गुजरात में चक्रवाती तूफान से भारी तबाही (फोटो साभार-India Today/PTI)चक्रवाती तूफान बिपरजॉय गुजरात में तबाही का मंजर छोड़ गया है. चारों ओर तूफान की बर्बादी के निशान दिख रहे हैं. क्या लोग-बाग और क्या पशु-मवेशी, हर तरफ बड़े नुकसान के संकेत मिल रहे हैं. बिपरजॉय का सबसे अधिक असर कच्छ और सौराष्ट्र के कुछ हिस्सों में अधिक है. यह चक्रवाती तूफान अपने साथ तबाही मचाने वाली आंधी, तूफान और गरज के साथ बारिश लेकर आया. इसका प्रभाव ऐसा रहा मानो तूफान सबकुछ जमींदोज कर देगा. ऐसा हुआ भी. हवाएं इतनी तेज थीं कि हर चीज तिनके की तरह उड़ते दिखे. बारिश इतनी मूसलाधार कि सबकुछ डूब जाने वाला हो. अब तूफान गुजरता तट से दूर है, लेकिन उसके पीछे बर्बादी के सिवा और कुछ भी नहीं.
एक अधिकारी ने PTI को बताया कि गुरुवार शाम साढ़े छह बजे चक्रवात ने जखाऊ बंदरगाह के पास दस्तक दी. इसके बाद से समूचे कच्छ जिले में भारी बारिश हुई और यह प्रक्रिया तड़के ढाई बजे तक जारी रही. Biparjoy (बंगाली में अर्थ आपदा या आपदा) अपने साथ 140 किमी प्रति घंटे की विनाशकारी हवा लेकर आया. इसके अलावा, लगातार बारिश ने सबकुछ तहस-नहस कर दिया. भारी बारिश में पेड़ और बिजली के खंभे उखड़ गए, जबकि निचले इलाकों में बसे गांवों में समुद्री पानी घुस गया.
अधिकारी ने कहा, "चक्रवात के कारण बिजली के तार टूट जाने और खंभे उखड़ जाने के बाद कच्छ जिले की नलिया तहसील के 45 गांवों में अंधेरा छा गया." लैंडफॉल खत्म होने के बाद, चक्रवात की तेजी 'बहुत गंभीर' से 'गंभीर' श्रेणी में आ गई. यह उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ गया है और चक्रवाती तूफान कमजोर हो गया है. उन्होंने कहा कि यह शुक्रवार शाम तक दक्षिण राजस्थान के ऊपर एक दबाव का क्षेत्र बन जाएगा.
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गुरुवार को भावनगर जिले में तूफान के चलते एक दर्दनाक घटना हो गई. भारी बारिश से गड्ढे में पानी भर गया और उसमें एक मवेशी पालक की कई बकरियां फंस गईं. इन बकरियों को बचाने में पिता और बेटे की मौत हो गई. कच्छ के कलेक्टर अमित अरोड़ा ने कहा कि जिले से अब तक चक्रवात के कारण किसी के हताहत होने की कोई रिपोर्ट नहीं मिली है. लेकिन कई लोगों के जख्मी होने और घोर सदमे (ट्रॉमा) में जाने की शिकायत है. तूफान की वजह से पशुपालकों के अलावा किसानों को भी भारी क्षति की खबर है.
गुजरात तट के पास पहुंचने के दौरान चक्रवात 13 किमी प्रति घंटे की गति से आगे बढ़ा. आईएमडी ने कहा कि लैंडफॉल के दौरान हवा की गति 115-125 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से 140 किमी प्रति घंटा थी. अधिकारियों ने कहा कि राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) की कई टीमों के साथ राहत और बचाव दल प्रभावित जिलों में तैनात किया गया है.
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने गांधीनगर स्थित स्टेट इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर में स्थिति और राहत-बचाव कार्यों की समीक्षा की. राज्य सरकार ने कहा कि उसने आठ प्रभावित जिलों में 631 चिकित्सा दल और 504 एंबुलेंस तैनात किए हैं. सरकारी बयान के मुताबिक, गुरुवार शाम तक आठ तटीय जिलों में रहने वाले 94,000 से अधिक लोगों को अस्थायी घरों में भेज दिया गया.
बिपरजॉय तूफान की एंट्री राजस्थान में हो चुकी है. इसका सबसे ज्यादा प्रभाव अब तक बाड़मेर के सीमावर्ती सेड़वा, बाखासर और धोरीमन्ना में देखने को मिला. तेज हवाओं के साथ कहीं तेज तो कहीं हल्की बारिश हुई. तूफानी हवाओं से जहां कई गांवों में बिजली के पोल गिरकर धराशायी हो गए तो दूसरी तरफ कई इलाकों में पेड़ भी गिर गए.
जिले के धोरीमन्ना कस्बे में एक कच्चे मकान की छत गिर गई. हालांकि, कोई हताहत नहीं हुआ. कई इलाकों में तेज बारिश से सड़कों को भी नुकसान पहुंचा है. तूफान से होने वाले आर्थिक नुकसान से बचने के लिए लोग तरह-तरह के जतन करते नजर आ रहे है. ऐसा ही कुछ एक ग्रामीण ने कर दिया. तूफान को देखते हुए धोरीमन्ना के एक ग्रामीण ने अपनी बाइक को ही पेड़ से बांध दिया.
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बाड़मेर जिले से पाकिस्तान और गुजरात के कच्छ से लगती सीमा से सटे गांवों में गुरुवार दोपहर से बारिश का दौर शुरू हुआ था जो रुक-रुक कर रात भर जारी रहा. कहीं तेज तो कहीं सामान्य बारिश हुई. हालांकि, तेज हवाओं ने कच्ची बस्तियों के छप्पर उड़ने की खबरें सामने आ रही हैं. लेकिन कहीं कोई बड़ा नुकसान अब तक नहीं हुआ है. दर्जनों गांवों में बिजली के पोल गिरने से बिजली आपूर्ति ठप्प हो गई है. तूफान को देखते हुए बॉर्डर के ग्रामीण इलाकों में सेना, बीएसएफ, एसडीआरएफ को भी तैनात किया गया है.
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