UP:  सरकारी फार्मों के सुधरेंगे हालात, मॉडर्नाइजेशन के लिए फंड जारी

UP:  सरकारी फार्मों के सुधरेंगे हालात, मॉडर्नाइजेशन के लिए फंड जारी

उत्तर प्रदेश में किसानों के ही नहीं, बल्कि राज्य सरकार के भी अपने फार्म हैं, जिनमें खेती को समय के साथ आधुनिक और उन्नत बनाने के उपाय कृष‍ि कार्य करके ही किए जाते हैं. यूपी सरकार ने अपने फार्मों को आधुनिक बनाने की कवायद शुरू कर दी है. इसके लिए सरकार ने जरूरी राश‍ि भी जारी कर दी है.

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UP:  सरकारी फार्मों के सुधरेंगे हालात, मॉडर्नाइजेशन के लिए फंड जारीयूपी सरकार का इटावा में जौनई कृष‍ि फार्म

यूपी के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही की ओर से दी जानकारी में बताया गया है कि प्रदेश के तमाम इलाकों में स्थानीय परिस्थितियों के मुताबिक खेती को बेहतर बनाने के तरीकों को खोजने के लिए ये राजकीय कृष‍ि फार्म स्थापित किए गए थे. इनमें इटावा के जौनई कृष‍ि फार्म सहित तमाम फार्म बहुत पुराने हैं. इन फार्मों को आधुनिक कृष‍ि यंत्रों एवं शोध तकनीक से लैस किया जा रहा है. 

कृष‍ि विभाग के अनुसार सरकार के कृष‍ि फार्मों को 'फसल कृषि कर्म एवं कृषि विकास योजना' के अंतर्गत चरणबद्ध तरीके से उन्नत कृष‍ि सुविधाओं से लैस किया जाएगा. यह काम केन्द्र और राज्य सरकार की वित्तीय सहायता से किया जाना है.

जारी हुई राशि 

इस योजना के तहत केंद्र और राज्य सरकार ने अपने हिस्से की राशि जारी कर दी है. जिसके परिणामस्वरूप बुलंदशहर स्थित राजकीय कृषि फार्म के आधुनिकीकरण के लिए 59.77 लाख रुपये और हरदोई में महमूदपुर स्थित राजकीय कृषि फार्म के आधुनिकीकरण के लिए 2 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं. 

इसके अलावा मथुरा में आरएटीडीएस फार्म के उन्नयन और बुनियादी ढांचा एवं अन्य सुविधाओं के लिए 3.87 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं. लखनऊ में रहमान खेड़ा स्थित एसआईएमए के अधीन संचालित हो रहे राजकीय कृषि फार्म तथा सहिलामऊ फार्म के आधुनिकीकरण के लिए 90.10 लाख रुपये की स्वीकृति प्रदान की गई है. आधुनिकीकरण के काम में फार्म की मूलभूत सुविधाओं को बेहतर बनाने और नए कृष‍ि यंत्र आदि की खरीद पर यह राशि खर्च की जाएगी. इस बीच सरकार ने गोरखपुर में राजकीय कृषि विभाग के प्रशासनिक भवन की नई इमारत बनाने के लिए भी 1.35 करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं. 

कृष‍ि संस्थान भी होंगे नई मशीनों से लैस 

विभाग की ओर से बताया गया कि इस योजना के अंतर्गत कृष‍ि फार्म के अलावा खेती किसानी अध्ययन एवं शोध से जुड़े संस्थानों काे भी आधुनिक मशीनों से लैस किया जाना है. इसके अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2022-23 में मोदीपुरम स्थित कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय और मेरठ कॉलेज ऑफ टेक्नोलॉजी प्रयोगशाला के लिए 26 अत्याधुनिक मशीनों (लैब इक्विपमेंट) आदि की खरीद के लिए 2 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्रदान की गई है. 

इसके अलावा वित्तीय वर्ष 2022-23 के आय व्यय में नई मांग के माध्यम से बांदा स्थित कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय में कृषि अनुसंधान तथा शिक्षा पर पूंजीगत व्यय के लिए 1.50 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है.

वित्त वर्ष 2022-23 में जल एवं मिट्टी के संरक्षण तथा परीक्षण के लिए कार्यरत 05 जैव उर्वरक उत्पादन प्रयोगशालाओं काे तकनीकी कौशल से जोडने के लिए 4.06 करोड़ रुपये जारी करने की स्वीकृति प्रदान की गई है. इसके पहले चरण में इस मद के लिए 1.16 करोड़ रुपये की वित्तीय स्वीकृति मिली है. यह राशि खेती में जैव उर्वरकों के प्रयोग को प्रोत्साहित करने की योजना के तहत जारी की गई है.

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