झारखंड में इस साल मॉनसून की रफ्तार अभी तक धीमी नजर आ रही है. बारिश का वितरण भी सही तरीके से नहीं रहा है इसके कारण राज्य के 15 जिले ऐसे हैं जहां पर सामान्य से 40 फीसदी कम बारिश हुई है. इसके अलावा जून महीने से अभी तक के बारिश की बात करें तो पूरे राज्य में 38 फीसदी कम बारिश हुई है. सामान्य बारिश के आंकड़ों के मुताबिक झारखंड में अभी तक 255 मिमी के करीब बारिश हो जानी चाहिए थी पर अभी तक मात्र 155 मिमी के आसपास ही बारिश हुई है. जो कृषि विभाग और किसानों के लिए चिंता का विषय है.
कृषि विभाग लगातार पूरी स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं. राज्य में 15 जुलाई से रोपाई की शुरुआत होने की तैयारी की जा रही है. किसान बिचड़ा तैयार करने में जुटे है. बारिश की बात करें तो सिर्फ जून महीने में राज्य में 43 फीसदी कम बारिश हुई है. हालांकि मौसम की इन विपरित परिस्थितियों को देखते हुए कृषि विभाग ने आकस्मिक फसल योजना भी तैयार कर ली है. भारत सरकार के उद्यान आयुक्त ने झारखंड क अधिकारियों के साथ एक बैठक की और पूरी स्थिति की समीक्षा की है. साथ ही कृषि विभाग को किसी भी परिस्थिति से तैयार रहने के लिए कहा गया है.
अगर जिलावार आंकड़ों की बात करें तो राज्य के चार जिले गोड्डा, गढ़वा, साहेबगंज और सिमडेगा मे अब तक बारिश की स्थिति सामान्य ही रही है. साहेबगंज में अब तक 430 मिमी बारिश हो चुकी है. गोड्डा और गढ़वा में भी अच्छी बारिश दर्ज की गई है. जबकि कोयला राजधानी धनबाद, पूर्वी सिहभूम, सरायकेला खरसांवा और गोड्डा जिले की हालत बेहद खराब है. इन जिलों में सामान्य से भी बेहद कम बारिश हुई है. चतरा जिले में तो मात्र 60 मिमी बारिश दर्ज की गई है. बारिश की कमी के कारण किसान खेती की तैयारी भी नहीं कर पा रहे हैं.
वहीं इसका असर खरीफ फसलों की बुवाई पर पड़ा है. क्योंकि झारखंड में कई ऐसे किसान हैं जो उपरी जमीन पर पहली बारिश होने के बाद ही धान की बुवाई कर देते हैं. यह डीएसआर तकनीक से किया जाता है. पिछले साल इस वक्त तक करीब 95 हजार हेक्टेयर जमीन में डीएसआर तकनीक से धान बुआई हो चुकी थी. पर इस यह आंकड़ा आधे से भी कम हैं. इस बार अभी तर मात्र 35 हजार हेक्टेयर में डीएसआर विधी से धान की बुवाई की गई है. राज्य में 15 जूलाई से किसान धान की रोपाई शुरू कर देते हैं पर इस बार जून महीने में हुई कम बारिश के कारण नर्सरी भी तैयार नहीं कर पाए हैं.
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