Sitapur News: भारत के ग्रामीण इलाकों में पोल्ट्री फार्मिंग (Poultry Farming) एक बेहतरीन व्यवसाय है. मौजूदा समय में पोल्ट्री फार्मिंग आमदनी के सबसे बेहतर विकल्प के तौर पर उभर कर सामने आया है. मुर्गी पालन से बड़ी संख्या में किसान अच्छी कमाई कर रहे हैं. इसी क्रम में उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले के गांव सरिया मलही गांव के निवासी किसान मोहम्मद आसिफ ने मुर्गी पालन में एक इतिहास रच रहे है. मौजूदा समय में मुर्गी पालन के व्यावसाय से आसिफ 5-6 लाख रुपये की कमाई कर रहे हैं. इंडिया टुडे के डिजिटल प्लेटफॉर्म किसान तक से बातचीत में मोहम्मद आसिफ ने बताया कि मुर्गी पालन का काम लगभग 6 सालों से किया जा रहा है.उन्होंने सबसे पहले चार दीवारी और मजबूत छाया का प्रबंध किया, फिर दवा देने के लिए पंखेवा का होना जरूरी होता है. वे बाहर से उच्च क्वालिटी के बच्चे खरीद कर लाने के लिए भी पानी और अच्छे दाने की व्यवस्था करते हैं. अब आसिफ की पहचान युवा बिजनेसमैन के रूप में हो रही है. उन्होंने बताया कि चूजा वो प्रयागराज और लखनऊ से लेकर आते है. एक बार में वो 20 हजार के करीब चूजा डालते है.
आसिफ बताते हैं कि चिकित्सा परीक्षण भी समय पर होता है, और ठीक 40 दिनों के बाद इनके बच्चों को बिक्री के लिए बाहर भेजा जाता है, जिसमें सभी प्रकार के चार्ज निकालने के बाद एक लाख रुपए के आसपास का मुनाफा हो जाता है. मोहम्मद आसिफ खान ने आगे बताया कि इस समय उनके फार्म पर 7 हजार मुर्गी के बच्चे हैं, जिसमें लागत 10 से 11 लाख रुपए आता है और खर्चा निकालकर इस समय 5-6 लाख रुपए का मुनाफा होता है.
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सफल किसान आसिफ के मुताबिक मुर्गी पालन में ध्यान रखना होता है कि मुर्गियां किसी बीमारी की चपेट में ना आ जाए. इसके अलावा मुर्गियों को सांप, बिच्छू, कुत्ते, बिल्ली आदि से भी बचाकर रखना होता है. इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए मुर्गी का पालन कर रहे हैं. चूजा 30 से 45 दिनों में तैयार हो जाता है और इस पर लागत 1.1 लाख रुपए आता है. मुर्गी का चूजा बाजार में आसानी से मिल जाता है. मोहम्मद आसिफ बताते है कि सर्दियों के मौसम में मुर्गी पालन करना मुशिकल हो जाता है. इसलिए हम लोग कोई भी चूजा नहीं डालते है. क्योंकि मुनाफा कम होता है, वहीं गर्मियों में अच्छी कीमत मिल जाती है, और मुर्गा मंडी में भाव में तेजी होती है.
उन्होंने बताया कि 40 दिनों के अंदर एक लाख रुपये तक की आमदनी प्राप्त हो जाती है. अगर आपके घर के आगे-पीछे, अगल-बगल खाली जमीन है तो वहां मुर्गियों का पालन किया जा सकता है. ऐसी जगह पर मुर्गी पालन के लिए आपको अधिक पैसे भी खर्च नहीं करने होंगे. साथ ही मुर्गी पालन के लिए उपयोग होने वाले श्रम के लिए भी ज्यादा मशक्कत नहीं करनी पड़ेगी.एक ओर जहां आसिफ युवा कारोबारी के रूप में अपनी पहचान बना रहे हैं.
इन जगहों पर आप कड़कनाथ, ग्रामप्रिया, स्वरनाथ, केरी श्यामा, श्रीनिधि, वनराजा, कारी उज्जवल और कारी जैसी मुर्गियों को पाल सकते हैं. इन मुर्गियों के पालन पर राज्य और केंद्र सरकार तरह-तरह की सब्सिडी भी देती हैं. इसके अलावा आपको बैंकों से लोन भी मिलता है. आसिफ ने बताया कि अगर आप अच्छी खासी संख्या में मुर्गियों को पालते हैं तो ये सालाना आपको लाखों का मुनाफा दे सकती हैं. इसके अलावा आप इनके मांस को बाजार में बेचकर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.
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