कहते हैं जब कुछ करने की चाह मन में होती है तो परिस्थिति कैसी भी हो करने वाले कर ही लेते हैं. तमिलनाडु के कडलुर जिले की दो बहनों ने इस बात को सच कर दिखाया है. ईश्वर्या रामनाथन और सुष्मिता रामनाथन ने कड़ी मेहनत और आत्मविश्वास के बल पर UPSC जैसी कठिन परीक्षा पास की और आज लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा बन चुकी हैं.
इन दोनों बहनों का जीवन कभी आसान नहीं रहा. साल 2004 में आई सुनामी में उनका घर उजड़ गया था. परिवार आर्थिक तंगी से जूझ रहा था, लेकिन माता-पिता ने हमेशा बेटियों की शिक्षा को प्राथमिकता दी. खेती करने वाले परिवार से होने के बावजूद, उन्होंने विपरीत परिस्थितियों में भी हिम्मत नहीं हारी. खेती के माध्यम से उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि उनकी दोनों बेटियों के सपने कभी अधूरे न रहें. और आज, इसी वजह से उनकी बेटियों की मेहनत रंग लाई है.
सुष्मिता का सफर किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है. उन्होंने 2022 में अपने छठे प्रयास में UPSC परीक्षा पास की और 528वीं रैंक हासिल की. इससे पहले वो 5 बार असफल हुईं, लेकिन कभी हार नहीं मानी. जब भी लगा कि अब और नहीं हो पाएगा, उन्होंने खुद को समझाया- "अभी तो पार्टी शुरू हुई है!" और लगातार तैयारी में जुटी रहीं.
आज वे एक गर्वित IPS अफसर हैं.
ईश्वर्या, सुष्मिता की बड़ी बहन हैं. उन्होंने UPSC के पहले ही प्रयास में 630वीं रैंक पाई, लेकिन वे इससे संतुष्ट नहीं थीं. उन्होंने दोबारा परीक्षा दी और शानदार 44वीं रैंक हासिल की. महज 22 साल की उम्र में वे IAS अफसर बन गईं और अब थुथुकुडी जिले में एडिशनल कलेक्टर के पद पर कार्यरत हैं.
जहां आजकल UPSC के लिए लाखों रुपये की कोचिंग जरूरी मानी जाती है, वहीं इन बहनों ने अपनी पढ़ाई खुद की. उन्होंने यूट्यूब से लेक्चर देखे, खुद नोट्स बनाए और अपनी स्ट्रेटजी तैयार की. उनका मानना है कि अगर लगन और सही दिशा हो, तो किसी भी मंजिल को पाया जा सकता है.
जब बाकी युवा "Netflix and Chill" में लगे थे, तब इन बहनों ने "Study and Skill" को अपना मंत्र बना लिया. दिन-रात की मेहनत ने रंग दिखाया और दोनों बहनें आज देश की सेवा कर रही हैं.
ईश्वर्या और सुष्मिता की कहानी उन सभी के लिए प्रेरणा है जो सोचते हैं कि संसाधन के बिना कुछ बड़ा नहीं हो सकता. इन बहनों ने साबित कर दिया कि अगर आपके इरादे मजबूत हैं, तो रास्ते खुद बनते हैं.
हालांकि उनके पिता एक किसान हैं, लेकिन उन्होंने अपनी बेटियों को हमेशा बड़ा सोचने और मेहनत करने की सीख दी. आज वही बेटियां अफसर बनकर उनका सपना पूरा कर रही हैं.
ईश्वर्या और सुष्मिता रामनाथन की यह कहानी बताती है कि मुश्किलें चाहे कितनी भी बड़ी हों, अगर हौसले बुलंद हों तो मंजिल जरूर मिलती है. इन बहनों ने न सिर्फ UPSC पास किया, बल्कि ये भी दिखाया कि छोटे शहरों से भी बड़ी उड़ान भरी जा सकती है.
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