उत्तर प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में किसानों को बाजार ना मिलने के कारण उन्हें अपनी उपज का बेहतर मूल्य नहीं मिल पा रहा है. इस दिशा में अब सहकारी बैंक किसानों की मदद करेंगे. मेरठ में सरकारी बैंकों के माध्यम से गांव में डिपार्टमेंटल स्टोर (Departmental stores) खोले जाएंगे जिससे रोजगार के साथ-साथ विकास के अवसर भी बढ़ेंगे. स्टार्टअप संचालन के लिए युवाओं को सहकारी बैंक के माध्यम से ऋण दिया जाएगा जिससे बेरोजगार युवाओं को रोजगार और किसानों को अपने उत्पादों के लिए बेहतर बाजार मिल सकेगा. गांव में डिपार्टमेंटल स्टोर खोलने से तरक्की का रास्ता भी खुलेगा.
शहर से सटे हुए गांव तरक्की की राह पर है तो वहीं अब सुदूर गांव में भी जिला सहकारी बैंक के माध्यम से रोजगार के अवसर विकसित होंगे. मेरठ जनपद में जिला सहकारी बैंक के माध्यम से बड़े गांव में डिपार्टमेंटल स्टोर खोलने की तैयारी शुरू हो गई है. किसानों को अब अपना माल बेचने के लिए ज्यादा दूर जाने की जरूरत नहीं होगा. उन्हें गांव में ही घर बैठे एक बाजार मिल सकेगा. इस तरह की योजना सहकारिता के माध्यम से जिला सहकारी बैंक बना रहा है. इस योजना के माध्यम से किसानों को फायदा होगा और उन्हें मार्केटिंग से भी जोड़ा जाएगा.
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किसान अब तक अपने उत्पादन को बेचने के लिए बाजार का रुख करना पड़ता था लेकिन गांव में खुलने वाले डिपार्टमेंटल स्टोर के माध्यम से उसे बाजार भी उपलब्ध होगा. किसान अपने उत्पाद की मार्केटिंग नहीं कर पाता है जिससे उसे फसल का उचित मूल्य भी नहीं मिल पाता है. जिला सहकारी बैंक के सभापति विमल कुमार शर्मा ने बताया की शुरुआत में देहात के बड़े-बड़े गांव का चयन डिपार्टमेंटल स्टोर खोलने के लिए किया जाएगा. इन स्टोरों में किसानों को अपने बच्चों की शादी से लेकर परिवार की उपयोग के लिए जरूरी सामान के लिए शहर की ओर नहीं जाना पड़ेगा. वही किसानों को ऋण और कृषि यंत्र जैसे सामान भी उपलब्ध कराए जाएंगे. स्टार्टअप खोलने के लिए युवाओं को भी जिला सहकारी बैंक के माध्यम से ऋण दिया जाएगा. गांव के डिपार्टमेंटल स्टोर की आय का हिस्सा सभी किसानों को भी मिलेगा जो सहकारिता क्षेत्र के शेयर होल्डर हैं. गांव के इन स्टोरों में किसान दाल, दूध ,मट्ठा, मिठाई ,पनीर, खेल खिलौने ,फल, सब्जी जैसे सामान्य बेच सकेंगे.
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