देश के अलग-अलग राज्यों में लगातार बदलता मौसम कई फसलों के लिए अनुकूल है. वहीं राजस्थान भीषणशीत लहर की चपेट में है, जिससे राज्य के किसानों में खुशी है. उनका मानना है कि ठंड के मौसम से रबी फसलों की बेहतर पैदावार होगी. साथ ही वहां के व्यापारियों का भी मानना है कि कड़ाके की ठंड के कारण रबी फसलों का उत्पादन बढ़ेगा. जयपुर के पास शिवदासपुरा क्षेत्र के किसान अज्जू मीना ने कहा कि अगर ठंड के साथ-साथ आने वाले सप्ताह में एक या दो बार बारिश हो जाए तो इससे निश्चित रूप से राज्य में फसल उत्पादन बढ़ाने में मदद मिलेगी.
जयपुर की कुकरखेड़ा अनाज मंडी के गेहूं और जौ व्यापारियों का कहना है कि लगातार कई दिनों से चल रही शीतलहर के कारण गेहूं और जौ के उत्पादन में थोड़ा सुधार होने की उम्मीद है. यहां के व्यापारियों ने कहा कि कड़ाके की ठंड के दौरान ओस अधिक होती है जिससे जमीन में नमी बढ़ती है और फसलों को अतिरिक्त पानी मिलता है, जिससे गेहूं और जौ के दानों को अच्छे होते हैं. इससे सिंचाई का खर्च भी कम होता है क्योंकि ओस की नमी से उसकी भरपाई होती है.
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वहीं एक सरसों व्यापारी ने बताया कि ठंड से सरसों की फसल को फायदा होगा. उन्होंने कहा कि उत्पादन में इस बार की शीतलहर से 03 से 04 फीसदी बढ़ोतरी की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि अगर अगले 10-12 दिनों तक ऐसी ही ठंड जारी रही और साथ में बारिश हुई तो राज्य में सरसों का उत्पादन अच्छा हो सकता है. राजस्थान सरसों का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है. हल्की बारिश उत्पादन बढ़ाने में मदद करेगी और किसानों को इसका बेहतर फायदा मिलेगा.
इस बार मॉनसूनी बारिश की कमी के कारण फसलों की बुवाई थोड़ी कम हुई. वहीं किसानों का मानना है कि अगर इस सर्दी के मौसम में एक या दो बार बारिश भी हो जाए तो कम बुवाई के बावजूद फसलों का उत्पादन बेहतर होगा. वहीं किसानों को ठंड पर नजर रखनी होगी क्योंकि इससे कुछ फसलों को नुकसान भी हो सकता है. अधिक ठंड से पाले का खतरा रहता है. वहीं अगर बारिश हो जाए तो पाले की समस्या कुछ कम होगी और फसलें सुरक्षित होंगी.
कृषि विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि पाला टमाटर, आलू, मिर्च, बैंगन, पपीता, मटर, चना, धनिया और सौंफ को नुकसान पहुंचा सकता है. कृषि विभाग के मुताबिक, चालू रबी फसल सीजन में 01 जनवरी तक 31 लाख हेक्टेयर लक्ष्य के मुकाबले 91.98 फीसदी क्षेत्र में गेहूं और 457726 हेक्टेयर क्षेत्र में जौ की बुवाई हो चुकी है, जो 2023 के लिए तय लक्ष्य से 125 फीसदी ज्यादा है.
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