
Apple Farming in Kasganj: भारत में बहुत से फलों की खेती की जाती है. इसमें सेब की खेती से अच्छा मुनाफा मिलता है. इस खेती को करने से किसान को कम लागत में अधिक मुनाफा मिलता है. क्योंकि बाजार में सेब की मांग हमेशा बनी रहती है. यूपी के कासगंज के सहावर तहसील क्षेत्र के गांव बोड़ा नगरिया के प्रगतिशील किसान राजीव कुमार सिंह ने जिले में सेब की विदेशी प्रजाति का बाग लगाया है. इंडिया टुडे के किसान तक से बातचीत में राजीव ने बताया कि पहले वो धान और गेहूं की परम्परागत खेती करते थे. लेकिन हमेशा से कुछ अलग करने का मन था. इसलिए तीन साल पहले एक बीघे में इस्राइल और केन्या की गर्म मौसम के अनुकूल सेब की प्रजातियों के 200 पौधे प्रयोग के तौर पर लगाए गए थे.
बाग लगाने के तीसरे साल में अच्छी फसल मिली है. सारे फल लोगों को सैंपल में देने में खत्म हो गए. विदेशी प्रजाति के सेब की खेती वाला बाग लोगों में चर्चा का केंद्र है, बहुत से लोग उसे देखने पहुंच रहे हैं. सेब की खेती से आने वाले समय में इसकी खेती से किसानों की तकदीर ही बदल जाएगी.
उन्होंने बताया कि 2021 के दिसंबर माह में उन्होंने हिमाचल प्रदेश से सेब के विशेषज्ञ हरिभान शर्मा से मुलाकात की. उनके द्वारा गर्म जलवायु की सेब की प्रजातियां विकसित की गई हैं, वहां से सेब के 200 पौधे लिए. इसके अलावा, हिमाचल प्रदेश के अन्य स्थानों से पौधे लिए और तकनीकी जानकारी हासिल की. इसके बाद, एक बीघा खेत में सेब का बाग लगाया. इसमें 200 पौधे लगाए गए हैं. सभी सेब के पौधे ऑर्गेनिक तरीके से बाग में लगाया था. जिसमे हरिमन 99 प्रजाति के पौधे ज्यादा दिन नहीं टिक पाया, और पौधा खराब हो गया.
57 साल के किसान राजीव बताते हैं कि इस साल से सेब की खेती का दायरा बढ़ाते हुए दिसंबर में एक एकड़ भूमि पर 2 हजार के करीब सेब के पौधे लगाए जाएंगे. जिससे तीन साल बाद एक पेड़ में करीब 50 किलो सेब का उत्पादन होगा. जिससे मोटा मुनाफा होगा. वह कहते हैं कि जो प्रजातियां उन्होंने अपने बाग में लगाई हैं उनमें 50 डिग्री तापमान में भी दिक्कत नहीं होगी.
इस्राइल की सेब प्रजाति अन्ना, केन्या की प्रजाति ट्रॉफिक स्वीट एवं गोल्डन डोरसेट और हरिमन- 99 के पेड़ बाग में लगाए गए हैं. उन्होंने बताया कि दिसंबर में पौधे लगाए जाते हैं और फरवरी और मार्च में फल आ जाता है. वहीं किसानों से अपील करते हुए कहा कि अगर छोटे किसानों के पास थोड़ी जमीन होती, जहां सेब के बाग लगाकर लाखों रुपये की कमाई की जा सकती है. उनका कहना है इस क्षेत्र को सेब उत्पादन की दृष्टि से कश्मीर बनाना चाहते हैं.
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