UP: सीएम योगी बोले- 2017 से पहले आपदा के नाम पर होता था पैसे का बंदरबांट, बाढ़ पीड़ितों को मिलती थी सूखी ब्रेड

UP: सीएम योगी बोले- 2017 से पहले आपदा के नाम पर होता था पैसे का बंदरबांट, बाढ़ पीड़ितों को मिलती थी सूखी ब्रेड

सीएम योगी ने कहा कि इस वर्ष 26964 ड्राई राशन किट बाढ़ पीड़ितों को उपलब्ध कराया गया. 2550 डिग्निटी किट प्रदान किए गए. 909 बाढ़ शरणालय बनाये गये. पशुओं के लिए चारे भी बनाये गये.

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UP: सीएम योगी बोले- 2017 से पहले आपदा के नाम पर होता था पैसे का बंदरबांट, बाढ़ पीड़ितों को मिलती थी सूखी ब्रेडसीएम योगी ने कहा कि यूपी की स्थिति देश के अन्य राज्यों से काफी अच्छी है.

UP Monsoon Session 2023: उत्तर प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र चल रहा है. सत्र के आखिरी दिन शुक्रवार को सदन के नेता और सीएम योगी आदित्यनाथ ने नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव के उठाए सवालों का जवाब दिया. इस दौरान सीएम योगी ने विपक्ष पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने बाढ़ और सूखे के मुद्दे पर हुई चर्चा का जवाब दिया. सीएम योगी ने कहा कि यूपी में अमूमन 15 से 20 जून तक मानसून प्रवेश कर जाता था. इस वर्ष प्रारंभिक बारिश को छोड़ दें तो बारिश अनुकूल और अच्छी नहीं कही जा सकती है. हमने पहले ही बैठक करके अपनी रणनीति बनाई है. हिमालयी नदियों में बाढ़ की स्थिति पैदा हुई, इससे काफी फसलों को नुकसान पहुंचा है. उसके आंकलन के आदेश भी दिये गये हैं. उसपर कार्रवाई आगे बढ़ रही है. 

इसके बावजूद यूपी की स्थिति देश के अन्य राज्यों से काफी अच्छी है. यूपी देश का और दुनिया का अकेला ऐसा भूभाग है जहां 86 प्रतिशत भूमि, नगरों, सरकारी और निजी नलकूपों से सिंचित है. कृषि बोआई का सामान्य प्रतिशत 88 प्रतिशत फसलों की बोआई हो गई है. धान की नर्सरी भी लगभग 100 फीसदी लग चुकी है, कम बारिश के कारण इसमें नुकसान हुआ होगा, मगर सरकार की कार्रवाई इसपर आगे बढ़ रही है.

सिंचाई की अतिरिक्त सुविधा और अतिरिक्त विकल्प होने का परिणाम ये है कि देश के कुल कृषि भूमि का 11 प्रतिशत यूपी के पास है. आबादी का 16 फीसदी यूपी में निवास करती है. मगर खाद्यान का कुल उत्पादन 20 अन्न उत्पादन यहां का किसान करता है. ये दिखाता है कि प्रदेश का किसान अपने परिश्रम और पुरुषार्थ से उत्पादन को आगे बढ़ाने में कोताही नहीं करता. सरकार किसानों को अधिक से अधिक सुविधा देने का प्रयास करती है. 

जानिए कितना मिला बाढ़ पीड़ितों को मुआवजा

योगी ने आगे कहा कि बाढ़ और सूखा से आपदा की चपेट में आए 4500 किसानों को पहले चरण में अबतक मुआवजा देने का कार्य किया है. 2017 में सरकार ने 61320 किसानों को लगभग 60 करोड़ का मुआवजा उपलब्ध कराया था. इसी प्रकार 2018-19 में भी 384113 किसानों को 212 करोड़ का मुआवजा दिया गया, जिसमें से ज्यादातर सूखे से पीड़ित थे. 2019-20 में भी 64 करोड़ 32 लाख का मुआवजा अन्नदाता को प्रदान किया गया. 2020-21 में 120 करोड़ का मुआवजा 362600 से अधिक किसानों को प्रदान किया गया. 2021-22 में 475 करोड़ रुपए 1394900 से अधिक किसानों को कंपनसेशन दिया. 2022-23 में प्रदेश के 427 करोड़ रुपए 1214000 किसानों को मुआवजा दिया गया. अबतक 8400 से अधिक किसानों को प्रदेश सरकार बाढ़ के कारण क्षति का मुआवजा दे चुकी है.

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प्रदेश सरकार ने बाढ़ और सूखा के अलावा अन्य अनेक कदम उठाए हैं. कैसे इनसे बचाव किया जा सकता है. इस बार पश्चिमी यूपी में बाढ़ आई मगर 40 से ज्यादा जनपदों में सूखा देखने को मिला. बहुत सी जगह सिंचाई और पॉवर कॉर्पोरेशन ने अपने स्तर पर कार्य किये. नोडल अधिकारियों और प्रभारी मंत्रियों ने जनपदों के दौरे किये. प्रदेश सरकार ने बाढ़ पीड़ितों के राहत के कार्य किये. 

बाढ़ पीड़ितों को मिलता था सूखे ब्रेड

सीएम योगी ने कहा कि 2017 में मैं पहली बार सीतापुर और लखीमपुर में बाढ़ पीड़ितों से मिलने गया तो पता लगा कि उन्हें सूखी ब्रेड दिये जाते थे. कोई राहत नहीं, कोई मुआवजा नहीं. आपदा राहत का पैसा बंदरबांट हो जाया करता था. मैंने उसी दिन बैठक ली और राहत किट तैयार करने का निर्णय लिया. जिसमें 10 किलो चावल, 10 किलो आटा, 10 किलो आलू, दाल, नमक, दियासलाई, मसाले, केरोसिन ये सभी कुछ उपलब्ध कराने की व्यवस्था की और महिलाओं को डिग्निटी किट भी उपलब्ध कराया. 

अबतक 303 एमएम हुई बारिश 

उन्होंने कहा कि इस वर्ष 26964 ड्राई राशन किट बाढ़ पीड़ितों को उपलब्ध कराया गया. 2550 डिग्निटी किट प्रदान किए गए. 909 बाढ़ शरणालय बनाये गये. पशुओं के लिए चारे भी बनाये गये. प्रभावित क्षेत्रों में मेडिकल कैंप, पशुओं का टीकाकरण, अतिरिक्त नौकाओं की व्यवस्था की गई. प्रशासन की कार्रवाई और जनप्रतिनिधियों की सक्रियता से पब्लिक में संतुष्टि का भाव देखने को मिला. प्रदेश में 403 एमएम बरसात को सामान्य माना जाता है, मगर पिछले कुछ वर्ष से देखने को मिला है कि मौसम चक्र में विसंगति का दुष्प्रभाव सबसे अधिक अन्नदाताओं पर पड़ता है. 403 एमएम बारिश में से अबतक 303 एमएम बारिश हुई है. मगर ये बारिश एक बार में हुई है.


 

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