यूपी सरकार ने कृषि उत्पादन बढ़ाने और किसानों की आय में सुधार लाने के उद्देश्य से एक जिला एक उत्पाद की तर्ज पर ‘एक ब्लॉक एक फसल’ कार्यक्रम शुरू किया है. इस कार्यक्रम के जरिए कृषि के साथ कृषि-औद्योगिक क्षेत्रों में मूल्य संवर्धन को बढ़ावा भी दिया जाएगा. उप्र कृषि विभाग के अपर निदेशक प्रसार और कार्यक्रम के नोडल अधिकारी आरके सिंह ने बताया कि प्रदेश के 127 विकास खंडों में चयनित फसलों की आपूर्ति श्रृंखला, ब्रांडिंग और बाजार पहुंच को मजबूत करने करने का प्लान है. जिससे हर ब्लॉक में विशेष फसल की ब्रांडिग कर बड़े बाजार में बेचा जा सकेगा.
उन्होंने कहा कि आने वाले समय में इस कार्यक्रम को प्रदेश के सभी ब्लॉकों में शुरू किया जा सकता है. एक ब्लॉक एक फसल ’कार्यक्रम के तहत, कृषि और बागवानी के साथ खाद्य प्रसंस्करण विभाग निर्यात को केंद्र में रखकर प्रसंस्कृत फसलों के लिए विशेष कृषि समूहों की पहचान और विकास करेगा.
आरके सिंह ने बताया कि यूपी सरकार इस कार्यक्रम को प्रभावी बनाने के लिए उच्च गुणवत्ता वाले बीजों, उर्वरकों और आधुनिक कृषि उपकरणों की आपूर्ति सुनिश्चित करेगी साथ ही किसानों को अधिक उत्पादन देने वाली किस्मों के लिए अनुसंधान संस्थानों के साथ सहयोग भी किया जाएगा. कृषि उत्पादकता और किसानों की आय में बढ़ोतरी के साथ इस कार्यक्रम के माध्यम से कटाई के बाद फसल प्रबंधन में सुधार, फसल बर्बादी को कम करने और भंडारण समेत ग्रेडिंग, पैकेजिंग और प्रसंस्करण सुविधाओं को बढ़ाने पर भी ध्यान केंद्रित करेगी. वहीं, प्रदेश सरकार किसानों और किसान उत्पादक संगठनों (FPO) को उन्नत कृषि तकनीकों और बाजार तक पहुंच बनाने से जुड़ी रणनीतियों पर प्रशिक्षण भी दिया जाएगा.
नोडल अधिकारी आरके सिंह बताते हैं कि यूपी सरकार कार्यक्रम के लिए जरूरी बुनियादी ढांचे को विकसित करने, आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करने और घरेलू और अंतरराष्ट्रीय व्यापार को सरल बनाने के लिए कई योजनाओं के तहत चयनित फसलों को प्राथमिकता देगी. कृषि और बागवानी विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी कार्यक्रम के लागू होने पर उसकी देखरेख के लिए जिम्मेदार होंगे. वहीं, कार्यक्रम को प्रभावी बनाने के उद्देश्य से हर विकास खंड के लिए नोडल अधिकारी की नियुक्ति की जाएगी.
ADA प्रसार आरके सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश का एक ब्लॉक एक फसल कार्यक्रम कृषि, बागवानी, खाद्य प्रसंस्करण, कृषि विपणन, कृषि निर्यात और मंडी परिषद जैसे विभागों के सहयोग से लागू किया जाएगा. इसके साथ प्रदेश सरकार ने अधिकारियों को कार्यक्रम के प्रभावी बनाने के लिए समय पर कार्रवाई सुनिश्चित करने का निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम से किसानों के फसलों को बढ़ावा मिलेगा और उसके साथ ही ब्लाकों को भी अपनी अलग पहचान मिलेगा. साथ ही एक उचित कीमत भी किसानों को मिलेगी.
बता दें कि प्रदेश में लगभग 50 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल पर लगभग 900 लाख टन गन्ने का उत्पादन होता है. उत्तर प्रदेश के पश्चिमी और दक्षिणी जिलों में गन्ने की अधिक खेती होती है. इसके अलावा यूपी की अन्य प्रमुख फसलों में दलहन, तिलहन, मक्का, सोयाबीन, तम्बाकू, आलू, तरबूज आदि फसलें भी शामिल हैं. वहीं सरकार की कोशिश अब उन उत्पाद को बढ़ावा देना है जो ब्लॉक स्तर पर किसानों को मुनाफा दे सकती है.
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