
जमशेदपुर से सटे इलाके पटमदा में इस बार किसानों ने भारी बारिश के बावजूद भी करेला की खेती की है. किसानों को काफी डर था कि आम फसलों की तरह करेला भी नुकसान देह फसल साबित ना हो, लेकिन नुकसान के डर के साथ फिर भी किसानों ने रिस्क लिया और अपने खेतों में करेले की बुवाई की. पहले किसान झूलन गोराई ने अपने दो एकड़ खेत में करेला की फसल लगाई. फिर देखते-देखते ही देखते अन्य किसान सुनील गोराई, रमन गोरी और कई लोगों ने अपने खेतों में इस बार करेले के बीज बो दिए.
किसानों ने कहा कि इस बार इतनी बारिश हुई कि हमें डर लग रहा था कि हमारी फसल नष्ट ना हो जाए, लेकिन ईश्वर ने साथ दिया और हमें करेला की बंपर पैदावार मिली है. हम हर एक दिन के बाद अपने दो एकड़ जमीन में 10 से 15 क्विंटल करेला तोड़कर बाजार में भेज रहे हैं.
यहां के करेले की कीमत 40 रुपये प्रति किलो है. इस हिसाब से आप समझ सकते हैं कि हमें हर एक दिन के बाद कितनी कीमत के करेले बाजार में भेज रहे हैं. किसानों ने कहा कि हमें करेले की खेती से लाखों में मुनाफा हो रहा है. हमने चार लाख रुपये की लागत से पौधे खरीद के लगाए थे और अब तक हमें 10 लाख से अधिक की कमाई हो चुकी है. हम काफी खुश हैं.
किसान झूलन गोराई ने बताया कि यह पटमदा का इलाका है. हमने इस बार काफी बारिश झेली है. इस इलाके में हम जो भी बीज लग रहे थे, जो भी फसल-पौधे लगा रहे थे सब पानी में बह जा रहे थे. तब हमने नई तकनीक अपनाते हुए करेला की खेती शुरू की और इसमें हम काफी सफल रहे. आज मैं 2 एकड़ में करेला की बंपर खेती कर रहा हूं और हमें काफी मुनाफा हो रहा है. अब तक हमें लगता है कि हम 8 से 10 लाख रुपये करेले को बेचकर कमा चुके हैं.
वहीं, एक अन्य किसान युधिष्ठिर महतो ने कहा कि हम पटमदा के रहने वाले हैं. इस बार अपने खेतों में आपसी सहमति से तीन एकड़ में करेला के पौधे लगाए हैं, जिसमें हम इतने सफल हुए कि पैदावार भी अच्छी हुई और आज हर एक दिन के बाद हम 10 से 15 क्विंटल करेला तोड़कर बाजारों में बेच रहे हैं, जिससे काफी मुनाफा हो रहा है. (अनूप सिन्हा की रिपोर्ट)
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