अगस्त की तरह सितंबर में भी राजस्थान के लोगों और किसानों को बारिश का इंतजार करना होगा. मौसम केन्द्र, जयपुर के पूर्वानुमान की मानें तो सितंबर पूरे महीने में मॉनसून कमजोर रहेगा. अधिकतर भागों में औसत से भी कम बारिश होगी. वहीं, बारिश ना होने से तापमान में भी बढ़ोतरी होगी. अधिकतम और न्यूनतम तापमान दोनों के बढ़ने का पूर्वानुमान मौसम विभाग ने जारी किया है. प्रदेश में पिछले यानी अगस्त महीन में भी बिलकुल बारिश नहीं हुई थी.
इससे प्रदेश के कई इलाकों में किसानों की फसलें पानी की कमी से सूख गईं. कई जगह किसानों ने फसल को जल्दी काट लिया है.
मौसम केन्द्र, जयपुर के अनुसार इस साल अगस्त में बारिश में बेहद कमी दर्ज की गई है. राजस्थान में अगस्त में सिर्फ 30.9 मिमी बारिश हुई है. यह इतिहास में तीसरी सबसे कम बारिश दर्ज हुई है. इससे पहले साल 1905 में अगस्त महीने में 15.2 मिमी बारिश हुई थी. इसके बाद 1937 में 27.4 मिमी बारिश हुई थी.
बता दें कि प्रदेश में अगस्त महीने में औसतन 115.7 मिमी बारिश होती है. इस तरह पूरे राजस्थान में इस महीने सामान्य से 80 प्रतिशत कम बारिश हुई है. वहीं, पूर्वी राजस्थान में सामान्य से 74 व पश्चिमी राजस्थान में सामान्य से 92 फीसदी कम बारिश दर्ज हुई है.
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मौसम केन्द्र से मिले आंकड़ों के मुताबिक इस साल एक जून से 31 अगस्त तक प्रदेश में मॉनसून सामान्य रहा है. अब तक पूरे प्रदेश में सामान्य बारिश है.
वहीं, पूर्वी राजस्थान में सामान्य से सात प्रतिशत कम बारिश हुई है. पश्चिमी राजस्थान में सामान्य से 45 फीसदी अधिक बारिश दर्ज हुई है. हालांकि अगस्त महीने में पश्चिमी राजस्थान में 92 फीसदी बारिश कम हुई है. इसीलिए यहां फसलों को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है.
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बारिश नहीं होने से इस साल राजस्थान में फसलें भी काफी खराब हुई हैं. प्रदेश की मुख्य खरीफ फसल बाजरा में भी नुकसान है. वहीं मूंग और अन्य दालों में कीड़ों का प्रकोप है. पश्चिमी राजस्थान में तो किसानों ने अपनी फसलें वक्त से पहले काटना शुरू कर दिया है. क्योंकि बारिश और पानी के अभाव में फसलें सूख रही हैं. वहीं, खड़ी फसलों में कीटों का प्रकोप हो रहा है. वहीं, इस साल अगस्त तक पीएम फसल बीमा योजना में भी क्रॉप कटिंग शुरू नहीं हो पाई. इसीलिए अधिकतक किसान मुआवजे से वंचित भी रहेंगे.
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