फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (FCI) की गेहूं बिक्री की नीलामी में 475 रुपये प्रति क्विंटल तक की गिरावट देखी गई. एफसीआई ओपन मार्केट सेल स्कीम यानी कि OMSS के जरिये राज्यों के मिलर्स और व्यापारियों को गेहूं बेचता है. गुरुवार को इस बिक्री में गेहूं के दाम में 475 रुपये की कमी दर्ज की गई. इससे उम्मीद है कि खुले बाजार में गेहूं और आटा के भाव कम होंगे. इससे पहले 18 दिसंबर को गेहूं की नीलामी की गई थी. उस नीलामी के बाद गुरुवार की बिक्री में गेहूं के भाव में गिरावट आई है.
बीते दिन की नीलामी में सरकार ने कुछ बदलाव किए थे. इसमें राज्यों को बेचे जाने वाले गेहूं की मात्रा में कुछ बदलाव किया गया. इसमें कुछ राज्यों को गेहूं की अधिक मात्रा दी गई जबकि कुछ की मात्रा में कटौती की गई. इसमें ओडिशा, तेलंगाना, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, असम, बिहार, पंजाब और पश्चिम बंगाल के लिए गेहूं की मात्रा 10,700 टन बढ़ाई गई. दूसरी ओर, दिल्ली, गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, केरला, तमिलनाडु, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, आंध्र प्रदेश और पूर्वोत्तर के लिए 10,700 टन मात्रा घटाई गई.
नीलामी के दौरान यूपी में गेहूं की बिक्री 3 रुपये प्रति क्विंटल कम रेट पर हुई जबकि उन सभी राज्यों में जहां गेहूं की मात्रा बढ़ाई गई, वहां भाव में 71 से 475 रुपये प्रति क्विंटल तक की गिरावट देखी गई. इससे संकेत मिलता है कि जहां सरकार ने गेहूं अधिक बेचा या ओएमएसएस के तहत अधिक खेप उतारी, वहां गेहूं के भाव में गिरावट देखी गई. इससे खुले बाजार में गेहूं और आटे के रेट में कमी दर्ज की जा सकती है. अभी इन दोनों चीजों के रेट आम लोगों को परेशान कर रहे हैं क्योंकि गेहूं का भाव 25 रुपये से ऊपर और आटा भी 35 रुपये से अधिक के भाव पर बिक रहा है.
उन तीन प्रमुख राज्यों की बात करें जहां गेहूं बिक्री के रेट में गिरावट देखी गई है तो उसमें पंजाब, पश्चिम बंगाल और बिहार के नाम हैं. पंजाब में 150 रुपये प्रति क्विंटल, बंगाल में 154 रुपये और बिहार में 169 रुपये प्रति क्विंटल तक कमी दर्ज की गई है. रेट में सबसे अधिक गिरावट छत्तीसगढ़ में 300 रुपये प्रति क्विंटल तक है.
गेहूं बिक्री का दूसरा पहलू ये है कि जिन राज्यों में बिक्री की मात्रा घटाई गई, वहां उसके भाव में तेजी देखी गई. इन राज्यों में एफसीआई के जरिये गेहूं बिक्री में 20 रुपये से 99 रुपये तक की तेजी दर्ज की गई. इस मामले में पंजाब फ्लोर मिलर्स एसोसिएशन के एक पूर्व अध्यक्ष ने कहा, सरकार को पंजाब के लिए गेहूं की मात्रा बढ़ानी चाहिए क्योंकि सप्लाई पूरी तरह से खत्म है जबकि यहां के मिलर्स एफसीआई के गेहूं पर निर्भर हैं. उन्होंने कहा कि पंजाब में मार्च तक ओएमएसएस की नीलामी जारी रहनी चाहिए.
महंगाई को देखते हुए केंद्र सरकार के खाद्य मंत्रालय ने खुले में गेहूं बिक्री की स्कीम शुरू की थी. इस स्कीम का नाम ओएमएसएस है. इसमें 27 नवंबर को खाद्य मंत्रालय ने एफसीआई को खुले बाजार में 25 लाख टन गेहूं बेचने की अनुमति दी. इसमें ई-नीलामी के जरिये आटा मिल मालिकों और गेहूं से अन्य प्रोडक्ट बनाने वाले प्रोसेसर्स को गेहूं दिया जाता है. गेहूं के अन्य व्यापारी भी इस स्कीम का लाभ ले सकते हैं. इसे 31 मार्च, 2025 तक चलाया जाना है.
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