देश के प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत के नारे से प्रेरित होकर झारखंड में रामगढ़ जिले के सरला कला गांव के किसान ने स्ट्रॉबेरी की खेती में बड़ा नाम किया है. इस किसान का नाम रचिया महतो है जिन्होंने स्ट्रॉबेरी की खेती कर अच्छा मुनाफा कमाया है. वे आज अन्य किसानों के लिए प्रेरणा स्रोत बन गए हैं. अब उनकी उगाई गई स्ट्रॉबेरी की मांग विदेशों में भी हो रही है.
किसान रचिया महतो अपने लगभग 50 डिसमिल जमीन में स्ट्रॉबेरी की खेती कर महीने में लाखों रुपये की कमाई कर रहे हैं. इससे प्रेरित होकर इस इलाके के अन्य किसानों ने स्ट्रॉबेरी की खेती करने की ठान ली है. किसान रचिया महतो आर्थिक तंगी से जूझ रहे थे. इस दौरान उन्होंने स्ट्रॉबेरी की खेती करने की सोची और एक सीजन में लगभग अब तक दो लाख रुपये की आमदनी कर चुके हैं.
वे बताते हैं कि स्ट्रॉबेरी की खेती से आमदनी दोगुनी हो रही है. दूसरे किसानों को स्ट्रॉबेरी की खेती करने की सलाह भी दे रहे हैं. किसान रचिया महतो ने बताया, अपनी स्ट्रॉबेरी गोला मार्केट में भी बेच रहे हैं और यहां से दुबई भेज रहे हैं. कल रांची के व्यापारी आए हुए थे जो 275 रुपये किलो के भाव से ले गए हैं. कल लगभग 2 क्विंटल माल बिका है. आज लगभग 70 किलो माल टूटा है जिसे बेचना है.
रचिया महतो ने कहा, हर दिन आमदनी अच्छी हो रही है. 200 रुपये के भाव से डेली मार्केट में स्टॉबेरी बेच रहे हैं. प्रतिदिन 13000 से 14000 रुपये की आमदनी हो रही है. प्रधानमंत्री का सपना था कि किसान की आमदनी दोगुनी हो. अगर किसान अच्छे से खेती करें तो चार गुनी आमदनी होगी. उद्यान विकास योजना की तरफ से इस इलाके के किसानों को 105 स्ट्रॉबेरी के पौधे बांटे गए हैं.
सरला कला गांव में पुरुष ही नहीं बल्कि महिलाएं भी स्ट्रॉबेरी की खेती कर आमदनी बढ़ा रही हैं. इस खेती से वे अपने परिवार का भरण पोषण कर रही हैं और आत्मनिर्भर बन रही हैं. ये महिलाएं सारा श्रेय किसान रचिया महतो को देती हैं. स्ट्रॉबेरी की खेती करने वाली महिला किसान मीणा देवी ने बताया, रचिया महतो गोला प्रखंड के उद्यान मित्र भी हैं. करीब 105 किसानों को स्ट्रॉबेरी का पौधा दिए हैं. मशरूम का पौधा भी किसानों को दिए हैं.
एक अन्य महिला किसान सुनीत देवी ने कहा, रचिया महतो गांव जा-जा कर बागवानी का पौधा दिलाते हैं. वे गुजरात गए थे जहां मोदी जी ने उन्हें 51000 रुपये का पुरस्कार भी दिया था. स्ट्रॉबेरी की कमाई से अपने बाल बच्चों को अच्छी तरह से पढ़ा रही हूं और हमारी घर गृहस्थी भी अच्छी चल रही है. रचिया महतो खेती की नई तकनीक सीखने के लिए इजरायल भी गए थे.
रामगढ़ के सहायक कृषि तकनीकी अधिकारी अमित कुमार ने बताया, मैं पिछले 12 वर्षों से रचिया महतो को जानता हूं. वे उत्कृष्ट किसान हैं. वे अपने क्षेत्र के अलावा पूरे राज्य में कृषि की तकनीक लोगों को सीखा रहे हैं और ब्रोकली, स्ट्रॉबेरी औ अन्य फसलों की खेती कर रहे हैं. किसानों के लिए यह प्रेरणा स्रोत बने हुए हैं. वे अपने खेत में स्ट्रॉबेरी की खेती कर रहे हैं और उपज विदेश भी जा रही है.(झूलन अग्रवाल की रिपोर्ट)
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