भारत एक कृषि प्रधान देश है. देश के भीतर किसानों को खेती के दौरान कई तरह के जोखिम का सामना भी करना पड़ता है. मानसून के दौरान किसानों को मौसम की जोखिम से बचाने के लिए मौसम विभाग द्वारा मेघदूत नाम का एक ऐप विकसित किया गया है. इस ऐप के जरिए किसानों को सटीक मौसम की जानकारी उपलब्ध हो सकेंगी. किसानों को मौसम के जोखिम से अब डरने की जरूरत नहीं है. बस उन्हें मेघदूत ऐप के माध्यम से खुद को अपडेट रखना है. मानसून के दौरान अकाशीय बिजली से खेत में काम कर रहे किसानों को सबसे ज्यादा जोखिम उठाना पड़ता है. कई बार तो उनकी जान तक चली जाती है. ऐसे में दामिनी एप किसानों के लिए बहुत ही ज्यादा कारगर है. कोई भी किसान गूगल प्ले स्टोर पर नि:शुल्क उपयोग कर सकते हैं. इन दोनों एप के माध्यम से किसान मौसम की जोखिम से अपनी फसलों का बचाव कर सकता है.
खेती मौसम पर आधारित मानी जाती है. विपरीत मौसम के चलते किसान की मेहनत पर पानी फिर जाता है. ऐसे में मौसम विभाग में मेघदूत नाम का एक ऐप विकसित किया है जो किसान की फसलों का सुरक्षा कवच साबित हो रहा है. कृषि विज्ञान केंद्र के मौसम वैज्ञानिक आलोक पांडे ने बताया कि मेघदूत ऐप डिजिटल इंडिया के तहत किसानों को तकनीक से जोड़ने के लिए भारत सरकार द्वारा लांच किया गया है. इसका उपयोग बेहद सरल है. इसके माध्यम से मौसम की जानकारी के आधार पर किसानों को फसल जोखिम प्रबंधन से संबंधित सलाह मिलती है. इस ऐप को गूगल प्ले स्टोर से किसानों को डाउनलोड करना होगा और फिर अपने मोबाइल नंबर से पंजीकरण करके मौसम की जानकारी का अलर्ट पा सकते हैं.
मेघदूत एप किसानों को मौसम की जानकारी देने के लिए भारतीय मौसम विज्ञान विभाग और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की एक संयुक्त पहल के तहत विकसित किया गया है. मेघदूत एप्लीकेशन को गूगल प्ले स्टोर से किसानों को डाउनलोड करना होगा. रजिस्ट्रेशन करने के लिए किसानों को मोबाइल नंबर ,पसंदीदा भाषा का उपयोग करके साइन इन करना होगा. ऐप हर मंगलवार और शुक्रवार को एग्रोमेट फील्ड यूनिट द्वारा जारी फसल पर जिलेवार सलाह, पूर्व अनुमानित मौसम की जानकारी प्रदान करता है. किसानों को मौसम के अनुसार निर्णय लेने तथा फसलों की बुवाई, कीटनाशक, उर्वरक का प्रयोग, सिंचाई के समय का निर्धारण करने में भी सहायता प्रदान करता है. इसके अलावा मेघदूत ऐप से मौसम की जानकारी ,बारिश, तापमान आद्रता ,हवा की गति और दिशा से संबंधित 5 दिनों के पिछले और पूर्व अनुमानित मौसम की जानकारी भी प्रदान करता है.
दामिनी एप को इंडियन इंस्टीट्यूट आफ ट्रॉपिकल मेट्रोलॉजी पुणे के द्वारा विकसित किया गया है. इस ऐप के माध्यम से किसान को आकाशीय बिजली से बचाव के तरीकों के संबंध में आधे घंटे पहले ही सूचना उपलब्ध हो जाएगी. इस ऐप पर रजिस्ट्रेशन करने के उपरांत किसान की लोकेशन के अनुसार उस स्थान से 10 किलोमीटर के दायरे में आकाशीय बिजली गिरने की चेतावनी के बारे में ऑडियो संदेश एवं एसएमएस के माध्यम से अलर्ट मिलेगा.
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