उत्तराखंड के बागेश्वर जिले के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल कौसानी के रहने वाले लाल सिंह ने खेती के क्षेत्र में एक नई मिसाल पेश की है. दरअसल, वो हाइड्रोपोनिक्स तकनीक से खेती कर रहे हैं. उन्होंने इस आधुनिक तकनीक के माध्यम से अपने गांव में हरी सब्जियों के साथ-साथ सीजनल और ऑफ-सीजनल सब्जियों का उत्पादन शुरू किया है. यही नहीं, लाल सिंह ने उत्तर अमेरिका में उगने वाले एवाकाडो को भी कौसानी की धरती पर सफलतापूर्वक उगाकर सबको चौंका दिया है.
किसान लाल सिंह एवाकाडो के अलावा कीवी और बड़ी इलायची की खेती भी कर रहे हैं, जिससे उनकी आमदनी में लगातार बढ़ोतरी हुई है. साथ ही उन्होंने मछली पालन, पशुपालन और ऑर्गेनिक अनाज उत्पादन को भी अपनी खेती का हिस्सा बनाकर बहुआयामी कृषि मॉडल का निर्माण किया है.
आज लाल सिंह न केवल हाइड्रोपोनिक्स तकनीक के जरिए खेती कर रहे हैं, बल्कि मशरूम उत्पादन, फलों और सब्जियों की खेती से भी लाखों रुपये भी कमा रहे हैं. उनकी सफलता में उनकी पत्नी और बच्चे भी बराबरी का योगदान दे रहे हैं, जो खेतों में काम करने में उनका पूरा सहयोग करते हैं. पारिवारिक समर्पण और मेहनत की बदौलत आज लाल सिंह का नाम क्षेत्र में एक सफल किसान के रूप में जाना जाता है.
लाल सिंह ने बताया कि वो कई वर्षों तक दिल्ली की एक फैक्ट्री में काम करते रहे, लेकिन शहर की भागदौड़ भरी जिंदगी से वो ऊब गए थे. फिर उन्होंने सोचा कि क्यों न अपने गांव में रहकर ही कुछ ऐसा किया जाए जिससे अपनी मिट्टी से जुड़ाव भी बना रहे और आजीविका का स्थायी साधन भी मिल सके. वर्ष 2004 में उन्होंने वापस गांव लौटकर आर्गेनिक खेती शुरू की. शुरूआती कठिनाइयों के बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी और आधुनिक तकनीकों को अपनाते हुए अपने खेत को प्रयोगशाला के रूप में बदल दिया.
अब लाल सिंह आज उन सभी लोगों के लिए प्रेरणा बन गए हैं, जो यह कहते हैं कि पहाड़ों में रोजगार के अवसर नहीं हैं. उन्होंने यह साबित कर दिया है कि सही सोच, परिश्रम और तकनीक के उपयोग से पहाड़ों में भी समृद्धि के रास्ते खोले जा सकते हैं. अपनी मेहनत के बल पर वे आज ऑर्गेनिक सब्जी, एवाकाडो और कीवी की खेती से अच्छी कमाई कर रहे हैं और युवाओं को पलायन की जगह अपने गांव में रहकर कुछ नया करने की प्रेरणा दे रहे हैं. (जगदीश चंद्र पांडे की रिपोर्ट)
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