PM-RKVY: वर्षा आधारित खेती को मजबूती दे रही है RAD योजना, लाखों किसानों को मिल रहे इतने लाभ

PM-RKVY: वर्षा आधारित खेती को मजबूती दे रही है RAD योजना, लाखों किसानों को मिल रहे इतने लाभ

कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, प्रधानमंत्री-राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अंतर्गत वर्षा सिंचित क्षेत्र विकास (आरएडी) का कार्यान्वयन कर रहा है. यह योजना भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) द्वारा विकसित एकीकृत कृषि प्रणाली (आईएफएस) मॉडलों के माध्यम से सतत कृषि उत्पादन को बढ़ावा देती है.

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वर्षा आधारित खेती को मजबूती दे रही है RAD योजना, लाखों किसानों को मिल रहे इतने लाभएकीकृत कृषि प्रणाली पर आधारित योजना

केंद्र सरकार बारिश पर निर्भर खेती को टिकाऊ और लाभकारी बनाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है. इसी दिशा में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय प्रधानमंत्री–राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (PM-RKVY) के तहत वर्षा सिंचित क्षेत्र विकास (RAD) कार्यक्रम को लागू कर रहा है. इस योजना का उद्देश्य किसानों की आय बढ़ाना, खेती को जलवायु बदलाव के अनुकूल बनाना और आजीविका को सुरक्षित करना है. यह योजना भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) द्वारा विकसित एकीकृत कृषि प्रणाली (आईएफएस) मॉडलों के माध्यम से सतत कृषि उत्पादन को बढ़ावा देती है.

एकीकृत कृषि प्रणाली पर आधारित योजना

आरएडी योजना भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) द्वारा विकसित एकीकृत कृषि प्रणाली (IFS) मॉडलों पर आधारित है. इसके तहत पारंपरिक फसलों को बागवानी, पशुपालन, मत्स्य पालन, कृषि-वानिकी, मधुमक्खी पालन जैसी गतिविधियों के साथ जोड़ा जाता है. इससे किसानों को खेती से कई स्रोतों से आय मिलती है और वे केवल एक फसल पर निर्भर नहीं रहते. इस योजना का एक बड़ा लाभ यह है कि यह किसानों को सूखा, अनियमित बारिश और चरम मौसम जैसी स्थितियों से निपटने में मदद करती है. खेती में विविधता लाकर और मृदा-नमी संरक्षण जैसी तकनीकों के जरिए जलवायु बदलाव के दुष्प्रभावों को कम किया जाता है.

लाखों किसानों को मिला लाभ

नीति आयोग ने वर्ष 2025 में आरएडी कार्यक्रम का मूल्यांकन किया. अध्ययन में पाया गया कि जहां इस योजना को स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार सही तरीके से लागू किया गया, वहां किसानों की आजीविका सुरक्षा में उल्लेखनीय सुधार हुआ है. खासकर सूखा प्रभावित क्षेत्रों में किसानों की अनुकूलन क्षमता बढ़ी है और फसल नुकसान का जोखिम कम हुआ है. आरएडी कार्यक्रम वर्ष 2014-15 से राष्ट्रीय सतत कृषि मिशन के तहत और 2022-23 से PM-RKVY का हिस्सा बनकर लागू किया जा रहा है. अब तक इस योजना के तहत राज्यों को 2,119.83 करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता दी जा चुकी है. इससे 8.50 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में 14.35 लाख किसानों को सीधा लाभ मिला है.

किसानों के प्रशिक्षण पर खास जोर

योजना के अंतर्गत एकीकृत कृषि प्रणाली अपनाने वाले किसानों को प्रति क्लस्टर 10,000 रुपये की सहायता दी जाती है, ताकि उनकी क्षमता का विकास हो सके. इसके अलावा, कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) के जरिए किसानों को प्रशिक्षण और प्रदर्शन कार्यक्रमों से जोड़ा जाता है. वर्ष 2024-25 में देशभर के केवीके ने 4,416 प्रदर्शन आयोजित किए और 96,013 किसानों को आईएफएस मॉडलों पर प्रशिक्षित किया. सरकार ने वर्ष 2025-26 के लिए आरएडी कार्यक्रम के तहत 343.86 करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को आवंटित की है. इससे योजना के दायरे को और बढ़ाया जाएगा.

यह जानकारी कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर ने लोकसभा में एक लिखित जवाब के जरिए दी. कुल मिलाकर, आरएडी योजना वर्षा आधारित क्षेत्रों में खेती को ज्यादा सुरक्षित, टिकाऊ और लाभकारी बनाने में अहम भूमिका निभा रही है.

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