पूरे देश में इस साल 1 अगस्त से 15 अगस्त के बीच अच्छी बारिश हुई है. इससे खरीफ फसल की बंपर उत्पादन की उम्मीद की जा रही है. मौसम विभाग के मुताबिक, अगस्त की शुरुआती 15 दिनों में 153 मिमी बारिश हुई है, जो इस अवधि के लिए सामान्य 133.3 मिमी से 15 प्रतिशत अधिक है. खास बात यह है कि इसने 1 जून से 15 अगस्त के बीच वर्षा को अपने दीर्घ अवधि औसत (एलपीए) के 105 प्रतिशत तक पहुंचने में मदद की है. हालांकि, इस बार जून महीने में 11 प्रतिशत कम और जुलाई में 9 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है. ऐसे देश में 1 जून से 15 अगस्त के बीच 606.8 मिमी बारिश हुई है, जो इसके 579.1 मिमी के एलपीए से 4.8 प्रतिशत अधिक है.
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने पहले अनुमान लगाया था कि अगस्त में पूरे देश में बारिश "सामान्य" (LPA का 94 से 106 प्रतिशत) होगी. ऐसे में नए आंकड़ों से पता चलता है कि पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड और उत्तर-पूर्वी राज्यों को मिलाकर पूर्वी और उत्तर-पूर्वी मौसम विज्ञान उपखंड में इस महीने के पहले पखवाड़े में 198.6 मिमी बारिश हुई, जो इसके एलपीए 163.6 मिमी से 21.4 प्रतिशत अधिक है. इसी तरह पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर को मिलाकर उत्तर-पश्चिमी उपखंड में 154.6 मिमी बारिश दर्ज की गई है - जो 1-15 अगस्त की अवधि के दौरान इसके सामान्य 106.8 मिमी से 44.8 प्रतिशत अधिक है.
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गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा और गोवा को मिलाकर मध्य भारत में 160.9 मिमी बारिश दर्ज की गई है, जो एलपीए 163.4 मिमी से 1.5 प्रतिशत कम है. लेकिन, केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना वाले दक्षिणी प्रायद्वीप में 1-15 अगस्त के बीच 99.7 मिमी बारिश दर्ज की गई है, जो सामान्य 98.8 मिमी से 0.9 प्रतिशत अधिक है.
पिछले 15 दिनों में कम बारिश वाले मौसम विज्ञान उप-विभागों की संख्या 9 से घटकर 6 हो गई है. 36 मौसम विज्ञान उप-विभागों में से, 15 अगस्त तक 6 ऐसी इकाइयों से कम बारिश दर्ज की गई है, जो भारत के भौगोलिक क्षेत्र का 17 प्रतिशत हिस्सा है. जबकि 31 जुलाई तक कम बारिश वाले उप-विभागों की संख्या 9 थी, जो 25 प्रतिशत क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करती थी. बिहार, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर और कुछ पूर्वोत्तर राज्यों में अब तक कम बारिश हुई है.
इस बीच, आईएमडी ने गुरुवार को कहा कि 15 अगस्त को समाप्त सप्ताह के दौरान उत्तर-पश्चिम और उससे सटे मध्य भारत के अधिकांश हिस्सों में सक्रिय मानसून की स्थिति देखी गई. इसने यह भी बताया कि 11 अगस्त को पूर्वी राजस्थान के करौली (38 सेमी) में असाधारण रूप से भारी वर्षा देखी गई, 11-12 अगस्त को पूर्वी राजस्थान में अत्यधिक भारी वर्षा दर्ज की गई, 9-11 अगस्त के दौरान हिमाचल प्रदेश में बहुत भारी वर्षा, 11 अगस्त और 14 अगस्त को पंजाब में और 9-12 अगस्त के दौरान तीन दिनों में हरियाणा में भारी वर्षा हुई.
मौसम ब्यूरो ने उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, झारखंड, बिहार, पंजाब, हरियाणा, तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक और रायलसीमा क्षेत्र के किसानों को खेतों की फसलों और बागवानी फसलों से अतिरिक्त पानी निकालने की सलाह दी है. 22 अगस्त तक के लिए अपने पूर्वानुमान में कहा गया है, "कुल मिलाकर, उत्तर-पश्चिम और मध्य उपविभागों के मैदानी इलाकों में सामान्य से अधिक और पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र में सामान्य के करीब बारिश होने की संभावना है.
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