Papaya Farming: पपीते की खेती से लाखों कमा रहा ये किसान, एक एकड़ में खर्च होते हैं 50 हजार रुपये

Papaya Farming: पपीते की खेती से लाखों कमा रहा ये किसान, एक एकड़ में खर्च होते हैं 50 हजार रुपये

बिहार के पूर्वी चंपारण के सूर्यपुर पंचायत के पडौलिया गांव के रहने वाले रिटायर्ड फौजी पपीते की खेती करते हैं. वो एक एकड़ में पपीते के पौधे लगाए हैं. उनका कहना है कि एक एकड़ में खेती में 50 हजार रुपये तक खर्च होते हैं. जबकि इससे आमदनी 10-15 लाख रुपये तक होती है.

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पपीते की खेती से लाखों कमा रहा ये किसान, एक एकड़ में खर्च होते हैं 50 हजार रुपयेPapaya Farming (Photo/Meta AI)

किसान अब परंपरागत खेती की बजाय आधुनिक खेती कर रहे हैं और अच्छा-खासा मुनाफा कमा रहे हैं. एक ऐसे ही किसान राजेश कुमार हैं, जो बिहार के पूर्वी चंपारण के रहने वाले हैं. उन्होंने धान-गेहूं जैसी परंपरागत खेती छोड़ दी और पपीता की खेती शुरू की. उन्होंने पपीते की खेती में तकनीक का इस्तेमाल करते हैं. राजेश कुमार युवा किसानों को पपीता की खेती के तरीके भी सीखा रहे हैं.

सेना से रिटायर्ड होने के बाद खेती का फैसला-
किसान राजेश कुमार पूर्वी चंपारण के पीपराकोठी प्रखंड के सूर्यपुर पंचायत के पडौलिया गांव के रहने वाले हैं. राजेश कुमार फौजी थे, अब रिटायर हो गए हैं. उनकी बचपन से ही खेती में रुचि थी. इसलिए उन्होंने रिटायरमेंट के बाद खेती से जुड़ने का फैसला किया. हालांकि उन्होंने परंपरागत खेती की जगह आधुनिक सिस्टम से खेती करने का प्लान किया. जिसका फायदा भी उनको हुआ, आज वो अच्छी-खासी कमाई कर रहे हैं.

6 साल पहले शुरू की पपीता की खेती-
राजेश कुमार ने 6 साल पहले पपीता की खेती करने का फैसला किया. इससे पहले उनकी फैमिली परंपरागत खेती करती थी. राजेश कुमार ने पपीता की खेती के लिए जिला उद्यान विभाग से संपर्क किया. उन्होंने वहां से रेड लेडी ताइवान 786 किस्म के पपीते का पौधा लाए. ड्रिप इरीगेशन की सुविधा भी उद्यान विभाग ने उपलब्ध कराई. इसके साथ ही उद्यान विभाग के वैज्ञानिकों ने समय-समय पर दौरा किया और खेती को लेकर जरूरी जानकारी दी.

इस साल भी लगाए पपीते के 600 पौधे-
हिंदी डॉट न्यूज 18 की रिपोर्ट के मुताबिक राजेश कुमार ने बताया कि उन्होंने फरवरी-मार्च के सीजन में पपीते के पौधे लगाए हैं. उन्होंने एक एकड़ में 900 पौधे लगाए हैं. 3-4 महीने में पौधे की कली खिलने लगेगी. जबकि 6-7 महीने में पपीते की पैदावार होने लगेगी.

पपीता पेड़ पर ही पकते हैं. उसके बाद उनको तोड़ा जाता है. इसमें किसी केमिकल का इस्तेमाल नहीं किया जाता है. इसका स्वाद भी अलग तरह का होता है.

10-15 लाख का मुनाफा-
राजेश कुमार का कहना है कि एक एकड़ में खेती का खर्च 50 हजार रुपये आता है, जबकि एक एकड़ पपीते की खेती से करीब 10-15 लाख रुपये तक की आमदनी हो जाती है. इस पपीते की डिमांड बहुत ज्यादा है. मार्केट में इसकी इतनी मांग है कि उतनी मात्रा में आपूर्ति भी नहीं हो पाती है.

पपीते की खेती के साथ राजेश कुमार खेत में अदरक, बकला और गेंदा फूल की भी खेती करते हैं. इससे भी अच्छा-खासा मुनाफा होता है.
राजेश कुमार पिछले 6 साल से पपीता की खेती कर रहे हैं. उनको इतना अनुभव हो गया है कि अब वो खुद ही पपीता की नर्सरी भी तैयार करते हैं. इसके साथ ही दूसरे किसानों को पपीते की खेती का तरीका भी सिखाते हैं.

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