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Success Story: तरबूज की खेती से बंपर कमाई, नागपुर के क‍िसान ने द‍िखाया नया रास्ता 

Success Story: तरबूज की खेती से बंपर कमाई, नागपुर के क‍िसान ने द‍िखाया नया रास्ता 

नागपुर जिले के मोहली गांव के युवा किसान आकाश टेकाड़े ने अपनी आय बढ़ाने के ल‍िए पारंपरिक फसलों के साथ-साथ अन्य फलों और सब्जी फसलों की खेती भी की है. वो कहते हैं क‍ि इससे किसानों के पास साल भर वित्तीय आय का स्रोत बना रहता है. 

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तरबूज की खेती से किसान को हो रहा है मुनाफा तरबूज की खेती से किसान को हो रहा है मुनाफा

नागपुर ज‍िले के कलमेश्वर तालुका में मुख्य रूप से कपास, अरहर, सोयाबीन और सब्जियों की फसलें उगाई जाती हैं. लेक‍िन यहां के मोहली गांव के युवा किसान आकाश टेकाड़े ने अपनी आय बढ़ाने के ल‍िए पारंपरिक फसलों के साथ-साथ अन्य फलों और सब्जी फसलों की खेती भी की है. वो कहते हैं क‍ि इससे किसानों के पास साल भर वित्तीय आय का स्रोत बना रहता है. प्राकृतिक आपदाओं में भी वित्तीय स्थिरता प्राप्त की जा सकती है. इस संबंध में कृषि विभाग की योजनाओं का लाभ भी उठाया जा सकता है. आकाश ने एक नया विकल्प चुना है. उन्होंने ढाई एकड़ में 15 टन से अधिक तरबूज का उत्पादन किया है उससे बंपर आय अर्जित की है.

आकाश के पास 8.5 एकड़ पुश्तैनी खेत है. इनमें से सात एकड़ में संतरे लगे हैं, जबकि बाकी खेत में वे पिछले सात-आठ साल से तरबूज की खेती कर रहे हैं. तरबूज सबसे पहले डेढ़ एकड़ में लगाया था. अब ढाई एकड़ खेती दो साल के लिए ठेके पर ले ली है. उन्होंने 2.5 एकड़ क्षेत्र में मल्चिंग बेड के साथ रोपण किया गया. पानी और छिड़काव की उचित योजना के बाद, वसंत फसल की कटाई की. तरबूज की कटाई चल रही है. उन्होंने 15 जनवरी को 2.5 एकड़ में तरबूज लगाए और 6 अप्रैल तक दो कटाई हो चुकी है.

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क‍ितना हुआ मुनाफा 

क‍िसान ने बताया क‍ि औसतन 10 से 12 रुपये क‍िलो के दाम पर अब तक कुल 15 टन माल भेजा जा चुका है. कुल मुनाफा 1 लाख 80 हजार रुपये हुआ है. आगे भी 18 से 20 टन माल निकलने की उम्मीद है. ऐसे में शुद्ध लाभ 2 लाख 95 हजार रुपये होने की उम्मीद है. तरबूज की खेती के लिए 22 से 24 हजार पौधों की जरूरत होती है. इसके लिए उन्होंने बाहर से पौध न खरीदकर खेत में ही पौध तैयार की. इससे उन्हें पौध खरीदने की लागत बच गई. वे अपने खेत में उगाए तरबूजों को कलमाना बाजार में बेचने के लिए ले जाते हैं.

तरबूज की खेती खूब फली-फूली

आकाश का बड़ा भाई सचिन फुलसावंगी (पुसद) इलाके में एक बिजली वितरण कंपनी में कार्यरत था. उन्होंने वहां के क‍िसानों की तरबूज की खेती देखने के बाद आकाश से कहा कि उसे अपने खेतों में भी तरबूज की खेती करनी चाह‍िए. खेती शुरू हुई और कृष‍ि व‍िभाग का भी सहयोग म‍िलने लगा. इस काम में पिता देवराव टेकाड़े मदद करते हैं. 32 साल के आकाश ने बीए. डीएड, आईटीआई तक शिक्षा प्राप्त की है. लेक‍िन अब खेती उनको रास आ गई है. उन्होंने नया नया प्रयोग करके दूसरी फसलों के मुकाबले अच्छा पैसा कमाया. 

कृष‍ि अध‍िकारी ने की क‍िसानों से अपील 

कलमेश्वर के तालुका कृषि अधिकारी राकेश वासु ने आकाश का प्रयोग देखकर कहा क‍ि यदि पारंपरिक फसलों के साथ-साथ अन्य फलों और सब्जियों की खेती की जाए तो किसानों के पास साल भर वित्तीय आय का निरंतर स्रोत बना रहेगा. प्राकृतिक आपदाओं में भी वित्तीय स्थिरता प्राप्त की जा सकती है. इस संबंध में कृषि विभाग की योजनाओं का लाभ उठाया जा सकता है. खेती में अब क‍िसानों को कुछ नया करना होगा. इससे मन भी लगेगा और आय भी अध‍िक होगी.

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