नर्सरी ट्रे के बिजनेस से लखपति बना यह शख्स, 80 लाख तक पहुंचा सालाना टर्नओवर

नर्सरी ट्रे के बिजनेस से लखपति बना यह शख्स, 80 लाख तक पहुंचा सालाना टर्नओवर

करीब 4 साल पहले चंद्रकांत ने सिर्फ एक मशीन खरीदकर कारोबार की शुरुआत की थी. धीरे-धीरे कारोबार बढ़ता गया और अब चंद्रकांत के पास 4 मशीनें और 10 ड्रायर हैं. उन्होंने अपने कारोबार की ब्रांडिंग 'मुक्ताई सीडलिंग ट्रे' के नाम से की है. आइए जानते हैं क्या है इनकी सफलता की कहानी.

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नर्सरी ट्रे के बिजनेस से लखपति बना यह शख्स, 80 लाख तक पहुंचा सालाना टर्नओवरनर्सरी ट्रे के बिजनेस से कमा रहे अच्छा मुनाफा

पुणे जिले में कृषि क्षेत्र का विकास हुआ है. जिले के कई युवा सफलतापूर्वक कृषि व्यवसाय से जुड़े हुए हैं. जुन्नार तालुका के नारायणगांव के एक अकेले युवा चंद्रकांत आडसरे ने अपनी नौकरी छोड़े बिना नर्सरी उद्योग के लिए ट्रे बनाने का व्यवसाय शुरू किया और आज वह सफलतापूर्वक 70-80 लाख रुपये का सालाना कारोबार कर रहे हैं. उनके इस पेशे ने उन्हें युवाओं के लिए रोल मॉडल बना दिया है. चंद्रकांत आडसरे जुन्नार तालुका के नारायणगांव के एक युवा हैं. उन्होंने नारायणगांव से ही कृषि व्यवसाय प्रबंधन की पढ़ाई की और फिर एमबीए मार्केटिंग की पढ़ाई की. अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने कई जगहों पर नौकरी की. लेकिन नौकरी के साथ-साथ कृषि से जुड़े व्यवसाय में भी अच्छी संभावना है, चंद्रकांत यह व्यवसाय भी करना चाहते थे.

4 साल पहले शुरू किया था काम

करीब 4 साल पहले चंद्रकांत ने सिर्फ एक मशीन खरीदकर कारोबार की शुरुआत की थी. धीरे-धीरे कारोबार बढ़ता गया और अब चंद्रकांत के पास 4 मशीनें और 10 ड्रायर हैं. लोकमत के मुताबिक उन्होंने अपने कारोबार की ब्रांडिंग 'मुक्ताई सीडलिंग ट्रे' के नाम से की है. चंद्रकांत की कंपनी में चार से पांच कर्मचारी हैं और नर्सरी की मांग के अनुसार अलग-अलग मशीनों के जरिए अलग-अलग ट्रे तैयार की जाती हैं. गन्ना, सब्जियां, फूल, गेंदा जैसे अलग-अलग तरह के पौधों के लिए अलग-अलग ट्रे तैयार की जाती हैं. इसके जरिए चंद्रकांत ने चार से पांच कुशल कामगारों को रोजगार मुहैया कराया है.

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मार्केटिंग और ब्रांडिंग

चंद्रकांत की मुक्ताई सीडलिंग ट्रे कंपनी जुन्नार, अम्बेगांव, खेड़, नासिक, सिन्नर, शिरुर, हडपसर, बारामती और महाराष्ट्र के बाहर भी उत्पाद बनाती है. ट्रे नर्सरी के पेशेवरों को बेची जाती हैं. वहीं, माल की अच्छी गुणवत्ता के कारण ग्राहक हमसे दोबारा माल खरीदता है. चंद्रकांत कहते हैं कि इससे आपके व्यवसाय की अपने आप ब्रांडिंग हो जाती है.

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केवीके से मिला मार्गदर्शन

इस व्यवसाय में कृषि विज्ञान केंद्र नारायणगांव का निरंतर मार्गदर्शन मिलता रहा. चंद्रकांत कहते हैं कि उन्हें केवीके से ऋण उपलब्धता, मार्केटिंग, बिक्री और ब्रांडिंग के साथ-साथ कृषि व्यवसाय के लिए तकनीकी मार्गदर्शन भी मिला है.

कितना होता है प्रॉफिट

चंद्रकांत की कंपनी प्रतिदिन लगभग 10 से 12 हजार ट्रे बनाती है. ये ट्रे महाराष्ट्र और महाराष्ट्र के बाहर भी बेची जा रही हैं और यह व्यवसाय प्रति वर्ष 70 से 80 लाख रुपए का कारोबार कर रहा है. चंद्रकांत का यह व्यवसाय किसानों और युवाओं के लिए एक आदर्श बन गया है.

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