केवाईसी (KYC) से आपका बराबर पाला पड़ता होगा. केवाईसी का मतलब है 'नो योर कस्मटर', यानी अपने ग्राहक को जानो. बैंक में खाता खुलवाना हो या मोबाइल फोन का सिम कार्ड लेना हो, आपको केवाईसी की एक पूरी प्रक्रिया से गुजरना होता है. इसमें आपसे कुछ जरूरी जानकारी मांगी जाती है. यह जानकारी दस्तावेज के रूप में होती है. जहां आप केवाईसी कराते हैं, वह संस्थान उसी दस्तावेज की मदद से आपके बारे में जानकारी जुटाता है. संस्थान फिर उस जानकारी या दस्तावेज को सबूत के तौर पर अपने पास रख लेता है. आगे किसी प्रकार की गड़बड़ी होने पर उसी दस्तावेज के आधार पर कार्रवाई की जाती है. ये हुई KYC की बात. लेकिन अगर आप PM Kisan स्कीम का लाभ लेते हैं तो आपको ई-केवाईसी की जानकारी होगी. अगर जानकारी नहीं है तो चलिए हम आपको बता देते हैं.
eKYC का सीधा अर्थ है इलेक्ट्रॉनिक केवाईसी. यानी ऐसी केवाईसी जो इलेक्ट्रॉनिक तरीके से होती है. यह ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों तरीके से हो सकती है. इससे इतर फिजिकल केवाईसी होती है जिसमें ग्राहक को बैंक या मोबाइल की दुकान पर अपने दस्तावेज खुद जमा कराने होते हैं. इसमें ग्राहक अपने आधार, पैन, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, मतदाता पहचान पत्र जैसे कागजों का प्रिंटआउट जमा करता है. ग्राहक अगर यही काम इलेक्ट्रॉनिक तरीके से ऑनलाइन या ऑफलाइन करे तो उसे ई-केवाईसी कहेंगे. केवाईसी या ईकेवाईसी इसलिए कराया जाता है ताकि ग्राहक को मनी लॉन्ड्रिंग से रोका जा सके. इसमें किसान को आधार नंबर अनिवार्य तौर पर देना होता है.
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अभी यह शब्द बहुत प्रचलित हुआ है क्योंकि किसानों के खाते में पीएम किसान स्कीम का पैसा आने वाला है. सरकार किसानों को पीएम किसान की 14वीं किस्त जारी करने वाली है. लेकिन इसमें एक शर्त ये है कि जिन किसानों का पीएम किसान में ई-केवाईसी पहले हो चुकी है, उन्हें ही स्कीम का पैसा मिलेगा. जिन किसानों ने ई-केवाईसी नहीं कराई है, उन्हें पीएम किसान का पैसा नहीं मिलेगा.
सरकार शुरू से आगाह करती रही है कि जिन किसानों को पीएम किसान स्कीम का लाभ लेना है, वे तुरंत अपने खाते की ई-केवाईसी करा लें. इसके बावजूद देश के लाखों किसानों ने eKYC नहीं कराई है. इसकी वजह से वे पीएम किसान की 14वीं किस्त से वंचित रह जाएंगे. यह तादाद दो करोड़ 14 लाख से भी ज्यादा है. यह जानकारी खुद केंद्रीय कृषि मंत्री ने संसद में दी है. आप अंदाजा लगा सकते हैं कि पीएम किसान स्कीम में ई-केवाईसी का कितना बड़ा रोल है.
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पीएम किसान की वेबसाइट पर जाएं तो एक लाइन साफ शब्दों में लिखी हुई है. ये लाइन है- पीएम किसान रजिस्टर्ड किसानों के लिए ई-केवाईसी अनिवार्य है. इसके लिए किसान को ओटीपी आधारित ई-केवाईसी करानी होती है जिसे पीएम किसान पोर्टल पर या अपने नजदीकी जन सुविधा केंद्र पर कराया जा सकता है. ई-केवाईसी बायोमीट्रिक आधारित प्रक्रिया होती है जिसमें किसान को अंगूठे का निशान देना होता है. आइए जानते हैं कि ई-केवाईसी कैसे होती है.
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