होटल मैनेजमेंट से काम नहीं बना तो शुरू की सब्जियों की खेती, अब सालाना 7 लाख कमाते हैं मुनाफा

होटल मैनेजमेंट से काम नहीं बना तो शुरू की सब्जियों की खेती, अब सालाना 7 लाख कमाते हैं मुनाफा

Success story: किसान चेतन ठाकुर ने एकीकृत बागवानी विकास मिशन के बैनर तले 85 फीसदी सब्सिडी के साथ एक एकड़ भूमि पर पॉलीहाउस बनाकर अपनी खेती शुरू की है. यह उनके जीवन की एक ऐसी यात्रा की शुरुआत थी जिसने उन्हें सफलता की ऊंचाई दिलाई और आज वे अच्छी कमाई कर रहे हैं.

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होटल मैनेजमेंट से काम नहीं बना तो शुरू की सब्जियों की खेती, अब सालाना 7 लाख कमाते हैं मुनाफाशिमला मिर्च की खेती

हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के इंदापुर के रहने वाले किसान चेतन ठाकुर की खेती-किसानी में आने की कहानी अनोखी है. होटल मैनेजमेंट की पढ़ाई करने के बाद होटलों की हलचल भरी दुनिया से ठाकुर ने पॉलीहाउस खेती में अपना हाथ अपनाया, जिसमें वह किसानों के लिए प्रेरणा का प्रतीक बन गए हैं. ठाकुर का कृषि को अपनाने का निर्णय सिर्फ करियर में बदलाव नहीं था, बल्कि एक स्थायी विरासत बनाने की चाह थी. अपने पिता की खेती-किसानी से प्रेरित होकर, उन्होंने आधुनिक खेती की चुनौतियों और पुरस्कारों के लिए होटल मैनेजमेंट की नौकरी को छोड़ दिया.  

सरकारी मदद से बनाया पॉलीहाउस

किसान चेतन ठाकुर ने एकीकृत बागवानी विकास मिशन के बैनर तले 85 फीसदी सब्सिडी के साथ एक एकड़ भूमि पर पॉलीहाउस बनाकर अपनी खेती का मंच तैयार किया. यह उनके जीवन की एक ऐसी यात्रा की शुरुआत थी, जो न केवल ठाकुर की किस्मत को फिर से बदल दी, बल्कि किसानों के एक समुदाय को खेती के लिए नए तकनीक को तलाशने के लिए प्रेरित भी कर रही है.

लाल-पीली शिमला मिर्च करते हैं खेती

कांगड़ा क्षेत्र के पांच साथी किसानों ने एक दूसरे के सहयोग से संरक्षित खेती के लिए समर्पित एक क्लस्टर बनाया. इस सहयोग के प्रयास ने न केवल खेती के नए तकनीक को सीखने के अनुभवों को बढ़ावा दिया, बल्कि उनके प्रयासों को आगे बढ़ाने में भी मदद किया.

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किसान चेतन ठाकुर की सफलता महत्वपूर्ण सरकारी सहायता से आगे बढ़ा, जिसमें पॉलीहाउस सेटअप पर 85 फीसदी सब्सिडी और स्वचालित सिंचाई, पावर टिलर, ग्रेडिंग मशीन और जल भंडारण टैंक जैसे आवश्यक चीजों के लिए मिलने वाली सब्सिडी शामिल है. वहीं किसान चेतन अपने दो एकड़ के पॉलीहाउस में खीरा और लाल-पीली शिमला मिर्च की खेती करते हैं.  

7 लाख रुपये हो रही सालाना कमाई

वहीं आज चेतन ठाकुर और उनके किसान मित्र अपने इस तकनीक से खेती करके बेहतर लाभ उठा रहे हैं, जिनमें से हर एक दोस्त सालाना 7 लाख रुपये की कमाई कर रहे हैं. साथ ही कमाई के अलावा चेतन स्थानीय व्यक्तियों के लिए रोजगार के अवसर पैदा किए हैं, जो क्षेत्र के आर्थिक विकास में योगदान दे रहे हैं.

जैसे-जैसे चेतन ठाकुर की सफलता की कहानी सामने आती जा रही है, यह क्षेत्र के युवाओं के लिए प्रेरणा का काम कर रही है. पारंपरिक खेती से अधिक नए तकनीक और लाभदायक भविष्य की ओर बदलाव केवल एक व्यक्तिगत जीत नहीं है, बल्कि एक सामूहिक प्रयास है, जो कांगड़ा जिले के केंद्र में आधुनिक कृषि तकनीकों के माध्यम से खेती किसानी में किसानों के लिए अपार संभावनाएं पैदा कर रही है.

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