Monsoon Rain: सितंबर में सामान्य रहेगा मॉनसून, इन इलाकों में अच्छी होगी बारिश

Monsoon Rain: सितंबर में सामान्य रहेगा मॉनसून, इन इलाकों में अच्छी होगी बारिश

भारत में 1901 के बाद से अगस्त महीना सबसे सूखा रहा जिसमें कहीं-कहीं हल्की बारिश हुई. इसके बाद दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के फिर से सक्रिय होने की उम्मीद है, जिससे देश के मध्य और दक्षिणी हिस्सों में बारिश होगी. इसके बारे में आईएमडी ने जानकारी दी है.

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Monsoon Rain: सितंबर में सामान्य रहेगा मॉनसून, इन इलाकों में अच्छी होगी बारिशसितंबर में देश के कई इलाकों में अच्छी बारिश की उम्मीद है

भारत मौसम विज्ञान विभाग यानी कि IMD ने सितंबर महीने की मासिक वर्षा और तापमान का पूर्वानुमान जारी कर दिया है. आईएमडी के मुताबिक पूरे देश में सितंबर में मासिक बारिश सामान्य होने की संभावना है. पूर्वोत्तर भारत के कई क्षेत्रों और उससे सटे पूर्वी भारत के क्षेत्र, हिमालय की तलहटी, पूर्वी-मध्य भारत और दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत के कुछ क्षेत्रों में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है. देश के बाकी हिस्सों के अधिकांश क्षेत्रों में सामान्य से कम बारिश होने की संभावना है.

IMD के अनुसार, 1971-2020 के आंकड़ों के आधार पर सितंबर महीने के दौरान देश भर में वर्षा का दीर्घकालिक औसत लभगभ 167.9 मिमी है. पूर्वानुमान से पता चलता है कि पूर्वोत्तर भारत के कई क्षेत्रों और उससे सटे पूर्वी भारत के क्षेत्र, हिमालय की तहटी और पूर्वी-मध्य भारत और दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत के कुछ क्षेत्रों में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है. हालांकि देश के बाकी भाग के अधिकांश क्षेत्रों में सामान्य या सामान्य से कम बारिश होने की संभावना है. 

बारिश और तापमान का पूर्वानुमान

तापमान की जहां तक बात है तो देश के अधिकांश में अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक रहने की संभावना है. केवल दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत के कुछ क्षेत्रों और पश्चिम मध्य भारत के कुछ हिस्सों को छोड़कर जहां अधिकतम तापमान सामान्य या सामान्य से कम होने की संभावना है. देश के अधिकांश हिस्सों में न्यूनतम तापमान सामान्य से अधिक रहने की संभावना है. केवल सुदूर भारत के कुछ क्षेत्रों को छोड़कर जहां न्यूनतम तापमान सामान्य या सामान्य से कम होने की संभावना है.

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भारत में 1901 के बाद से अगस्त महीना सबसे सूखा रहा जिसमें कहीं-कहीं हल्की बारिश हुई. इसके बाद दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के फिर से सक्रिय होने की उम्मीद है, जिससे देश के मध्य और दक्षिणी हिस्सों में बारिश होगी. एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए भारत मौसम विज्ञान विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि सितंबर में 167.9 मिमी की लंबी अवधि के औसत के 91-109 प्रतिशत के बीच सामान्य वर्षा होने की संभावना है.

अल-नीनो से बारिश पर असर

जुलाई में अत्यधिक वर्षा के बाद, भूमध्यरेखीय प्रशांत महासागर में अल नीनो की स्थिति के कारण, दक्षिण-पश्चिम मॉनसून अगस्त के अधिकांश समय में निष्क्रिय रहा, जिसमें 20 दिनों का ब्रेक देखा गया. महापात्र ने कहा कि अगस्त में कम बारिश होने के पीछे भूमध्यरेखीय प्रशांत महासागर में अल नीनो की स्थितियां जिम्मेदार रहीं. हालांकि इंडियन ओशन डाइपोल का पॉजिटिव असर होना शुरू हो गया है, जो अल नीनो प्रभाव का मुकाबला कर सकता है. हालांकि, महापात्र ने कहा कि भले ही सितंबर में बारिश अधिक रहे, लेकिन जून-सितंबर में मौसमी बारिश का औसत सामान्य से कम रहने की उम्मीद है.

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36 प्रतिशत की कमी के साथ भारत में 1901 के बाद से सबसे सूखा अगस्त का महीना दर्ज किया गया है. अगस्त में 254.9 मिमी वर्षा होती है, जो मॉनसून के मौसम के दौरान लगभग 30 प्रतिशत वर्षा होती है जबकि अगस्त में वास्तविक वर्षा 162.7 मिमी दर्ज की गई है. भारत में अगस्त 2005 में 25 प्रतिशत, 1965 में 24.6 प्रतिशत वर्षा की कमी दर्ज की गई. आईएमडी के आंकड़ों के मुताबिक, 2009 में 24.1 फीसदी,  1913 में 24 फीसदी और 1920 में 24.4 प्रतिशत मॉनसून की कमी दर्ज की गई.

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