भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने अगले तीन दिनों तक मध्य प्रदेश के अलग-अलग जिलों में बारिश की संभावना जाहिर की है. आईएमडी ने अपने पूर्वानुमान में कहा है कि बुधवार को सीहोर, नर्मदापुरम, बैतूल, हरदा, बुरहानपुर, खंडवा, खरगोन, बड़वानी, धार, इंदौर, उज्जैन, देवास, जबलपुर, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, पांढुर्ना, सिवनी, मंडला और बालाघाट के अलग-अलग इलाकों में बिजली गिरने के साथ हल्की बारिश या गरज के साथ बौछारें पड़ने की संभावना है.
आईएमडी के मुताबिक गुरुवार, 4 अक्टूबर को सीहोर, भोपाल, बैतूल, हरदा, बुरहानपुर, खंडवा, खरगोन, बड़वानी, अलीराजपुर, झाबुआ, धार, इंदौर, देवास, उमरिया, डिंडोरी, कटनी, जबलपुर, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, पांढुर्ना, सिवनी, मंडला, बालाघाट के अलग-अलग हिस्सों में हल्की बारिश या गरज के साथ बिजली गिरने की संभावना है.
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5 अक्टूबर को बैतूल, हरदा, बुरहानपुर, खंडवा, खरगोन, बड़वानी, अलीराजपुर, झाबुआ, धार, इंदौर, उज्जैन, देवास, छिंदवाड़ा, पांढुर्ना, सिवनी, मंडला के अलग-अलग हिस्सों में हल्की बारिश या गरज के साथ बिजली गिरने की संभावना है.
बारिश को देखते हुए आईएमडी ने एडवाइजरी जारी की है और कहा है कि कटी हुई उपज को सुरक्षित स्थानों पर रखें या तिरपाल से ढकें. आंधी और बिजली गिरने के दौरान जानवरों को खुले स्थानों पर चरने से बचाएं. एडवाइजरी में कहा गया है कि फसलों और सब्जियों की बुवाई से पहले खेतों में खरपतवारों को हटाकर साफ किया जाना चाहिए. साथ ही पूरी तरह से सड़ी हुई गोबर की खाद या कम्पोस्ट का उपयोग किया जाना चाहिए क्योंकि इससे मिट्टी के जैविक गुणों में सुधार होता है और इस प्रकार मिट्टी में पानी बनाए रखने की क्षमता बढ़ने के साथ-साथ पोषक स्तर भी बढ़ता है.
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आईएमडी की एडवाइजरी के मुताबिक, धान में कल्ले निकलने की अवस्था में 3 से 5 सेमी और फूल बनने की अवस्था तक 5 से 8 सेमी का पानी का स्तर बनाए रखें. कपास की फसल के बारे में सलाह दी गई है कि यदि बादल और नम मौसम के कारण चूषक कीट का संक्रमण हो तो इमिडाक्लोप्रिड 0.5 मिली/लीटर पानी या इमिडाक्लोप्रिड + एसीफेट 1 ग्राम/लीटर पानी या वर्टिसिलियम लैक्कन 5 ग्राम/लीटर पानी का छिड़काव करें.
कपास पर जहां कहीं भी गुलाबी इल्ली दिखे, वहां 2/एकड़ की दर से फेरोमोन ट्रैप लगाएं. कपास की वृद्धि बढ़ाने के लिए, एन पी के 19:19:19 जल में घुलनशील उर्वरक का 100 ग्राम/पंप की दर से पत्तियों पर छिड़काव करने की सलाह दी जाती है. यदि कपास में किसी तरह का संक्रमण दिखाई दे, तो NAA (नेप्थैलिक एसिटिक एसिड) 2 से 2.5 मिली प्रति 10 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें. बेहतर उपज के लिए, कपास में फूल आने के समय 2% यूरिया (200 ग्राम यूरिया + 10 लीटर पानी) और बीज बनने के समय 2% DAP का पत्तियों पर छिड़काव करें.
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