केंद्र सरकार रेहड़ी-पटरी पर सामान बेचने वालों, कामगारों, श्रमिकों, शिल्पकारों की आर्थिक स्थिति सुधारने और उनके कारोबार को बढ़ाने के लिए पीएम स्वनिधि योजना चला रही है. सरकार की इस योजना की मदद से उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में सड़क किनारे रेडीमेड कपड़े बेचने वाले सुरेश चंद की कमाई बढ़ी है. लाभार्थी सुरेश ने योजना के जरिए 10 हजार रुपये का लोन लेकर अपने कपड़े के कारोबार को बढ़ाया और आमदनी में इजाफा किया. बता दें कि पीएम स्वनिधि योजना के तहत देशभर के 3 लाख से ज्यादा कामगारों को लाभ मिला है.
उत्तर प्रदेश में गाजियाबाद के विजयनगर में सड़क किनारे पटरी पर रेडीमेड कपड़ों की दुकान लगाकर जीवन यापन करने वाले सुरेश चंद के लिए पीएम स्वनिधि योजना किस्मत बदलने वाली साबित हुई है. सुरेश चंद ने बताया कि स्वनिधि योजना के जरिए उन्हें पहले 10 हजार रुपये का लोन लिया और उसे समय पर चुकाने के बाद 20 हजार रुपये का फिर से लोन मिला. इससे उनको अपना कपड़े का कारोबार बढ़ाने में मदद मिली, जिससे उनकी दुकान की बिक्री बढ़ी.
सुरेश ने कहा कि जब स्वनिधि योजना नहीं थी तब दोस्तों और जानने वालों से पैसा उधार लेते थे, तो वे काफी ज्यादा ब्याज दर पर पैसा देते थे, जिसको चुकाने में काफी दिक्कत होती थी. उन्होंने कहा कि ज्यादा ब्याज दर की वजह से उन्हें 10 हजार के बदले 20 हजार या 25 हजार रुपये तक चुकाने पड़ जाते थे. सुरेश ने कहा कि स्वनिधि योजना से जुड़ने के बाद वह कई अन्य सरकारी योजनाओं से भी जुड़े हैं, जिससे उन्हें काफी लाभ मिल रहा है. उन्होंने उम्मीद जताई कि आगे भी ऐसी योजनाओं का लाभ मिलता रहे. उन्होंने कहा कि वह पीएम मोदी और केंद्र सरकार आभारी हैं.
आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय के अनुसार प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत 60.94 लाख रेहड़ी-पटरी वालों को 10,678 करोड़ रुपये की 80.42 लाख से अधिक लोन जारी किए गए हैं. इसके तहत लाभार्थियों को पहली किश्त के रूप में 10,000 रुपये तक के बिना किसी गिरवी पहली रकम दी जाती है. इसके बाद दूसरी और तीसरी किस्त के रूप में 20,000 और 50,000 रुपये दिए जाते हैं. उन्होंने कहा कि इस योजना से न केवल रेहड़ी-पटरी वालों का वित्तीय समावेशन हुआ है, बल्कि उनका मान-सम्मान भी बढ़ा है.
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