ट्रेन दुर्घटनाओं के पीड़ितों या सामान चोरी से होने वाले यात्रियों के नुकसान की भरपाई के लिए भारतीय रेलवे आईआरसीटीसी के जरिए ट्रैवल इंश्योरेंस की सुविधा देता है. यह इंश्योंरेस 1 रुपये से भी कम कीमत पर मिलता है, जो यात्री को 10 लाख रुपये का दुर्घटना बीमा कवरेज की सुविधा देता है. लेकिन, ऐसा देखा गया है कि कई बार यात्री इसे सेलेक्ट करने में लापरवाही करते हैं और दुर्घटना या चोरी का शिकार होने पर वित्तीय नुकसान झेलते हैं. बीते दिन आंध्र प्रदेश में ट्रेन के दुर्घटना ग्रस्त होने से 13 लोगों की मौत हो गई है, जबकि इससे पहले ओडिशा के बालासोर में भीषण ट्रेन दुर्घटना में बड़ी संख्या में लोग प्रभावित हुए थे.
भारतीय रेलवे का ट्रैवल इंश्योरेंस की सुविधा ऑनलाइन टिकट बुक करने वाले यात्रियों को मिलती है. रेलवे निजी बीमा कंपनियों के साथ करार करके यात्रियों को दुर्घटना बीमा का लाभ देता है. अगर टिकट बुक करते समय ट्रैवल इंश्योरेंस का विकल्प चुनते हैं तो ट्रेन दुर्घटना में यात्री को किसी भी तरह का नुकसान होता है तो, उसकी भरपाई बीमा कंपनी करती है. बिना किसी असुविधा के बीमा राशि पाने के लिए यात्रियों को नॉमिनी फॉर्म भी भरना होता है.
जब आप ऑनलाइन टिकट बुक करते हैं तो वेबसाइट और ऐप पर रेलवे ट्रैवल इंश्योरेंस विकल्प के रूप में बॉक्स आता है उसे सेलेक्ट करके सहमित देनी होती है. इसके बदले में बीमा कंपनी 35 पैसा + लागू जीएसटी दर (टैक्स) बतौर प्रीमियम आपकी टिकट के साथ जोड़कर ले लेता है. टैक्स जुड़ने के बाद भी इंश्योरेंस की कीमत 1 रुपये से भी कम पड़ती है. इंश्योरेंस ऑप्शन सेलेक्ट करने पर यात्री के रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर और ई-मेल आईडी पर बीमा कंपनी की और से एक लिंक भेजा जाता है, जिसमें नॉमिनी की डिटेल भरनी होती हैं. क्योंकि, नॉमिनी डिटेल्स देने के बाद बीमा क्लेम मिलने में आसानी होती है.
रेलवे ट्रैवल इंश्योरेंस होने पर यात्रा के समय कोई दुर्घटना हो जाती है तो रेल दुर्घटना में यात्री के नुकसान की भरपाई बीमा कंपनी करती है. दुर्घटना में यात्री को हुए नुकसान के अनुसार ही बीमा राशि मिलती है.
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ट्रेन दुर्घटना के पीड़ित व्यक्ति या उसके नॉमिनी, उत्तराधिकारी इंश्योरेंस क्लेम कर सकता है. ट्रेन एक्सीडेंट के 4 महीने की अवधि के अंदर बीमा क्लेम करना होता है. आप इंश्योरेंस कंपनी के दफ्तर जाकर इंश्योरेंस क्लेम के लिए एप्लीकेशन दे सकते हैं और पॉलिसी नंबर समेत अन्य जरूरी डॉक्यूमेंट भी जमा करने होते हैं.इसके अलावा संबंधित बीमा कंपनी की वेबसाइट के जरिए क्लेम प्रॉसेस ऑनलाइन भी किया जा सकता है.
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