Food Processing Policy: यूपी में लगाना चाहते हैं फूड प्रोसेसिंग यूनिट तो जल्द करें ऑनलाइन आवेदन

Food Processing Policy: यूपी में लगाना चाहते हैं फूड प्रोसेसिंग यूनिट तो जल्द करें ऑनलाइन आवेदन

यूपी में योगी सरकार ने किसानों को उद्यमी बनाने के लिए प्रोत्साहन देने हेतु तमाम योजनाओं का आगाज किया है. इस क्रम में किसानों एवं ग्रामीण उद्यमी युवाओं को Food Processing के क्षेत्र में आगे आने के लिए सरकार ने हाल ही में नई खाद्य प्रसंस्करण नीति 2023 लागू की है. इसके तहत सरकार ने फूड प्रोसेसिंग क्षेत्र में निवेश हेतु सरकारी अनुदान पाने के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया शुरु कर दी है.

Advertisement
Food Processing Policy: यूपी में लगाना चाहते हैं फूड प्रोसेसिंग यूनिट तो जल्द करें ऑनलाइन आवेदनयूपी में खाद्य प्रसंस्करण यूनिट लगाने पर योगी सरकार देगी पर्याप्त अनुदान, फोटो: यूपी सरकार

यूपी में अब किसान और ग्रामीण युवा उद्यमियों के लिए खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में हाथ आजमाने का सुनहरा अवसर है. योगी सरकार की नई Food Processing Policy के तहत किसान अपने गांव या खेत में ही खाद्य प्रसंस्करण यूनिट लगा सकेंगे. जिससे उनके कृष‍ि उत्पादों में Value addition कर बाजार में उनकी बेहतर कीमत मिल सके. सरकार ने निवेशकों से इस बाबत आवेदन मांगे हैं. किसानों एवं युवा उद्यमियों को फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाने के लिए निवेश करने पर सरकार कई तरह की मदों में अनुदान देगी. इस योजना में बड़ी यूनिट लगाने के लिए राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी 50 लाख से 50 करोड़ रुपये तक का निवेश करने वालों को अनुदान दिया जाएगा. वहीं 3 लाख से 20 लाख रुपये तक की निवेश वाली यूनिट लगाने के लिए आसान शर्तों पर सरकार अनुदान देगी. इसके लिए किसानों को प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना के तहत आवेदन करना होगा. फिलहाल सरकार ने नई नीति को लागू करने के शुरुआती क्रम में खाद्य प्रसंस्करण इकाई लगाने के लिए उद्यमियों को आवेदन मांगे हैं.

ऑनलाइन आवेदन की दरकार

योगी सरकार ने खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के क्षेत्र में राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय निवेशकों को यूपी के ग्रामीण इलाकों में फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाने के लिए अवसर मुहैया कराए हैं. खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति 2023 के तहत उद्यमियों को ऑनलाइन आवेदन करना होगा.

ये भी पढ़ें, PM Kisan: जुलाई का महीना लाएगा खुशखबरी, जानें किस तारीख को आएगी 14वीं किस्त

मिलेगा इतना अनुदान

नई खाद्य प्रसंस्करण यूनिट लगाने के लिए अधिकतम 5 करोड़ रुपये तक के निवेश पर परियोजना लागत का 35 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा. यह अनुदान तकनीकी सहयोग, सिविल कार्य एवं प्लांट मशीनरी पर दिया जाएगा. इसके अलावा पुरानी यूनिट का विस्तार या आधुनिकीकरण करने के लिए अधिकतम 1 करोड़ रुपये तक के निवेश पर भी 35 प्रतिशत अनुदान सरकार देगी. जो निवेशक कोल्ड स्टोरेज लगाना चाहते हैं, उन्हें 10 करोड़ रुपये तक के निवेश पर 35 प्रतिशत का अनुदान मिलेगा.

इसी तरह कम से कम 25 करोड़ एवं अधिकतम 35 करोड़ रुपये की लागत से कृष‍ि प्रसंस्करण समूह में कम से कम 5 यूनिट लगाने पर भी 35 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा. विकेंद्रीकृत खरीद भंडारण एवं प्रसंस्करण यूनिट लगाने के लिए निवेश करने वालों को कुल निवेश का 50 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है. इस मद में अनुदान की अधिकतम सीमा 50 लाख रुपये है.

इस नीति के तहत ग्रामीण इलाकों में 75 केवीए तक का सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने पर लागत का 50 से 90 फीसदी तक अनुदान दिया जा रहा है. इसमें सामान्य वर्ग के लोगों को परियोजना लागत का 50 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा, जबकि महिला आवेदक को कुल लागत का 90 प्रतिशत अनुदान मिलेगा.

ये भी पढ़ें, Paddy Farming: हर नक्षत्र से जुड़ी है खेती की एक कहानी, धान की रोपाई का ये है शुभ कनेक्शन, पढ़ें पूरी रिपोर्ट

अन्य सुविधाएं

सरकार ने इस नीति के तहत खाद्य प्रसंस्करण उद्योग स्थापित करने के लिए निवेशकों को प्रक्रिया संबंधी औपचारिकताएं पूरी करने में भी कुछ सहूलियत देने की घोषणा की है. इसके तहत कृष‍ि योग्य जमीन पर यूनिट लगाने वाले निवेशकों को गैर कृष‍ि उपयोग की घोषणा में लगने वाले शुल्क में 2 प्रतिशत की छूट मिलेगी.

इसके अलावा सरकारी जमीन के आदान प्रदान पर लगने वाला शुल्क एक चौथाई सर्किल रेट पर ही देना होगा. भू उपयोग के परिवर्तन शुल्क में भी 50 प्रतिशत छूट मिलेगी. साथ ही प्रसंस्करण यूनिट लगाने वाले निवेशक को यूपी से कच्चा माल खरीदने या किसानों से सीधे कृष‍ि उत्पाद खरीदने पर मंडी शुल्क या उपकर नहीं देना पड़ेगा.

POST A COMMENT