्कर्टिंग बैग से ढकें, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, असम और मेघालय, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड में बगीचे के पौधों को यांत्रिक क्षति से बचाने के लिए ओला जाल या ओला कैप का उपयोग करें. राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और उत्तरी मध्य प्रदेश में काटी गई उपज को सुरक्षित स्थानों पर रखें, हिमाचल प्रदेश, पश्चिम उत्तर प्रदेश, पूर्वी राजस्थान और पश्चिम मध्य प्रदेश में फलों के पौधों को यांत्रिक सहायता दें.
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तेज़ हवाओं के कारण सब्जियों को गिरने से रोकने के लिए सहारा लगाएं. तेज़ हवाओं के दौरान सिंचाई और उर्वरक के प्रयोग को स्थगित कर दें और खुले में खड़े होने या खेतों में काम करने से बचें और आंधी/बिजली की अवधि के दौरान जानवरों को घर के अंदर रखें.
-आंध्र प्रदेश में केले की कटाई, चावल की रोपाई और मक्का और तिल की बुवाई करें.
-तेलंगाना में मिर्च की तुड़ाई, तिल,सूरजमुखी और बाजरा की बुवाई करें.
-केरल में परिपक्व काली मिर्च की कटाई.
-तमिलनाडु में सिंचित मक्का, उड़द की बुवाई और शुरुआती मौसम के गन्ने की बुवाई.
-गुजरात में अरंडी के परिपक्व फसल की कटाई, अरहर की पकी फलियों को चुनना और ग्रीष्मकालीन मूंगफली और तिल की बुवाई करें.
-कर्नाटक में अरहर, चना, ज्वार और चने की कटाई और तिल की बुवाई.
-असम में बोरो चावल की रोपाई, फॉक्सटेल बाजरा, पालक, धनिया और मेथी की बुवाई करें.
-मेघालय में हल्दी और अदरक की कटाई और आलू की रोपाई करें.
- महाराष्ट्र में परिपक्व ज्वार, लाल चना, अदरक और हल्दी की कटाई करें, ग्रीष्मकालीन मूंगफली और तिल की बुवाई करें.
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