उत्तर प्रदेश के बिजनौर में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) ने महिलाओं के जीवन में नई रोशनी भर दी है. इस योजना से जुड़कर हजारों महिलाएं आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन रही हैं. जूली देवी उसी का एक बेहतरीन उदाहरण है. अपने गांव की महिलाओं के बीच भले अब वह एक लोकप्रिय नाम है, लेकिन आज उनकी पहचान राष्टीय स्तर पर होने लगी है. दरअसल बिजनौर जिले के एक छोटे से गांव राजारामपुर खादर की रहने वाली जूली बकरी के दूध से नेचुरल साबुन तैयार किया है. जिसकी डिमांड बहुत तेजी से यूपी- उत्तराखंड समेत अन्य राज्यों से आने लगी है. वहीं नेचुरल साबुन का टर्नओवर बीते 3 महीने में 6 करोड़ रुपये तक पहुंच गया हैं.
इंडिया टुडे के किसान तक से खास बातचीत में जूली बताती हैं कि वो सरसों का तेल, बकरी के दूध से ऑर्गेनिक साबुन, केमिकल फ्री शुद्ध मसाले, मल्टी ग्रेन आटा, सखी सुरक्षा सेनेटरी पैड, आचार समेत 150 से अधिक प्रोडक्ट्स बनाती है. उन्होंने बताया कि वर्ष 2020 में वो राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) से जुड़ी थी. सबसे खास बात हैं कि आज उनकी एफपीओ (विदुर प्रेरणा समिति) का टर्नओवर 3 महीने में 6 करोड़ रुपये तक पहुंच गया हैं. जूली ने आगे बताया कि वो प्रोडक्ट की गुणवत्ता के साथ कोई समझौता नहीं करती. हमारा हर समान केमिकल फ्री और ऑर्गेनिक होता है. जबकि सारे प्रोडक्ट्स NABL और ISO लैब से प्रमाणित होता है.
वहीं उनके एफपीओ में आज 15 हजार से अधिक महिलाएं जुड़ी हुई है. जो अलग-अलग प्रोडक्ट्स गांव में ही बनाती है. एक तरह से देखा जाए तो उन्होंने गांव में एक छोटी से फैक्ट्री डाल रखी है. यहां पैकेजिंग से लेकर मार्केटिंग तक जिम्मा खुद गांव की महिलाओं के उपर होता है. बिजनौर जिले के एनआरएलएम, महिला स्वयं सहायता समूह के तैयार विदुर ब्रांड एक साबुन की कीमत 5 से लेकर 50 रुपये तक है. जबकि साबुन का वजन 1.25 ग्राम का है. रोजाना 70 हजार से अधिक साबुन बकरी के दूध से तैयार किया जाता है. जिसकी सप्लाई बिजनौर, मुरादाबाद समेत उत्तराखंड में होती है.
राजारामपुर गांव की निवासी जूली देवी कहती हैं कि राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से एक करोड़ रुपये लोन लेकर इस छोटे से व्यवसाय को शुरू किया था. वहीं कड़ी मेहनत और ग्रामीण महिलाओं का साथ मिला तो आज हमारे प्रोडक्ट्स की मांग उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों से आने लगी हैं. क्योंकि इसके पीछे मुझे बड़ी मदद (ONDC) प्लेटफॉर्म का रहा. उन्होंने बताया कि ओएनडीसी छोटे व्यवसायों को सशक्त बनाने और ई-कॉमर्स में क्रांति लाने में योगदान दिया है, जिसके कारण आज आजीविका स्वयं सहायता समूह की महिलाएं अपने परिवार को आर्थिक सहारा दे रही हैं.
जूली देवी ने बताया कि सखी सुरक्षा सेनेटरी पैड, अचार, मुरब्बा, अमला कैंडी, टोमेटो, केचअप, शक्कर, सिरका, टेडी बियर, ब्रश, शहद, साबुन, मल्टीग्रेन, आटा जैकेट दोनों पत्तल, सरसों का तेल आदि द्वारा समूह उत्पादों को और बेहतर बनाने के लिए हर संभव प्रयास जारी हैं. इन्हें ब्रांडिंग पैकेजिंग के साथ गुणवत्ता युक्त विदुर ब्रांड के नाम से सेल सेवा मार्केटिंग को बढ़ावा दिया जा रही हैं. इससे ग्रामीण क्षेत्र में जीवन स्तर भी बेहतर होगा.
उन्होंने बताया कि इस काम में उनके पति सोनू कुमार बहुत ज्यादा मदद करते हैं. वहीं बिजनौर के डीएम और सीडीओं का सहयोग हमेशा मिलता है. जिला प्रशासन के सहयोग से ग्रामीण महिलाएं सही मार्गदर्शन पाकर अपनी सफलता की नई कहानियां लिख रही हैं. जूली ने कहा कि योगी सरकार की योजनाओं का लाभ आज प्रदेश की हर ग्रामीण महिलाओं को मिल रहा है. इस योजना से न केवल उनकी आर्थिक स्थिति सुधर रही है, बल्कि वे समाज में अपनी अलग पहचान भी बना रही हैं.
ये भी पढे़ं-
UP के कई जिलों में प्रचंड गर्मी का कहर जारी, पारा पहुंच रहा 35 के पार, जानें मौसम का ताजा हाल
ग्रेटर नोएडा में 25 सितंबर को सजेगा 'यूपी एग्रीकल्चर' का सबसे बड़ा मंच, PM मोदी करेंगे शुभारंभ
CM के आर्थिक सलाहकार ने बताई बड़ी बात, कही यूपी को दो विकास बोर्ड की जरूरत, समझाया ब्लूप्रिंट
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today