पंजाब में पराली जलाने के मामलों में इस साल अब तक भारी गिरावट देखी गई है. 15 सितंबर से 16 अक्टूबर तक कुल 188 मामले दर्ज किए गए हैं, जो कि पिछले दो साल की तुलना में लगभग 80 परसेंट की कमी को दर्शाता है.
पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (PPCB) के आंकड़ों के अनुसार, 2023 में इसी अवधि में 1388 मामले सामने आए थे, जबकि 2024 में 1212 मामले दर्ज किए गए थे. 2025 में अब तक सिर्फ 188 केस दर्ज हुए हैं.
इस गिरावट के पीछे सरकारी स्तर पर की जा रही सख्ती, किसानों को दी जा रही जागरुकता, एफआईआर दर्ज करना, रेवेन्यू रिकॉर्ड में रेड एंट्री, और मशीनरी की सुविधा जैसी कोशिशों को जिम्मेदार माना जा रहा है.
हालांकि आंकड़े उत्साहजनक हैं, पर दिवाली के बाद पराली जलाने के मामलों में वृद्धि की आशंका बनी हुई है क्योंकि अभी भी बड़ी मात्रा में फसल कटाई बाकी है. 17 अक्टूबर 2025 तक अमृतसर जिले में सबसे ज्यादा 76 मामले दर्ज किए गए हैं.
राज्य सरकार ने अब तक 115 एफआईआर दर्ज की हैं, 59 किसानों के नाम पर रेड एंट्री की गई है, और 4.60 लाख रुपये के जुर्माने लगाए गए हैं.
पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष आदर्शपाल विग ने बताया, "पिछले कुछ वर्षों से किए जा रहे लगातार प्रयास अब रंग ला रहे हैं. सरकार किसानों को पराली प्रबंधन के लिए मशीनें उपलब्ध करा रही है और पराली न जलाने वाले किसानों को सम्मानित भी कर रही है."
पूर्व कृषि मंत्री और विधायक कुलदीप धालीवाल ने कहा, "हम हमेशा किसानों से अपील करते हैं कि वे पराली न जलाएं. केस सामने आ रहे हैं लेकिन हमारा प्रयास है कि ये संख्या और घटे."
पराली जलाने के मुद्दे पर अमृतसर की डिप्टी कमिश्नर साक्षी साहनी कहती हैं, "...अमृतसर में 60 परसेंट कटाई हो चुकी है, क्योंकि यह एक सब्जी क्षेत्र है, इसलिए कटाई जल्दी शुरू हो जाती है...पिछले साल, हमारे यहां पराली जलाने की लगभग 378 घटनाएं हुई थीं, और इस साल 73 घटनाएं हुई हैं, जो पिछले साल की तुलना में 80 परसेंट कम है. हम किसानों को यथासंभव सहायता देते हैं, और हमारे पास एक कॉल सेंटर है. साथ ही मंडी में एक हेल्प डेस्क भी उपलब्ध है, जहां वे अपनी फसल की बुकिंग और समय निर्धारित कर सकते हैं. हमने उपलब्ध संसाधनों का अधिकतम उपयोग करने के लिए अंतर-सहकारी समिति ऋण की भी अनुमति दी है... हम पराली न जलाने वाले किसानों को वित्तीय प्रोत्साहन दे रहे हैं...हमने कृषि संबंधी सभी सेवाओं के लिए एक ही स्थान पर सुविधा दी है..."
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